'शिवराज भैया' द्वारा भोपाल से भेजी 'कृपा' बैंकों में समूह लोन और पुराने खातों में अटकी, राशि निकालने के लिए 'लाड़ली बहनें' हो रहीं परेशान

प्रदेश की कई लाड़ली बहनें शासन द्वारा लाड़ली बहना योजना के तहत प्रदान की गई राशि अपने बैंक खातों से नहीं निकाल पा रही हैं। इससे वे परेशान हैं।

'शिवराज भैया' द्वारा भोपाल से भेजी 'कृपा' बैंकों में समूह लोन और पुराने खातों में अटकी, राशि निकालने के लिए 'लाड़ली बहनें' हो रहीं परेशान
लाड़ली बहना योजना : खुशियां बनाम परेशानी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए उनके भैया प्रदेश के मुखिया  मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा भेजी गई सम्मान निधि बैंकों में अटने की समस्या सामने आई है। इस समस्या से वे महिलाएं जूझ रही हैं जिनके नाम से समूह लोन जारी हुआ था अथवा जो बैंक खाते ज्यादा दिन तक ऑपरेट नहीं होने से डिएक्टिव या होल्ड हो गए हैं। ऐसी महिलाओं राशि निकालने के लिए रोज कियोस्क और बैंकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और परिवार में उनका मान-सम्मान बढ़ाने के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू की गई है। इसके तहत बहनों को प्रतिमाह एक हजार रुपए देना प्रस्तावित था जिसे मुख्यमंत्री ने 3 हजार रुपए तक बढ़ाने का ऐलान किया। बढ़ी राशि क्रमशः 1250, 1500, 1750, 2000, 2250, 2500, 2750 और 3000 के रूप में प्रदान की जाना है। एक-एक हजार रुपए की राशि इसी माह पंजीकृत बहनों के खातों में अंतरित की जा चुकी है। इससे बहनों में उत्साह है और बहुतों ने उक्त राशि का अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप उपयोग भी कर लिया है।

इससे जहां महिलाओं का बड़ा वर्ग खुश है वहीं कुछ ऐसी भी हैं जो अभी तक इसका उपयोग नहीं कर पाई हैं। वजह मुख्यमंत्री द्वारा अंतरित की गई राशि उनके खातों से नहीं निकल पाना है। ‘सही नाम - सही पहचान अभियान’ के संयोजक सैयद शाहिद मीर ने बताया कि लाड़ली बहना योजना के तहत कई महिलाओं के पास योजना के हजार रुपए उनके बैंक खातों में आने के मैसेज आ चुके हैं। इसके बावजूद वे रुपए निकलवाने के लिए परेशान हो रही हैं। मीर के अनुसार इस समस्या का सामना उन महिलाओं को करना पड़ रहा है जिनका पूर्व से बैंक खाता होने के बाद भी योजना का लाभ लेने के लिए नया बैंक खाता खुलवा लिया।

इसे ऐसे समझें

दरअसल पूर्व में लोन, समूह लोन, जीरो बैलेंस, जनधन आदि को लेकर कई लोगों द्वारा समय-समय पर अलग-अलग खाते खुलवा लिए गए। इनमें महिलाओं के भी खाते शामिल हैं। कई महिलाओं ने समूह लोन भी प्राप्त किया। पूर्व में खुले खातों में से जो भी खाता सबसे पहले डीबीटी हो गया, उसी में किसी भी प्रकार की योजना की राशि, सब्सिडी या लोन इत्यादि कि राशि जमा होती है। ऐसे लोगों की संख्या काफी है जिन्होंने पूर्व में खुलवाए ऐसे खातों का संचालन लंबे समय तक नहीं किया जिससे वे डिएक्टिव अथवा होल्ड हो गए। एसी खाताधारक महिलाओं ने लाड़ली बहना योजना के लिए नया खाता खुलवाकर उसकी जानकारी योजना का लाभ लेने के लिए दे दी। ऐसी कई हितग्राहियों की राशि नए बैंक खाते में न आते हुए पूर्व में डीबीटी हो चुके पुराने खातों में जमा हो गई है। महिलाएं नए खाते से राशि निकलवाने के लिए कियोस्क और बैंकों में संपर्क करती हैं और परेशान हो रही हैं।

यह भी है समस्या

पूर्व में कई छोटी-छोटी बैंकों द्वारा लोन और जीरो बैलेंस वाले खाते खोले गए थे। ये बैंकें किसी न किसी बड़ी बैंकों से संबद्ध होकर बैंकिंग व्यवसाय कर रही हैं। जैसे भारत बैंक इंडस बैंक से संबंद्ध है। ऐसी ही अन्य बैंकें भी हैं जिनमें से शहर या जिले में शाखा फिलहाल नहीं है। जिनकी राशि ऐसी बैंकों में पूर्व में खुले डीबीटी खातों में जमा हुई है उन महिलाओं को ज्यादा दिक्कत हो रही है, क्योंकि उन्हें यह पता ही नहीं है कि उक्त बैंक किस बड़ी बैंक से संबद्ध है।

लोकवाद ग्रुप के सदस्य बन रहे मददगार

तकनीकी सिस्टम में उलझने से परेशान हो रही ऐसी लाड़ली बहनों के लिए लोकवाद ग्रुप राहत प्रदान कर रहा है। ‘सही नाम - सही पहचान’ अभियान के शाहिद मीर तथा ‘लोकवाद ग्रुप’ के सदस्य सैयद आबिद मीर, हर्षवर्धन शर्मा, रूपेश राव, सलमान खान, शादाब खान, नईम खान महिलाओं को जागरूक कर दस्तावेजों और उन पर सही जानकारी दर्ज होने का महत्व और अनिवार्यता के बारे में समझा रहे हैं। उन्हें बैंक खाते के संचालन, डिएक्टिव या होल्ड हो चुके खातों (जिनमें योजनाओं की राशि जमा हुई है) उसे पुनः एक्टिव कराने का तरीका भी बता रहे हैं।

ग्रुप की इन बातों पर करें गौर

  • पूर्व से बैंक खाता है तो बेवजह नए खाते नहीं खुलवाएं।
  • पूर्व में खुला खाता यदि डिएक्टिवेट हो गया है तो बैंक से संपर्क कर केवाईसी के लिए आवश्यक दस्तावेज और अपना फोटोग्राफ आदि प्रदान कर एक्टिवेट करवाएं।
  • बैंक खाते, आधार कार्ड, बिजली बिल, मतदाता परिचय पत्र, समग्र सहित सभी दस्तावेजों में नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित अन्य जरूरी जानकारियां सही-सही अपडेट करवाएं।
  • दस्तावेज अपडेट करवाते समय या किसी भी अन्य ऑनलाइन कार्य के दौरान प्राप्त होने वाला ओटीपी इत्यादि अनजान व्यक्ति को साझा नहीं करें।
  • लाड़ली बहना योजना या अन्य योजना की कोई राशि प्राप्त होती है तो वह पूर्व से डीबीटी किए खाते में ही आएगी। इसलिए प्राप्त होने वाले मैसेज को गौर से पढ़ें।