तीन दिवसीय क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता शुरू, 200 भैया और बहिन हो रहे शामिल, 17 सितंबर को होगा स्पर्धा का समापन

तीन दिवसीय क्षेत्रीय कुश्ती का आयोजन सरस्वती शिशु मंदिर में हो रहा है। इसका समापन 17 सितंबर को होगा।

तीन दिवसीय क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता शुरू, 200 भैया और बहिन हो रहे शामिल, 17 सितंबर को होगा स्पर्धा का समापन
संबोधित करते कुश्ती स्पर्धा के मार्गदर्शक बलवंत भाटी।

संघर्षों से निकाल कर जीतने का जज्बा ही खेल और जीवन की हर मुश्किल से बाहर निकालेगा- पुनीत जलान्द्र

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । संघर्षों से बाहर निकल कर जीत हासिल करना जीवन का सार है। इसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। खेल में यही जज्बा मुसीबत से बाहर निकालेगा। खेल में ही नहीं जीवन में भी आप सफल हो सकते हैं।

यह बात सरस्वती शिशु मंदिर काटजू नगर रतलाम में तीन दिवसीय क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि भारतीय जीवन बीमा के शाखा प्रबंधक पुनीत जलान्द्र ने कही। अध्यक्षता कर रहे अंतरराष्ट्रीय पहलवान व दंगल फ़िल्म के निर्णायक एवं क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता के मार्गदर्शक बलवंत भाटी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना हो तो पहले दिशा तय करें और अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करें।

अखिल भारतीय स्पर्धा में जीत कर एसजीएफआई के विजेता कहलाएंगे- काकानी

प्रान्तीय कोषाध्यक्ष व शारदा प्रकाशन के अध्यक्ष गोपाल काकानी ने कहा कि कुश्ती में विद्यालय से लेकर प्रांत तक चुनौतियों का सामना करते हुए आप आए हैं। अब क्षेत्र के बाद अखिल भारतीय स्पर्धा में विजयी होने के बाद SGFI के विजेता कहलाएंगे। प्रांतीय खेल संयोजक व खंडवा विभाग के विभाग समन्वयक सत्यनारायण लववंशी भी मंचासीन रहे। इससे पूर्व सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर दीप प्रज्ज्वल किया। अतिथि परिचय सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के सचिव शैलेंद्र सुरेका ने दिया। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य भगवान सिंह ठाकुर व पाली प्रमुख राजेंद्र सिंह बिष्ट ने किया।

समापन 17 सितंबर को

बता दें कि, विद्या भारती के क्षेत्रीय महाकौशल, छत्तीसगढ़, मध्य भारत मालवा प्रांत के विद्यालय के लगभग 200 भैया / बहिन कुश्ती प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता का समापन 17 सितंबर को होगा। संचालन शीला सोन ने किया। आभार प्रदर्शन प्राचार्य भगवान सिंह ठाकुर ने किया। इस अवसर पर कुश्ती के निर्णायक, खेल शिक्षक प्रदीप पंवार व सभी आचार्य-दीदी उपस्थित रहे।