‘सुनें-सुनाएं’ का सातवां सोपान 2 अप्रैल को, आप भी सुनें और सुनाएं लेकिन अपनी नहीं, अपने पसंदीदा रचनाकार की रचना

सुनें सुनाएं सातवें सोपान पर पहुंच चुका है। इसका आयोजन 2 अप्रैल को होगा। बिना किसी भूमिका और स्वागत-सत्कार की औपचारिकता वाले इस आयोजन में आप भी आएं, सुनें और खुद भी सुनाएं लेकिन अपनी रचना नहीं, अपने पसंदीदा रचनाकार की रचना।

‘सुनें-सुनाएं’ का सातवां सोपान 2 अप्रैल को, आप भी सुनें और सुनाएं लेकिन अपनी नहीं, अपने पसंदीदा रचनाकार की रचना
सुनें सुनाएं का सातवां सोपान 2 अप्रैल को।

रचनाधर्मी अपने पसंदीदा रचनाकार की रचनाओं का करेंगे पाठ 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर के रचनात्मक वातावरण को बनाने तथा साहित्यिक, सांस्कृतिक धरातल को मज़बूत करने के उद्देश्य से शृंखला ‘सुनें-सुनाएं’ आयोजन की शुरुआत को छह माह पूर्ण हो चुके हैं। ‘सुनें-सुनाएं’ का सातवां सोपान 2 अप्रैल रविवार को सुबह 11 बजे जीडी अंकलेसरिया रोटरी हॉल रतलाम पर होगा।

इस आयोजन में शहर के रचनाधर्मी अपनी पसंद के रचनाकारों की रचनाएं पढ़ेंगे। इनमें प्रकाश हेमावत द्वारा राजेंद्र श्रोत्रिय की रचना ‘हक़ परिंदों का’  का पाठ, दिनेश कटारिया द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘हार में न जीत में’ का पाठ,  श्याम सुन्दर भाटी द्वारा सुरेन्द्र शर्मा की कविता ‘ठिगणा की पुकार’ का पाठ, प्रतिभा चांदनीवाला द्वारा निर्मला पुतुल की कविता ‘उतनी दूर मत ब्याहना बाबा!’ का पाठ, डॉ. प्रकाश उपाध्याय द्वारा डॉ. केदारनाथ सिंह की गीत रचना ‘आँचल में तुम्हारे’ का पाठ,  डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला द्वारा महाकवि कालिदास की रचना का पाठ, स्मिता-नीरज शुक्ला द्वारा काका हाथरसी की कविता ‘सवाल हमारे - जवाब चमेली के’ का पाठ किया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की अवधि एक घंटा (सुबह 11 से 12 तक) तय है। इसमें 45 मिनट रचनाओं का पाठ और 15 मिनट रचनाओं पर सार्थक विमर्श होता है। निर्धारित समय पर प्रारंभ और समाप्त होने वाले इस आयोजन में कोई भी अपनी रचना नहीं पढ़ना है। अपने प्रिय रचनाकार की रचना भी बगैर किसी भूमिका के पढ़ना है।