महफिल-ए-समां : ज़मीं से आए हैं चल कर ज़मी पर देख लेते हैं, चलो हम बुलंदी से उतर कर देख लेते हैं- रईस अनीस साबरी

हजरत ख्वाजा खुदा सैयद दादाजी के दो दिनी उर्स का समापन कव्वाली के साथ हुआ। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के कव्वाल रईस अनीस साबरी ने देर रात तक कलाम पेश किए।

महफिल-ए-समां : ज़मीं से आए हैं चल कर ज़मी पर देख लेते हैं, चलो हम बुलंदी से उतर कर देख लेते हैं- रईस अनीस साबरी
कलमाम पेश करते कव्वाल रईस अनीस साबरी।

हजरत ख्वाजा खुदा सैयद दादाजी के दो दिनी उर्स में देर रात तक चला कव्वाली का आयोजन

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मित्र निवासी रोड स्थित हजरत ख्वाजा खुदा सैयद दादाजी (शहीद) की दरगाह शरीफ परिसर में दो दिवसीय सालाना उर्स के दूसरे दिन कव्वाली का जोरदार आयोजन हुआ। रात नौ बजे शुरू हुई महफिल-ए-समां रात साढ़े तीन बजे तक चली। इस दौरान इंटरनेशनल कव्वाल रईस अनीस साबरी ने एक से बढ़ कर एक कलाम पेश किए। उनका ‘ज़मी से आए हैं चल कर ज़मी पर देख लेते हैं, चलो हम भी बुलंदी से उतर कर देख लेते हैं। जो मुझसे रोज कहते थे कि तुम पर जान दे देते हैं, चलो उन दोस्तों को आजमा कर देख लेते हैं...’ पेश किया तो श्रोता झूम उठे।

आयोजन में अतिथि के रूप में नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, शहर काजी एहमद अली एवं कांग्रेस नेता मुबारिक खान उपस्थित रहे। महफिल में रात भर कव्वाल रईस अनीस साबरी ने कई शानदार कलाम पेश कर खूब दाद बटोरी। उनके यह कलाम ‘इस ज़र्रा नवाजी के तो लायक नहीं था मैं, तुमने मेरे नसीब को मामूर कर दिया, कल तो मेरे नाम से वाकिफ न था कोई, तेरे करम ने दुनिया में मशहूर कर दिया...‘, ‘मेरे ख्वाजा तथा तुम को पाया है जमाने से किनारा करके, तुम बदल देते हो किस्मत को इशारा करके‘, न तो हंसने में मजा है, न मजा रोने में, छुप गए तुम कहां ये हाल हमारा करके...’ खूब सराहे गए। उनसे पहले पगड़ी बंद कव्वाल जावेद सरफराज चिश्ती एंड पार्टी ने भी कलाम पेश कर दाद बटोरी। 

प्रारंभ में उर्स कमेटी उपाध्यक्ष मनसब अली, सचिव सैयद साजिद अली शेरानी, सहसचिव दीपक नागौरी, कोषाध्यक्ष खुर्शीद आलम, अफजल हुसैन शाह, प्रचार मंत्री मुनव्वर चिश्ती आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर उर्स कमेटी सदर मंसूर अली पटौदी ने संबोधित किया। उन्होंने ऐसे आयोजन आपसी सौहार्द को बढ़ावा देते हैं।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर दुर्वेश जमा अल्ला वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष व गद्दी नशीन सैयद वाजिद अली शेरानी, पार्षद वहीद शेरानी, मोहम्मद रफीक मंसूरी, चांद खान, एडवोकेट सुनील पारीख, सैयद राजा अली, सैयद अशरफ शेरानी सहित रतलाम के अलावा आसपास के गांवों व शहरों से बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की।