रतलाम पुलिस ने साइबर ग्रूमिंग एवं सोशल मीडिया फ्रॉड से बचने के लिए जारी की एडवाइजरी, ताकि- आप रहें सुरक्षित

रतलाम की साइबर क्राइम सेल ने साइबर ग्रूमिंग और सोशल मीडिया फ्रॉड को लेकर एडवाइजरी जारी की है। जानिए- आप इनसे खुद को और अपने बच्चों को कैसे बचा सकते हैं।

रतलाम पुलिस ने साइबर ग्रूमिंग एवं सोशल मीडिया फ्रॉड से बचने के लिए जारी की एडवाइजरी, ताकि- आप रहें सुरक्षित
साइबर ग्रूमिंग और सोशल मीडिया फ्रॉड से रहें सावधान।
  • रतलाम साइबर क्राइम सेल ने जारी की एडवाइजरी
  • सोशल मीडिया फ्रॉड से बचने की सलाह दी
  • साइबर ग्रूमिंग से बच्चों को बचाने की सलाह

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । साइबर ठगी के नए नए तरीकों से लोगों को ठगने के बढ़ते मामलों को देखते हुए रतलाम की साइबर क्राइम सेल ने आमजन के लिए लगातार एडवाइजरी जारी की जा रही हैं। इसमें साइबर ठगी के नए-नए तरीकों के प्रति जागरूक रहने की अपील की जा रही हैं। एडवाइजरी में साइबर अपराधों के तरीके और उनसे बचने के उपाय भी बताए जा रहे हैं। सेल ने इस बार की एडवाइजरी में साइबर ग्रूमिंग एवं सोशल मीडिया फ्रॉड से बचने के तरीके बताए जा रहे हैं ताकि आप सुरक्षित रहें।

आजकल हर उम्र के व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जा रहा है। सोशल मीडिया के उपयोग के दौरान बच्चों द्वारा थोड़ी सी भी असावधानी बरतने पर वे सायबर ग्रूमिंग का शिकार बन सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एसपी अमित कुमार के निर्देशन पर एएसपी राकेश खाखा के मार्गदर्शन में साइबर क्राइम सेल निरंतर कार्य कर रही है। सेल द्वारा जारी ताजा एडवाइजरी में साइबर ग्रूमिंग और सोशल मीडिया फ्रॉड से बचने को लेकर आगाह किया गया है।

क्या है साइबर ग्रूमिंग ?

सोशल मीडिया पर कई बार साइबर अपराधी हमारे परिचित या दोस्त की फेक प्रोफाइल बनाकर उनके नाम से बातचीत शुरू करते हैं। वे बच्चों का विश्वास जीतकर धीरे-धीरे बच्चों से व्यक्तिगत जानकारी, बच्चों के फोटोज, वीडियोज लेकर बच्चों को ब्लैकमेल करते हैं। इस प्रकार की घटना बच्चों के परिचित या दोस्तों द्वारा भी की जा सकती है। शुरुआत में अपराधी बच्चों से उनकी रुचि अनुसार बाते करते हैं और धीरे-धीरे उनका विश्वास जीत लेते हैं। फिर उनसे अश्लील बातें चैटिंग करने लगते हैं। बच्चों के अंतरंग फोटो-वीडियो साझा करवा लेते हैं। इन फोटो-वीडियो या चैटिंग के स्क्रीन शॉट के माध्यम से बच्चों को ब्लैकमेल करते हैं और अपनी बातें मानने के लिए दबाव बनाते हैं।

सोशल मीडिया पर फ्रॉड ?

साइबर अपराधी बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जानकारी चुराकर उसका अध्ययन करते हैं। फिर उनके अभिभावकों को फोन कर फर्जी पुलिस केस या अपहरण की झूठी जानकारी सुनाकर ठगी का प्रयास करते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर आकर्षक ऑफर और सस्ते समान का लालच देकर, आकर्षक प्रोफाइल पिक्चर लगाकर या विदेशी दोस्त बनकर भी जाल में फसाते हैं। इस तरह वे धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। 

सोशल मीडिया फ्रॉड और साइबर ग्रूमिंग से बचने के लिए ये बरतें सावधानियां

प्रोफाइल लॉक रखें : सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट की प्रोफाइल लॉक रखें या सेफ गार्ड का यूज करें। इससे कोई भी आपकी प्रोफाइल पिक्चर का स्क्रीन शॉट नहीं ले पाएगा एवं अन्य जानकारी नहीं देख सकेगा। इससे आपकी प्रोफाइल की क्लोनिंग नहीं हो पाएगी।

टू-स्टेप वेरिफिकेशन उपयोग करें : सभी सोशल मीडिया अकाउंट के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन सेटिंग्स को इनेबल रखें। इससे जब भी कोई आपके सोशल मीडिया एकाउंट में घुसने की कोशिश करगा तो आपके पास वेरिफाई करने के लिए मैसेज आएगा। ध्यान रहे कि यदि आपने लॉग-इन करने का प्रयास नहीं किया है तो आप ऐसा मैसेज आने पर वेरिफाई नहीं करें।

सुरक्षित पासवर्ड रखें : हमेशा अपने सोशल मीडिया अकाउंट का एक मजबूत पासवर्ड रखे जिसे समय समय पर बदलते रहे। किसी भी न्यू डिवाइस पर सोशल मीडिया यूज करने पर ब्राउजर में पासवर्ड सेव करने की परमिशन को अलाऊ नहीं करें। उपयोग करने के बाद लॉग आउट करना भी न भूलें। सोशल मीडिया अकाउंट से लिंक ई-मेल आईडी के लिए भी यही सुरक्षा मापदंड अपनाएं। 

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अननोन फ्रैंड रिक्वेस्ट से बचें : सोशल मीडिया पर अननोन व्यक्ति की फ्रैंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करें। अपराधी कोई आकर्षक डीपी लगाकर भी फ्रैंड रिक्वेस्ट भेज सकता है। ऐसे लोग यदि आपकी फ्रैंड लिस्ट में जुड़ जाते हैं तो आपकी जानकारी चुराकर उसका दुरुपयोग कर सकते है।

फेक प्रोफाइल से सावधान रहें : कभी-कभी साइबर अपराधी आपके परिचित की फोटो लगे अकाउंट से भी रिक्वेस्ट भेजते हैं। कोई भी फ्रैंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने से पहले यह जांच लें कि यह फेक अकाउंट तो नहीं है ? पुष्टि होने के बाद ही उसे फ्रैंड लिस्ट में एड करें।

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निजी जानकारी साझा न करें : सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की निजी जानकारी साझा नहीं करना चाहिए। सोशल मीडिया फ्रैंड्स के साथ किसी भी प्रकार के अपने व्यक्तिगत फोटो-वीडियो साझा नहीं करना चाहिए। आपके परिवार के बारे में भी कोई जानकारी नहीं देना चाहिए।

प्राइवेसी सेटिंग्स एक्टिव करें : सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट, फोटो या वीडियो शेयर करते समय प्राइवेसी सेटिंग्स ऑप्शन का उपयोग करना चाहिए। इससे कि पोस्ट केवल उन्हीं व्यक्ति तक पहुंचेगी जिन्हें हम भेजना चाहते हैं।

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अनजान लिंक से बचें : सोशल मीडिया पर कई बार हमें फ्रैंड्स के माध्यम से इनबॉक्स में या किसी पोस्ट के कॉमेंट बॉक्स में या किसी आकर्षक ऑफर के साथ पोस्ट की गई कोई लिंक मिल जाती है। इसे जल्दबाजी में बिना सोचे-समझे हम उस पर क्लिक कर देते हैं। इससे हमारे फोन का एक्सेस सायबर अपराधियों के पास चले जाता है। अतः ऐसी लिंक पर क्लिक करने से बचें।

आकर्षक ऑफर से रहें सावधान : सोशल मीडिया पर बहुत आकर्षक ऑफर में कोई चीज हमेx बाजार मूल्य से बहुत सस्ती दिखाई जाती है। यह सायबर फ्रॉड हो सकता है। सोशल मीडिया पर प्रसारित इस प्रकार के विज्ञापनों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

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अभिभावकों के लिए सलाह

  • सोशल मीडिया पर बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। यदि बच्चे सोशल मीडिया उपयोग के दौरान सतर्क नहीं रहते हैं, तो वे सायबर अपराधियों का शिकार बन सकते हैं। सायबर अपराधियों से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अभिभावकों को बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखना और उनके साथ संवाद बनाए रखना महत्वपूर्ण है। बच्चों को सिखाएं कि वे अपने व्यक्तिगत विवरण (फोन नंबर, पता, स्कूल का नाम) ऑनलाइन साझा न करें। बच्चों को सिखाएं कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए मजबूत और सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें।
  • बच्चों से इस प्रकार संवाद स्थापित करें कि सोशल मीडिया के माध्यम से यदि उनको ब्लैकमेल किया जाए तो तुरंत बिना डरे माता-पिता व पुलिस को बताएं। बच्चों को यह भी बताएं कि पुलिस पीड़ित बच्चों की पहचान को उजागर किए बिना हरसंभव मदद करती है।