जालसाजी की सजा ! 5 चेक में ‘एक’ हजार को कर दिया ‘एकयासी’ हजार और बैंक से निकाल लिए 4 लाख रुपए, न्यायालय ने सुनाई 10 साल की सजा, जुर्माना भी किया
चेक में हेरा-फेरी कर चार लाख रुपए की जालसाजी करने वाले एक अभियुक्त को रतलाम के सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्ति जेल में है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने जालसाजी के एक पांच साल पुराने मामले में अभियुक्त को सात साल के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अभियुक्त पर जुर्माना भी किया गया है। अभियुक्त ने नगर निगम के पूर्व कर्मचारी को होम लोन दिलाने के का झांसा देकर उनके द्वारा दिए चेक में लिखी राशि एक हजार (1000) को एकयासी हजार (81,000) कर बैंक से 4 लाख रुपए से अधिक निकाल लिए थे।
अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि फरियादी बदरुद्दीन निवासी सूरजमल जैन नगर रतलाम को नगर निगम में दरोगा के पद से सेवानिवृत हुए थे। उन्हें सेवानिवृत्त होने पर नगर निगम से 7 लाख रुपए मिले थे। उक्त रुपयों में से करीबन ढाई लाख रुपए उन्होंने खर्च कर दिए थे। शेष करीब 4 लाख 50 हजार रुपए इंडियन बैंक में उनके खाते में जमा थे। पाटीदार के अनुसार अर्जुन नगर में उनके मकान का काम चल रहा था। इसी दौरान जून 2020 के प्रथम सप्ताह उनसे एक व्यक्ति मिला। उसने अपना नाम संजय सोलंकी निवासी दौर बताया।
मकान दो मंजिला बनाने की दी सलाह
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि संजय सोलंकी ने बदरुद्दीन को अपना मकान दो मंजिला बनवाने की सलाह दी। इसके लिए उसने बैंक से साढ़े आठ प्रतिशत ब्याज की दर से 15 लाख रुपए का लोन दिवाने का वादा भी किया। इसके लिए उसने बदरुद्दीन से उनके बैंक का स्टेटमेंट सहित अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट मांगे। इसके बाद 20 जून 2020 को सुबह करीब 9-10 बजे संजय सोलंकी उनके घर आया। उसने स्टाम्प ड्यूटी के लिए दो-दो हजार रुपए टिकट के तथा एक हजार रुपए खर्च के मांगे। संजय के मांगने पर बदरुद्दीन ने इंडियन बैंक के पांच चेक दिए जिस पर आरोपी संजय सोलंकी ने उनके सामने पांचों चेक पर एक-एक हजार रुपए की राशि लिखी और बदरुद्दीन के हस्ताक्षर भी करवाए।
मैनेजर मौका देखने आएंगे, फोन बंद कर लेना
आरोपी संजय सोलंकी ने चेक लेने के बाद बदरुद्दीन से कहा कि वे सुबह 11 से अपराह्न 4 बजे तक अपना फोन बंद रखें। उसने बताया कि मैनेजर मौका देखने आएंगे जिस पर लोन लिया जाना है। बदरुद्दीन ने वैसा ही किया और शाम 5 बजे संजय सोलंकी को कॉल किया तो उसका मोबाइल फोन बंद मिला। जब संपर्क नहीं हुआ तो वे इंडियन बैंक पहुंचे और तो पता चला कि उनके खाते से 4 लाख 5 हजार रुपए निकाल लिए गए हैं। बैंक में यह भी पता चला कि आरोपी द्वारा उनके द्वारा दिए गए सभी चैक में लिखी राशि में हेरा-फेरी कर चार लाख रुपए से अधिक निकाल लिए गए हैं। इस धोखाधड़ी की शिकायत बकरुद्दीन ने स्टेशन रोड थाने पर की जहां आरोपी संजय सोलंकी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 में एफआईआर दर्ज की।
ऐसे किया राशि का ट्रांजेक्शन
प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस ने विवेचना शुरू की और 13 अक्तूबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के आधार पर उसके बैंक खाते व स्टेटमेंट की जानकारी इंडियन बैंक की विजयनगर इंदौर शाखा से प्राप्त की गई। इसमें पता चला कि उसके खाते में 4 लाख 5 हजार रुपए जमा हुए हैं। उसने सेल्फ चेक के माध्यम से दो लाख रुपए विड्रॉल किए। 20 जून 2020 को 50-50 हजार रुपए चार अन्य खातों में आईएमपीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। पुलिस को संजय के मकान से 30 हजार रुपए नगद, लोन दिलाने की रजिस्ट्री की छाया प्रति, 1 लाख रुपए व 5 हजार रुपए नगदी व उसकी अपूर्व कॉलोनी रतलाम स्थित ससुराल से 13 हजार रुपए जब्त हुई। इस तरह से कुल 1 लाख 48 हजार रुपए जब्त हुए हैं।
चेक में ऐसे की हेरा-फेरी
अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि अभियुक्त संजय सोलंकी ने जो पांच चेक फरियादी बकरुद्दीन से लिए थे। उन पर उसने ‘एक’ में ‘यासी’ शब्द जोड़कर ‘एकयासी’ कर लिया था। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने उक्त सभी चैक, जमा पर्ची, उसके स्वयं के चेक जांच के लिए भोपाल लैब भेजे थे। जहां जांच में चेक पर ‘यासी’ शब्द बाद में लिखना पाया गया। पांचों चेक, जमा पर्ची, स्वयं के चेक में आरोपी संजय सोलंकी की राइटिंग पाई गई।
इन धाराओं में हुई सजा
दोषसिद्ध पाए जाने पर सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त संजय सोलंकी (42) निवासी मड़ावदा, तहसील खाचरौद, जिला उज्जैन, हाल मुकाम 278 कल्याण कॉलोनी पीथमपुर जिला धार को दंडित किया। अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में 7 वर्ष, धारा 467 में 10 वर्ष, धारा 468 में 7 वर्ष व धारा 471 में 7 वर्ष की सजा और सभी धाराओं में 500-500 रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है। अभियुक्त गिरफ्तारी के बाद से जेल में है।