ब्राह्मण समाज ने IAS संतोष वर्मा को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग की, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा कर ब्राह्मण बहन-बेटियों के अपमान पर जताया रोष
रतलाम में सकल ब्राह्मण समाज ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंप कर समाज की बहन-बेटियों का अपमान करने वाले आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग की।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की महिलाओं एवं बहनों के संबंध में कथित रूप से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर रतलाम के ब्राह्मण समाज में रोष व्याप्त है। समाजजन ने सोमवार को कड़ा विरोध दर्ज कराया और कलेक्टर कार्यालय पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र और उचित कार्रवाई नहीं की गई तो आगामी दिनों में आंदोलन को और अधिक तीव्र किया जाएगा।

आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ रतलाम का ब्राह्मण समाज सोमवार को सड़कों पर उतरा। समाजजन कालिका माता मंदिर प्रांगण में एकत्र हुए। यहां से सभी वाहन रैली के रूप में फव्वारा चौक होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुँचे। यहाँ बद्जुबान अफसर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समाजजन ने कलेक्टर के प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि अजाक्स के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष वर्मा (IAS) द्वारा ब्राम्हण समाज की बेटियों के संबंध में अत्यंत अमर्यादित असंवेदनशील एवं अनुचित टिप्पणी की गई है। वर्मा का बयान समाज की माताओं-बहनों एवं बेटियों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है। इसके कारण रतलाम जिले का समग्र ब्राम्हण समाज आक्रोशित एवं व्यथित है।
ये मांग है ब्राह्मण समाज की
- आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को तुरन्त गिरफ्तार किया जाए एवं उनके विरुद्ध दंण्डात्मक कार्यवाही की जाए।
- ब्राम्हण समाज की बेटियों के लिए अमार्यादित भाषा का प्रयोग करने वाले व्यक्ति को शासकीय सेवा के महत्वपूर्ण पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। अतः वर्मा को तुरन्त शासकीय सेवा से बरखास्त किया जाए।
- संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को किसी भी समाज के लिए प्रतिकूल टिप्पणी करने पर कठोर कार्रवाई किए जाने की नीति बनाई जाए।
आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
ब्राह्मण समाज ने ज्ञापन में चेतानी दी है कि शासन द्वारा संतोष वर्मा के विरुद्ध जब तक सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक समग्र ब्राम्हण समाज द्वारा धरना, प्रदर्शन एवं पुतला दहन सहित अन्य आंदोलनात्मक कार्रवाई की जाती रहेगी।
ये रहे मौजूद

ज्ञापन के दौरान नरेंद्र जोशी, शैलेंद्र तिवारी, शांतिलाल शर्मा, कल्पना राजपुरोहित, पुष्पा वासन, आशा उपाध्याय, हंसा व्यास, आरती त्रिवेदी, रजनी व्यास, चंद्रकला त्रिवेदी, चंदा शर्मा, सविता तिवारी, प्रथमा कौशिक, मंजू जोशी, डॉ. सुलोचना शर्मा, अलका व्यास, संगीता व्यास, नीमा व्यास, गोविंद त्रिवेदी, नयन व्यास, कुलदीप त्रिवेदी, डॉ. सुरेंद्र दवे, नवीन दवे, अजीत व्यास, श्याम उपाध्याय, दुर्गेश सुरोलिया, संजय मिश्रा शास्त्री, सौरभ दीक्षित, पुष्पेंद्र जोशी, विवेक शर्मा, मदनमोहन शर्मा, स्नेहिल उपाध्यक्ष, दिनेश शर्मा, दीपक जोशी, चंपालाल जोशी, मनीष शर्मा, अनिल पुरोहित, नीरज सुरोलिया, कपिल व्यास, राजेश व्यास, मिथिलेश मिश्रा, विशाल उपाध्याय, अश्विन तिवारी, शैलेश शर्मा, डॉ. रविंद्र उपाध्याय, हितेश कामरेड, ओ. पी. पालीवाल, डॉ. आई. पी. त्रिवेदी, डॉ. के. जी. आचार्य, गोपाल जोशी, जयवंत गुप्ते, राजेश चाष्टा, सुरेश दवे, नितिन दवे, श्रेयांश तिवारी, राजेश डोरिया, जगदीश उपाध्याय, दिव्यांश तिवारी, राजेंद्र जोशी सहित समाजजन बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
इन्होंने भी सौंपा ज्ञापन

पं. संजय शिवशंकर दवे, उमेश जोशी, पं. जोगेश्वर उपाध्याय, पं. हितेंद्र जोशी, सौरभ दीक्षित, पं. संजय मिश्र शास्त्री, मनीष शर्मा, चेतन शर्मा, ओ. पी. त्रिवेदी ने भी मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इन्होंने ज्ञापन में बताया कि संतोष वर्मा द्वारा दिया गया वक्तव्य सिर्फ ब्राह्मण समाज की बेटियों के लिए ही नहीं, बल्कि किसी भी बेटी के प्रति अशोभनीय वक्तव्य है। यह हमारे देश, संस्कृतिक के अनुरूप न होकर निंदनीय है। प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ अभियान तथा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई गई लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजना के लिए भी आघात है।ऐसे अधिकारी द्वारा दिया गया वक्तव्य समाज में वैमनष्यता उत्पन्न करने वाला बयान है। ऐसे अधिकारी को सस्पेंड कर राज्य सरकार भारत सरकार को पत्र लिख कर बर्खास्त करने के लिए भी अनुशंसा करे।
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