विवाद ! जीयो टैगिंग के लिए जा रहे रोजगार सहायक सचिव से मांगे शराब के रुपए, लात-घूंसों से मारपीट की, 16 घंटे में भी दर्ज नहीं हुई FIR
रतलाम जिले के रगुनाथगढ़ में एक रोजगार सहायक के साथ दो भाइयों द्वारा मारपीट का मामला सामने आया है। पुलिस द्वारा 16 घंटे बाद भी एफआईर दर्ज नहीं की गई है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । समीपस्थ रघुनाथगढ़ में ग्राम रोजगार सहायक के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। शराब पीने के रुपए नहीं मिलने पर दो भाइयों ने रोजगार सहायक के साथ लात-घूंसों से मारपीट की, पत्थर भी फेंके। बीच बचाव करने वाले व्यक्ति के साथ भी विवाद किया। मामले में नामली थाने पर लिखित आवेदन दिया गया है लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
मामला नामली थाना क्षेत्र के रघुनाथगढ़ गांव का है। यहां रविवार शाम करीब 5.30 बजे ग्राम रोजगार सहायक पवन कुमार पिता कारूलाल परमार हितग्राही सत्यनारायण पांचाल के साथ उसके मकान की जीयो टैगिंग करने जा रहे थे। वे कुछ सामान लेने के लिए दुकान पर रुके थे। तभी वहां दो व्यक्ति आए और शराब पीने के पैसे की मांग करने लगे। शराब पीने के पैसे नहीं मिले तो उन्हों ने रोजगार सहायक परमार के साथ मारपीट शुरू कर दी। यह देख वहां मौजूद हितग्राही सत्यनारायण ने उन्हें छुड़ाने का प्रयास किया।
नशे में धुत् थे आरोपी
रोजगार सहायक परमार ने एसीएन टाइम्स को बताया कि मारपीट करने वाले आरोपियों के नाम गोपाल मीणा और रायसिंह मीणा है। दोनों भाई हैं और मजदूरी करते हैं। घटना के वक्त दोनों ही शराब के नशे में धुत् थे। इस घटना की जानकारी रविवार रात करीब 8 बजे नामली थाने पर पुलिस को लिखित में दे दी थी। परमार के अनुसार आरोपी भाइयों को पीएम आवास का लाभ मिला है जिसके लिए 25-25 हजार रुपए की किस्त भी जारी हो चुकी है। इसके बावजूद उनके द्वारा आवास का काम नहीं किया जा रहा है।
दुकानदार से भी किया विवाद
प्रत्यक्षदर्शी सत्यनारायण पांचाल ने बताया कि आरोपी भाइयों ने रोजगार सहायक परमार से विवाद करने से पहले दुकानदार से भी विवाद किया था। कुछ ही देर बाद हम भी उसी दुकान पर सामान लेने पहुंचे थे। तभी उनमें से एक ने परमार की शर्ट की कॉलर पकड़ी और दूसरे ने लात-घूंसों से मारपीट करने लगे। उन्होंने पत्थर से भी हमला किया, गमनीमत रही कि पत्थर किसी को लगा नहीं।
16 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हुई एफआईआर
नामली पुलिस ने शासकीय कर्मचारी के साथ मारपीट की लिखित शिकायत देने के 16 घंटे बाद भी आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं की है। इससे अब वरिष्ठ अधिकारियों को दखल देना पड़ रहा है। इधर, जिला पंचायत के एसीईओ निर्देशक शर्मा ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। मामले में पीड़ित कर्मचारी की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है।