जल शक्ति मंत्रालय ने मनाया 75वां गणतंत्र दिवस, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 'ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन की नायक' 475 महिलाओं से किया संवाद

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 'ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन की नायक' देशभर से आईं 475 महिलाओं के साथ गणतंत्र दिवस मनाया और उनसे संवाद किया।

जल शक्ति मंत्रालय ने मनाया 75वां गणतंत्र दिवस, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 'ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन की नायक' 475 महिलाओं से किया संवाद
जल शक्ति मंत्रालय द्वार स्वच्छता मिशन का जश्न मनाने के दौरान साहित्य का विमोचन किया गया।

एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । जल शक्ति मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की संध्या पर नई दिल्ली में एसबीएम-जी की बदलाव लाने वाली महिलाओं को सम्मानित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें देशभर की 475 से अधिक महिलाओं ने सहभागिता की। इस दौरान स्वच्छता के क्षेत्र में परिवर्तन लाने को लेकर सार्थक संवाद हुआ।

आयोजन का उद्देश्य सहयोग को बढ़ावा देकर प्रगति को आगे बढ़ाना था। इसकी योजना सिर्फ जश्न मनाने के लिए नहीं बल्कि सार्थक रणनीतिक चर्चा के लिए बनाई गई थी। इन विचारों ने स्वच्छता क्षेत्र में परिवर्तन लाने वाली महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाया और व्यावहारिक विचार-विमर्श का अवसर दिया। यह भविष्य की नीति निर्माण को प्रभावित कर सकता है। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और जल शक्ति राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के साथ एक जीवंत संवाद हुआ। इसमें देश की 475 से अधिक महिलाएं शामिल हुईं।

ओडीएफ प्लस मॉडल की अवधारणा पर डाला प्रकाश

एसबीएम-जी के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक जीतेंद्र श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और महिला परिवर्तनकर्ताओं को व बदलाव लाने के लिए बधाई दी जो वे दुनिया में देखना चाहती हैं। उन्होंने देश भर में एसबीएम की प्रगति के बारे में जानकारी दी। इससे नेत्रियों के उत्साह और प्रेरणा के कारण जल्द ही अधिक से अधिक गांव ओडीएफ प्लस मॉडल श्रेणी में आ पाएंगे। ओडीएफ प्लस मॉडल गांव अपनी ओडीएफ स्थिति को बनाए रखते हैं। ये ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था करते हैं और देखने में स्वच्छ होते हैं।

विभिन्न राज्यों से सीखते हुए स्वच्छता में जनभागीदारी पर ध्यान केंद्रित करें

अपर सचिव और मिशन निदेशक, जेजेएम चंद्रभूषण कुमार ने कार्यक्रम का संदर्भ बताया। उन्होंने आयोजन का संदर्भ नारी सशक्तिकरण  है क्योंकि महिलाओं ने एसबीएम-जी सहित सभी क्षेत्रों में खुद को नेतृत्वकर्ताओं और चेंजमेकर्स में बदल दिया है। स्वच्छता यात्रा को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 'हमें अपनी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों में सुधार करना चाहिए। विभिन्न राज्यों से सीखते हुए,  संपूर्ण स्वच्छता के लिए जन भागीदारी' पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना चाहिए।

उपलब्धियां छोटी नहीं, लेकिन सुस्ताने जितनी बड़ी भी नहीं

इस कार्यक्रम ने "स्वच्छता शक्ति : जमीनी स्तर पर भारत की स्वच्छता स्थिति को बदलने वाली महिलाओं की कहानियां" पर भी प्रकाश डाला। यह समर्पित महिलाओं के अनुकरणीय कार्यों के लिए एक आदर्श है। बातचीत के दौरान गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि एसबीएम की सफलता 11 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण, 5 लाख से अधिक गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किए जाने और 4 लाख से अधिक गांवों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। इससे स्पष्ट है ये उपलब्धियाँ कोई छोटी उपलब्धि नहीं हैं, फिर भी ये इतनी बड़ी भी नहीं हैं कि हम अपनी उपलब्धियों पर सुस्ताने लगें।'

महिला चेंजमेकर का सहयोग आपेक्षित

उन्होंने एसबीएम-जी के मिशन को 'दीर्घकालिक प्रयास' बताया और कहा महिला चेंजमेकर्स के साथ बातचीत करना विशेष है क्योंकि महिलाओं ने हमेशा स्वच्छता की यात्रा को आगे ले जाने में, एक नई गति, नई ऊर्जा और एक नया जीवन प्रदान किया है। हमें और अधिक गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित करके एसबीएम-जी आंदोलन पर आगे बढ़ना चाहिए। इसके लिए उन्होंने महिला चेंजमेकर्स से सहयोग मांगते हुए उनसे एसबीएमजी संपत्तियों के लिए समुदाय में स्वच्छता की संस्कृति और स्वामित्व की भावना पैदा करने में मदद करने का अनुरोध किया।

विविधता में एकता से मजबूत होता है विश्वास

कार्यक्रम में उपस्थित महिला चैंपियनों की सराहना करते हुए राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि आप सभी मिलकर अद्वितीय स्थलाकृति और इलाके के साथ,'विभिन्न राज्यों से आने वाली महिलाशक्ति को प्रेरणा देती हैं। आप सभी को एक साथ जोड़ने वाला सामान्य सूत्र स्वच्छता कार्यक्रम और मिशन के लिए अटूट प्रतिबद्धता है। एक स्वच्छ राष्ट्र की खोज में सामूहिक प्रयास करते हुए, भौगोलिक सीमाओं के पार, एकता की सच्ची भावना का प्रतीक हैं।" यह विविधता में एकता, मेरे विश्वास को मजबूत बनाती है कि आपके समर्पण और कड़ी मेहनत से, भारत स्वच्छता में दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश करेगा। एसबीएम ने एक क्रांति के माध्यम से दुनिया का सबसे बड़ा व्यवहार परिवर्तन का अभियान चलाया है, जिससे डायरिया से होने वाली मौतों को रोकने, पोषण और उत्पादकता में सुधार करने में मदद मिली है। हमें प्रौद्योगिकी समाधानों को देखना चाहिए और एक-दूसरे से सीखना चाहिए। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अपने समुदाय, विभागों के साथ सहयोग करने, और एसएचजी के साथ जुड़ कर महिलाओं का समर्थन करने के प्रयासों में दृढ़ता से प्रतिबद्ध रहें। हमारे काम को आकार देने में आप सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

क्रॉस लर्निंग के लिए डिजिटल हैंडल का अनुसरण करने की प्रेरणा दें

अपने समापन भाषण में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा, हमारे साथ अपने अनुभव साझा करने वाली सभी बदलाव निर्माताओं को अपने गांव वापस जाकर, घर के लोगों को देश भर में स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे अनुकरणीय कार्यों के बारे में बताना चाहिए। उन्हें पर्यावरण अनुकूल और आर्थिक रूप से व्यवहार्य प्रथाओं का पालन करने और क्रॉस लर्निंग के लिए हमारे डिजिटल हैंडल का अनुसरण करने की प्रेरणा दें। उन्होंने कहा "मुझे विश्वास है कि यह कार्यक्रम आकर्षक रहा और इसने आपको अधिक समर्पण के साथ काम करते रहने के लिए प्रेरित किया है और मुझे यकीन है कि आपके द्वारा स्थापित उदाहरण को देखकर, अन्य लोग भी सीखेंगे और 'संपूर्ण स्वच्छ भारत' के निर्माण में योगदान देंगे।"