सावधान ! अगर आपने पाल रखा है इनमें से कोई भी पशु तो 7 मई तक करवा लें रजिस्ट्रेशन, वरना हो जाएगी मुसीबत

रतलाम नगर निगम प्रशासन ने शहर के पशुपालकों को 7 दिन के भीतर अपने पशुओं का पंजीयन करवाने की अपील की है। पंजीयन नहीं होने पर पशुपालक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

सावधान ! अगर आपने पाल रखा है इनमें से कोई भी पशु तो 7 मई तक करवा लें रजिस्ट्रेशन, वरना हो जाएगी मुसीबत
रतलाम में पालतू पशु का पंजीयन करना जरूरी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । राज्य सरकार ने नगर पालिका क्षेत्र की सीमाओं के पशुओं के लावारिश घूमने पर रोक लगाने के लिए पालतू पशुओं का पंजीयन अनिवार्य किया है। इसमें श्वान, बैल, धोड़ा, सुअर, ऊंट, खच्चर, बकरी, भेड़ सहित अन्य पशु शामिल हैं। पंजीयन मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (23 सन् 1956) की धारा 358 के साथ पठित धारा 433 तथा मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 (क्रंमाक 37 सन् 1961) की धारा 254 के साथ धारा 355, 356 द्वारा प्रद्त्त शक्तियों के तहत किया जाएगा। पंजीयन नहीं करवाने पर पशुपालक पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।

पशु मालिकों को नगर पालिका की सीमा मे रखे गए या लाए गए प्रत्येक पशु का 7 मई तक पंजीयन करवाना जरूरी है। पंजीयन नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में विहित प्रारूप ‘क’ में आवेदन करना होगा। रजिस्ट्रेशन की अवधि की समाप्ति के बाद पशुपालक को 30 दिन के भीतर नवीनीकरण के लिए प्रारूप ‘क’ में आवेदन देना होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क का 10 गुना अर्थदंड किया जाएगा। पशु पालक को रजिस्ट्रीकरण शुल्क का भुगतान करेगा होगा। पशु चिकित्सक द्वारा जारी सम्यक रूप से प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा कि पशु किसी संक्रमण रोग से पीडित नहीं है तथा वह इस प्रयोजन के लिए बनाए गए परिसर में रखने के योग्य है। रजिस्ट्रेशन एक वर्ष के लिए विधिमान्य होगा।

7 दिन के भीतर पेश करना होगा स्पष्टीकरण

यदि कोई ब्रांडिंग पशु दो बार से अधिक आवारा भटकते हुए पाया जाता है तो तो अनुज्ञापन प्राधिकारी को उक्त पशु के मालिक को नोटिस जारी करना होगा जिसके लिए 07 दिवस के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा। यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी पशु स्वामी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होता है, तो वह रजिस्ट्रेशन रदद् कर सकेगा। इसके साथ ही परिशिष्ट 02 में यथाविहित शास्ति के नुसार पहली बार अपराध साबित होने पर जुर्माना किया जाएगा। इतना ही नहीं पशु को जब्त कर उसे नीलाम भी किया जाएगा। यह नियम प्रदर्शन के लिए ले जाए जाने वाले पशुओं के लिए भी लागू होगा। पशु से किसी व्यक्ति को परेशानी या नुकसान न हो इसके लिए पशु को स्वतंत्र नहीं छोड़ सकेंगे। उसका सुरक्षित रूप से थुथनबंद या साजबंद करना होगा तथा जंजीर से बांधकर ही ले जाना होगा।

जारी है सर्वे, सर्वे के बाद शुरू होगी जुर्मानें की कार्रवाई

शासन के निर्देशानुसार शहर के चौराहों, सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छंद विचरण करने वाले मवेशियों पर नियंत्रण के लिए शहर में मवेशी पालन स्थान व मालिकों के सर्वे हेतु टीम गठित की गई है। टीम सर्वे कर रही है। इसके बाद 7 मई तक पशुओं का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले पशु मालिकों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। नगर निगम ने श्वान, मवेशी/बैल व अन्य पशु पालकों से अपील की है कि वे अनिवार्य रूप से नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में कार्यालयीन समय में उपस्थित होकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर अपने पशुओं का रजिस्ट्रेशन करवाएं।

किस पशु के लिए कितना लगेगा शुल्क

श्वान : रजिस्ट्रेशन शुल्क 150 रुपए, वार्षिक नवीनीकरण शुल्क 50 रुपए

मवेशी/बैल : रजिस्ट्रेशन शुल्क 200 रुपए, वार्षिक नवीनीकरण शुल्क 100 रुपए

अन्य पशु : रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रुपए, वार्षिक नवीनीकरण शुल्क 25 रुपए

इतना रहेगा जुर्माना

श्वान : पहली बार पकड़े जाने पर 100 रुपए, दूसरी बार 200 और तीसरी बार 500 रुपए जुर्माना लगेगा। कांजी हाउस में निरोध का शुल्क 50 रुपए प्रतिदिन भी देना होगा।

मवेशी/बैल : पहली बार पकड़े जाने पर 200 रुपए, दूसरी बार 500 व तीसरी बार 1000 रुपए देना होंगे। कांजी हाउस में निरोध के लिए 150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क देना होगा।

अन्य पशु : पहली बार पकड़े जाने पर 100 रुपए, दूसरी बार 200 रुपए और तृतीय बार 500 रुपए जुर्माना लगेगा। कांजी हाउस में निरोध का शुल्क 100 रुपए प्रतिदिन के मान से वसूला जाएगा।