कला-साहित्य : बुजुर्ग से ले कर नौनिहाल रचनाप्रेमी 5 मई को सुनें-सुनाएं के 20वें सोपान में पढ़ेंगे अपनी प्रिय रचना

सुनें-सुनाएं का 20वां सोपान 5 मई को होगा। इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक रचना पाठ करेंगे।

कला-साहित्य : बुजुर्ग से ले कर नौनिहाल रचनाप्रेमी 5 मई को सुनें-सुनाएं के 20वें सोपान में पढ़ेंगे अपनी प्रिय रचना
सुनें-सुनाएं के 20वें सोपान में ये रचनाप्रेमी करेंगे रचना पाठ।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर में रचनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया 'सुनें सुनाएं' आयोजन का बीसवां सोपान 5 मई (रविवार) को होगा। आयोजन नियत समय सुबह 11:00 बजे जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल रतलाम पर शुरू हो जाएगा। इस बार बुजुर्ग रचनाप्रेमी भी होंगे और नौनिहाल रचनाप्रेमी भी। ये अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाएं प्रस्तुत कर अपने शहर के साहित्यिक वातावरण को नई दिशा देंगे।

आयोजन में नन्ही दिव्यांशी दीक्षित द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी की रचना 'पुष्प की अभिलाषा' का पाठ किया जाएगा। श्रीराम दिवे द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी की रचना 'है अमिट सामर्थ्य मुझमें' का पाठ, मयूर व्यास द्वारा धर्मेन्द्र सोलंकी की रचना 'बहना मैके आना तुम' का पाठ, मणिलाल पोरवाल द्वारा पंडित प्रदीप की रचना 'टूट गई है माला' का पाठ किया जाएगा।

ललित चौरड़िया द्वारा रवीन्द्र नाथ टैगोर की कहानी 'तोता' का पाठ, नरेन्द्रसिंह डोडिया द्वारा अज्ञात रचनाकार की रचना 'तुम मुझको कब तक रोकोगे', नरेन्द्र त्रिवेदी द्वारा प्रदीप चौबे की रचना 'शवयात्रा', सांत्वना शुक्ला द्वारा डॉ. हरिवंशराय 'बच्चन' की रचना 'जीवन की आपाधापी में', अलक्षेन्द्र व्यास द्वारा डॉ. कुंवर बेचैन की रचना 'चांदनी चार क़दम धूप चली मीलों तक' का पाठ किया जाएगा। रीता दीक्षित द्वारा शरद जोशी की व्यंग्य रचना 'जीप पर सवार इल्लियां' का पाठ किया जाएगा। 'सुनें सुनाएं ने शहर के रचनात्मक लोगों से उपस्थित रहने का आग्रह किया है।