आयकर अपडेट ! करदाताओं के वर्ष 2025-26 के ITR पर रिफंड पर लगी रोक, जानिए- आयकर विभाग ने क्यों उठाया कदम, कब होगा भुगतान

इस साल आयकर दाताओं को नए आईटीआर पर रिफंड फिलहाल नहीं मिल पाएगा। पुराने रिटर्न की जांच और समीक्षा पूरी नहीं होने तक करदाताताओं को इंतजार करना होगा।

आयकर अपडेट ! करदाताओं के वर्ष 2025-26 के ITR पर रिफंड पर लगी रोक, जानिए- आयकर विभाग ने क्यों उठाया कदम, कब होगा भुगतान
आयकर विभाग ने रोका आईटीआर पर रिफंड।

एसीएन टाइम्स @ डेस्क । फर्जी रिफंड दावों पर लगाम कसने के लिए आयकर विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने नए ITR पर रिफंड किए जाने पर रोक लगा दी है। विभाग का कहना है कि जब तक करदाताओं के पिछले रिटर्न और लंबित आकलन की पूरी तरह समीक्षा नहीं हो जाएगी तब तक कोई रिफंड नहीं किया जाएगा।

आयकर विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस साल अब तक 75 लाख से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं। इनमें से विभाग द्वारा अब तक 71 लाख से अधिक रिटर्न का सत्यापन भी किया जा चुका है। इस बारे में विभाग ने अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी भी साझा की है। हालांकि, अभी रोज अपडेट होने वाली जानकारी नजर नहीं आ रही है।

रिफंड के लिए करना पड़ेगा इंतजार

वैसे तो रिटर्न की समीक्षा का आंकड़ा काफी है फिर भी विभाग ने फिलहाल नए रिटर्न पर रिफंड नहीं देने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि विभाग पहले सभी रिटर्न का सत्यापन और समीक्षा करेगा उसके बाद ही किसी प्रकार का रिफंड जारी किया जा सकेगा। दरअसल, इस साल आयकर रिटर्न दाखिल करने का काम मई के आखिर में काफी देरी से शुरू हुआ था। यानी करीब एक महीने की देरी हुई। इस कारण भी देरी हो रही है। वहीं दूसरी वजह फर्जी दावे और रिफंड पर लगाम कसना भी बताई जा रही है। विभाग यह सुनिश्चित कर लेना चाहता है कि पिछले वर्षों में किसी तरह की धोखाधड़ी तो नहीं की गई।

पहले ही जताई थी संभावना

बता दें कि इस बार रिफंड में देरी होने की संभावना पहले ही जताई गई थी। अप्रैल में ही यह रिपोर्ट आई थी कि इस साल रिफंड में कुछ अतिरिक्त समय लग सकता है। यह तुरंत जारी नहीं किया जाएगा। हालांकि तब करदाताओं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया लेकिन अब हो रही देरी से थोड़ी बेचैनी है।

सजा ईमानदार करदाताओं को क्यों ?

कर विशेषज्ञों के अनुसार फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी रोकने के लिए आयकर विभाग द्वारा सख्ती बरती जाना और सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने उचित हैं लेकिन यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि उसके किसी कदम से ईमानदार करदाता परेशान न हों। अगर पिछले रिटर्न में किसी ने धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा किया है तो उसमें ईमानदार करदाताओं का क्या दोष है? धोखेबाजों की कारगुजारी की सजा हर साल समय पर और ईमानदारी से रिटर्न दाखिल करने वालों को देना उचित नहीं। कर विशेषज्ञों का मानना है कि विभाग को एक स्पष्ट और पारदर्शी प्रणाली भी बनानी चाहिए ताकि करदाताओं को पता चल सके कि उनका रिफंड क्यों रुका हुआ है और वह कब तक जारी हो जाएगा।