बड़ी सीख : प्रशंसा के पुल के नीचे बहती है स्वार्थ की सरिता, जीवन के प्रत्येक पल का करें सदुपयोग- प्रो. अज़हर हाशमी

ख्यात साहित्यकार, कवि, चिंतक, समालोचक प्रो. अज़हर हाशमी का विद्यार्थी परिवार द्वारा 74वें जन्मदिवस पर अभिनंदन किया गया। इस मौके पर प्रो. हाशमी ने समय साधने, स्वार्थ निहित प्रशंसा से सतर्क रहने की सीख दी।

बड़ी सीख : प्रशंसा के पुल के नीचे बहती है स्वार्थ की सरिता, जीवन के प्रत्येक पल का करें सदुपयोग- प्रो. अज़हर हाशमी
अपने 74वें जन्मदिन के मौके पर प्रो. अज़हर हाशमी ने अपने शिष्यों को दी बड़ी सीख।

विद्यार्थी परिवार और शिष्य समुदाय ने मनाया साहित्यकार प्रो. अज़हर हाशमी का 74वां जन्मदिन

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । समय के पांव नहीं होते, पंख होते हैं। समय को काटा नहीं जा सकता, छांटा और बांटा जा सकता है। इसलिए अपने जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करें। कोई अपरिचित व्यक्ति यदि अचानक से आपकी प्रशंसा करने लगे, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि ऐसी प्रशंसा के पुल के नीचे स्वार्थ की सरिता बहती है।

यह सीख प्रख्यात साहित्यकार एवं मनीषी प्रो. अजहर हाशमी ने अपने जन्मदिवस के मौके पर स्वागत करने आए अपने शिष्यों को दी। प्रो. हाशमी के 74वें जन्मदिवस के मौके पर महाविद्यालय विद्यार्थी परिवार और प्रो. हाशमी के शिष्य समुदाय ने उनके निवास इंदिरा नगर पर एक अनौपचारिक समारोह का आयोजन किया। शिष्यों ने पुष्प मालाओं, शाल-श्रीफल से प्रो. हाशमी का अभिनन्दन किया और जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं। अपने अभिनन्दन का उत्तर देते हुए प्रो. हाशमी ने अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने शिष्यों को दिया। उन्होंने शिष्यों को समय साधने और प्रत्येक पल का सदुपयोग करने की सीख दी। उन्होंने झूठी प्रशंसा से सतर्क रहने के लिए भी कहा। प्रो. हाशमी ने कहा कि अगर कोई अचानक ही आपको माता-पिता की तरह पूजने लग जाए, प्रशंसा करने लग जाए तो सावधान हो जाइये, क्योंकि वह ऐसा किसी न किसी स्वार्थ के वशीभूत होकर ही कर रहा होगा। उन्होंने यह सीख अपने बच्चों को भी देने की ताकीद की ताकि वे भी जीवन में सतर्क रहें।

प्रो. हाशमी की लेखनी ने रतलाम को किया विश्व प्रसिद्ध : सक्सेना

केंद्रीय विद्यालय देवास की नंदिनी सक्सेना ने प्रो. अजहर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सेंव, साड़ी और सोने के लिए ही रतलाम प्रसिद्ध नहीं है अपितु साहित्य के क्षेत्र में साहित्यकार अजहर हाशमी की लेखनी के चलते वह देश ही नहीं विश्व में प्रसिद्ध है। प्रो. हाशमी का सान्निध्य गौरव और गर्व की अनुभूति कराता है। ऐसे मार्गदर्शी गुरु के कारण ही शिष्य समुदाय सर्वांगीण विकास कर रहा है। इस ऋण से शिष्य समुदाय कभी उऋण नहीं हो सकता।

ये उपस्थित रहे

इस मौके पर विद्यार्थी परिवार के संयोजक एवं एडवोकेट सतीश त्रिपाठी, पत्रकार तुषार कोठारी, हेमंत भट्ट, कमलसिंह जाधव, आरिफ कुरैशी, नीरज कुमार शुक्ला, भरत गुप्ता, अदिति मिश्रा, सिकन्दर पटेल, लक्ष्मण सिंह सोलंकी, डॉ. अनिला कंवर, डॉ. प्रवीणा दवेसर, नन्दिनी सक्सेना, अदिति दवेसर, ओमप्रकाश नागर, सुरेखा नागर, स्मिता शुक्ला इत्यादि उपस्थित थे।