उपभोक्ता आयोग का फैसला ! बीमा कंपनी ICICI लोम्बार्ड के खिलाफ ब्याज सहित क्लेम की राशि देने का आदेश, 30 दिन के भीतर अदा करना होगी राशि
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला पीठ रतलाम आईसीआईसीआई लोम्बार्ड बीमा कंपनी के विरुद्ध महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कं. लि. के विरुद्ध महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। आयोग बीमा कंपनी के खिलाफ पारित फैसले में बीमाधारक को उसके द्वारा किए गए क्लेम की राशि का भुगतान ब्याज सहित करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए कंपनी को 30 दिन की मोहलत दी गई है।
अधिवक्ता ऋत्विक मिश्रा ने बताया आयोग के समक्ष जी. डी. अंकलेसरिया एंड कंपनी रतलाम की ओर से वाद दायर किया गया था। वाद मेसर्स आईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कं. लि. के विरुद्ध दायर हुआ था। इसमें याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उसे बीमा कंपनी की लापरवाही से काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। बीमाधारक द्वारा बीमित स्पोर्ट्स वाहन इन्फिनिटी कार बीएमडब्लयू की सर्विस पर कुल 1,28,648 (एक लाख अट्ठाईस हजार छह सौ अड़तालीस) रुपए व्यय किए गए। इसके लिए कंपनी में बीमा क्लेम प्रस्तुत किया गया था जो उसने निरस्त कर दिया था।
इसके चलते ही बीमाधारक की ओर से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला पीठ रतलाम के समक्ष दावा प्रस्तुत किया। मामले की सुनवाई आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार तिवारी तथा सदस्य जयमाला संघवी ने की। बीमाधारक कंपनी की ओर से गुस्ताद अंकलेसरिया जबकि बीमा कंपनी की ओर से आईसीआईसीआई लोम्बार्ड इंदौर के राहुल शृंगारपुरे के शपथ-पत्र प्रस्तुत किए गए।
बीमा कंपनी ने लगाए थे अनर्गल आरोप
क्लेम प्रस्तुत होने पर बीमा कंपनी द्वारा आयोग के समक्ष तर्क दिया गया था कि बीमाधारक प्राइवेट लिमिटेड होकर उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। परिवादी के द्वारा वाहन का पंजीयन कंपनी के नाम से इंद्राज करवा रखा है और बीमा पॉलिसी भी कंपनी के नाम पर प्राप्त की गई है। ऐसी स्थिति में परिवादी के उपभोक्ता न होने से वह वाहन क्षति की नुकसानी हेतु उक्त परिवाद पत्र प्रस्तुत करने हेतु पात्र नहीं है एवं उक्त परिवाद प्रचलनयोग्य नहीं है।
आयोग ने यह दिया आदेश
बीमा कंपनी की ओर से दिए तर्क के संबंध में बीमाधारक की ओर से अभिभाषक मिश्रा ने राष्ट्रीय आयोग के द्वारा ओरियेन्टल इंश्योरेन्स के उपरोक्त मामले में होलिया मोटर्स विरुद्ध नेशनल इंश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड के संबंध में दिए फैसले, मेसर्स कोजीफ्लेक्स मेट्रेसेस प्राइवेट लिमिटेड एवं न्यायदृष्टांत ओरियेन्टल इंश्योरेन्स लि. विरुद्ध सुरेश कुमार शर्मा से संबंधित न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किए। इनसे सहमत होते हुए आयोग ने बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी होना पाया उसके विरुद्ध फैसला सुनाया। आयोग ने अपने फैसले में बीमा कंपनी को आदेशित किया है कि वह बीमा पालिसी की शर्त अनुसार आदेश दिनांक से 30 दिन के भीतर दावे की राशि का भुगतान करे। आयोग ने परिवाद व्यय के 10 हजार रुपए तथा बीमा राशि पर 6 प्रतिशत साधारण ब्याज चुकाने का आदेश भी दिया है।