मनमानी पर लगेगी रोक ! प्राइवेट स्कूल इससे ज्यादा नहीं बढ़ा सकेंगे किसी कक्षा की फीस, जानिए, कौन से स्कूल इस बंधन से रहेंगे मुक्त, 8 अगस्त तक देना है शपथ-पत्र

प्राइवेट स्कूलों की वार्षिक फीस को लेकर अधिनियम में संशोधन किया गया है। इसे लेकर लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा एक आदेश जारी कर स्कूलों से शपथ-पत्र मांगे गए हैं।

मनमानी पर लगेगी रोक ! प्राइवेट स्कूल इससे ज्यादा नहीं बढ़ा सकेंगे किसी कक्षा की फीस, जानिए, कौन से स्कूल इस बंधन से रहेंगे मुक्त, 8 अगस्त तक देना है शपथ-पत्र
प्राइवेट स्कूल फीस नियम।

एसीएन टाइम्स @ भोपाल । शिक्षण शुल्क बढ़ाने के मामले में प्राइवेट (निजी) स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा फीस संबंधी अधिनियम में संशोधन किया है। इसके अनुसार कोई भी प्राइवेट स्कूल 10 फीसदी से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेगा। सरकार ने ऐसे स्कूलों को इस बंधन से मुक्त रखा है जिनकी फीस वर्तमान में 25 हजार या इससे कम है। ऐसे स्कूलों से 8 अगस्त तक नोटरीकृत शपथ-पत्र मांगा गया है।

मप्र की लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। प्रदेश के सभी कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारियों को संबोधित इस आदेश में बताया गया है कि म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 में 31 जनवरी 2025 एवं नियम 2020 में 09 जून 2025 को संशोधन किया गया है। संशोधित नियम 2025 के नियम 2 के उप-नियम (3) (क) के अनुसार "ये नियम ऐसे निजी विद्यालयों को जिनकी वार्षिक फीस किसी भी कक्षा के लिए रुपए 25 हजार मात्र से कम नहीं है, लागू होगें।"

शपथ पत्र अपलोड करने की आखिरी तारीख 8 अगस्त

लोक शिक्षण आयुक्त के अनुसार संशोधन के अनुक्रम में ऐसे विद्यालय जिनकी सभी कक्षाओं की वार्षिक फीस पृथक-पृथक रुपए 25 हजार या उससे कम है, अधिनियम की परिधि में नहीं आने के कारण उन्हें तत्संबंधी शपथ-पत्र देना होगा। शपथ-पत्र 500 रुपए के स्टाम्प पेपर पर नोटरीकृत करवा कर 08 अगस्त 2025 तक अपलोड करना अनिवार्य होगा। संचालनालय द्वारा नोटरीकृत शपथ-पत्र का प्रारूप परिशिष्ट-1 भी जारी किया गया है।

ज्यादा फीस बढ़ाने पर होगी कार्रवाई

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे निजी विद्यालय जो कि नोटरीकृत शपथ-पत्र 08 अगस्त 2025 तक अपलोड नहीं करते है, उन्हें म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020, यथा संशोधित नियम 2025 के प्रावधानों के दायरे में मान्य किया जाएगा। उक्त अधिनियम/नियम के समस्त प्रावधान ऐसे सभी निजी विद्यालयों पर लागू होंगे। सीधे शब्दों में कहें तो सिर्फ शपथ-पत्र देने वाले स्कूल ही 10 फीसदी से ज्यादा फीस वृद्धि के पात्र होंगे वह भी सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क की सीमा तक। इसके बाद यदि कोई ज्यादा फीस बढ़ाता है तो उसके विरुद्ध सख्ती बरती जाएगी।

16 हजार स्कूल आ सकते हैं दायरे से बाहर

बता दें कि, प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की संख्या 34 हजार 652 है। इनमें से तकरीबन 16 हजार स्कूलों की वार्षिक फीस 25 हजार रुपए से कम है। सिर्फ इन्हीं विद्यालयों को ही फीस नियंत्रण कानून के प्रावधानों को मान्य करने की बाद्यता नहीं होगी। हालांकि ये भी एक सीमा तक ही फीस वृद्धि कर पाएंगे। ज्यादा वृद्धि पर इनके ऊपर भी कार्रवाई होगी।

इस फॉर्मेट में देना होगा शपथ-पत्र