इंदौर फिर सिरमौर ! स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार 8वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय व मेयर पुष्यमित्र भार्गव को प्रदान किया पुरस्कार
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रदान किए गए। पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रदान किए। स्वच्छता का पहला पुरस्कार इंदौर को मिला।

एसीएन टाइम्स @ दिल्ली । स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में नंबर 1 बनने की दौड़ में शामिल शहरों में मप्र के इंदौर शहर ने एक बार फिर फतह हासिल कर ली है। इंदौर लगातार 8वीं बार पहले पायदान पर काबिज है। इस बार उसका मुकाबला गुजरात के सूरत और महाराष्ट्र के पुणे शहर से था। गुरुवार को दिल्ली में हुए समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के पुरस्कार प्रदान किए। मप्र के इंदौर शहर को प्रथम स्थान मिलने पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पुरस्कार ग्रहण किया।
अपना इंदौर है, लगातार आठवीं बार नम्बर 01
— Pushyamitra Bhargav (@advpushyamitra) July 17, 2025
आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में महामहिम राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा सुपर स्वच्छ लीग सिटी 2024-25 में श्रेणी में इंदौर को सबसे पहले बुलाकर, शीर्ष पुरस्कार प्रदान किया गया।
केंद्रीय मंत्री माननीय श्री मनोहर लाल… pic.twitter.com/O433wWCDX5
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के पुरस्कार प्रदान किए गए। इस दौरान विभिन्न श्रेणियों के 78 पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रदान किए। समारोह में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू भी उपस्थित रहे। स्वच्छ सर्वेक्षण में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में पहला पुरस्कार इंदौर को हासिल हुआ। इंदौर की घर-घर से कचरा संग्रहण व्यवस्था और जनभागीदारी मॉडल पूरे देश के लिए एक मिसाल है।
ये रहे दूसरे और तीसरे स्थान पर
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के बीच जारी प्रतिष्पर्धा में इंदौर की टक्कर सूरत और पुणे शहर से थी। हालांकि, फाइनल परिणाम में इंदौर पहले स्थान पर रहा जबकि सूरत को दूसरा स्थान मिला। वहीं तीसरा स्थान महाराष्ट्र के नवी मुंबई को हासिल हुआ।
10 मापदंड, 54 संकेत, 4500 से अधिक शहर
केंद्र सरकार के मुताबिक 'स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan)' मिशन का प्राथमिक लक्ष्य स्वच्छता के मामले में नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। इसके साथ ही समाज के सभी वर्गों के बीच मिलकर काम करने का भाव बढ़ाना भी मुख्य उद्देश्य है। गौरतलब है कि, स्वच्छ सर्वेक्षण में सफाई का मूल्यांकन करने के लिए 10 मापदंड नियत किए गए हैं। इसके अलावा 54 संकेतकों का भी होता है। इन्हीं आधार पर 4,500 से ज्यादा शहरों को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है।