चूक या अनदेखी ? रतलाम पुलिस को दिया चकमा, बांसवाड़ा पुलिस ने जब्त किया DP ज्वैलर्स का 14 करोड़ का सोना-चांदी, 3 आरोपी गिरफ्तार, आयकर व जीएसटी विभाग को सौंपा, देखें वीडियो...

बांसवाड़ा पुलिस ने रतलाम की डीपी ज्वैलर्स फर्म का 14 करोड़ रुपए का सोना और चांदी जब्त किया है। टैक्स चोरी की शंका में आयकर और जीएसटी विभाग भी जांच रहे हैं।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम / बांसवाड़ा । चुनाव के दौरान भी रतलाम जिले की अन्य राज्यों और जिलों से लगी सीमाएं कितनी सुरक्षित हैं, इसकी बानगी राजस्थान में देखने को मिली। राजस्थान की बांसवाड़ा पुलिस ने रतलाम पुलिस को चकमा देकर ले जाया जा रहा 14 करोड़ रुपए के सोने-चांदी के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। सोना चांदी रतलाम की प्रसिद्ध फर्म डीपी ज्वैलर्स का बताया जा रह  है। पुलिस ने मामला आयकर और जीएसटी विभाग को सौंप दिया है।

मध्यप्रदेश के साथ ही पड़ोसा राज्य राजस्थान में भी विधानसभा निर्वाचन हो रहे हैं। इसके मद्देनजर मध्यप्रदेश-राजस्थान सीमा पर चैक पोस्ट पर चैकिंग के दावे प्रशासन और पुलिस द्वारा किए जा रहे हैं। इसके बावजूद रतलाम से बड़ी मात्रा में सोना और चांदी रतलाम जिले की सीमा से पार हो गया। इसकी पुष्टि बांसवाड़ा पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से हो गई है।

बांसवाड़ा एसपी अभिजीत सिंह के अनुसार बांसवाड़ा जिले के दानपुरा थाना क्षेत्र के बारीघाटा चैक पोस्ट पर चैंकिंग की जा रही थी। इसी दौरान रतलाम की तरफ से आ रहे बंद बॉडी वाला बोलेरो वाहन वहां से गुजरा। उसे रोक कर तलाशी ली गई थी उसमें में 17.931 किलो सोने के तथा 49.831 किलो चांदी के जेवर पाए गए। सोने की कीमत करीब 14 करोड़ रुपए है। 

इसलिए हुई टैक्स चोरी की संख्या

एसपी के अनुसार वाहन में चालक के अलावा दो अन्य लोग सवार थे। पूछताछ करने पर उन्होंने अपने नाम  चालक शंकरलाल पिता जगन्नाथ वर्मा निवासी ब्यावरा जिला राजगढ़ (मध्यप्रदेश), विजयसिंह पिता चैनसिंह भाटी निवासी तुलसी नगर रतलाम व रजयपाल पुत्र मईकोलाल यादव निवासी ग्राम मनोहरपुर जिला उन्नाव (यूपी) बताए। उन्होंने बताया कि सोने-चांदी के आभूषण रतलाम की डीपी ज्वैलर्स फर्म के हैं जिसे अन्य ब्रांच में पहुंचाने के लिए बांसवाड़ा और कोटा ले जाया जा रहे हैं। चूंकि रतलाम से कोटा जाने का दूसरा रास्ता भी है इसलिए शंका होने पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर सोना-चांदी और वाहन जब्त कर लिया। पुलिस ने टैक्स चोरी की शंका के चलते मामला जीएसटी व आयकर विभाग को भी सौंपा है।