बड़ा हादसा : अफ्रीका के सोना उत्पादक देश माली में ढही खान, काम कर रहे 73 से अधिक मजदूरों की मौत
अफ्रीका में एक सोने की खदान धंस गई। इससे वहां काम कर रहे तकरीबन 70 मजदूरों की दबने से मौत हो गई।
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एसीएन टाइम्स @ डेस्क । माली में बहुत बड़ा हादसा हुआ है। वहां सोने की एक खदान के ढहने से 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। समाचार लिखे जाने तक 73 मजदूरों के शव खदान से निकाले जा चुके हैं।
अफ्रीका के दक्षिण-पश्चिमी शहर कंगाबा के अधिकारी उमर सिदीबे ने बताया कि घटना की शुरुआत एक शोर के साथ हुई। इस दौरान धरती हिलने लगी। सिदीबे के अनुसार घटनास्थल के आस-पास के क्षेत्रों में 200 से अधिक सोने की खदानें हैं। हादसे के बाद से श्रमिकों की तलाश की जा जारी है। फिलहाल खदान से 73 शव बाहर निकाले जा चुके हैं।
बता दें कि, माली के खान मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी किया था। इसमें बताया गया था कि में कई खनिकों की मौत की घोषणा की थी लेकिन सटीक आंकड़े नहीं दिए थे। सरकार ने “शोकाकुल परिवारों और मालियन लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। घटना के बाद सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि तय मानकों के आधार पर ही खदान में जाएं।
जानकारी के मुताबिक, माली के खनन क्षेत्र में विदेशी समूहों का वर्चस्व है। कनाडा के बैरिक गोल्ड और बी2गोल्ड, ऑस्ट्रेलिया के रेसोल्यूट माइनिंग और ब्रिटेन के हमिंगबर्ड रिसोर्सेज सहित विदेशी कंपनियां हैं, जो वर्षों से देश में व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद काम कर रही हैं।
स्थानीय काउंसलर ने भी बताई समस्या
अफ़्रीका के तीसरे सबसे बड़े सोना उत्पादक देश माली में ऐसी दुर्घटनाएं आम हैं। अधिकारी करीम बर्थे ने बताया कि, “भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने के लिए राज्य को इस कारीगर खनन क्षेत्र में व्यवस्था लानी चाहिए।” खान मंत्रालय ने इस दुर्घटना पर “गहरा दु:ख” व्यक्त किया है। माइनर्स के साथ-ही माइनिंग स्थलों के पास रहने वाले समुदायों से “सुरक्षा आवश्यकताओं का पालन करने” का आग्रह किया गया है।
खतरनाक है सोने का खनन
माली के साहेल क्षेत्र में सोने का खनन करना एक खतरनाक व्यवसाय है। यही वजह है कि मानवाधिकार संगठन नियमित रूप से कारीगर खनन कार्यों में बाल श्रम के उपयोग की निंदा करते हैं। इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) की एक रिपोर्ट 2019 में प्रकाशित हुई थी। इसके अनुसार नए गोल्ड पैनिंग श्रमिकों के निरंतर आगमन और उन्हें समर्थन देने के लिए बुनियादी ढांचे की कमी के कारण रहने और काम करने की स्थिति खतरनाक हो गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि “शहरी केंद्र से दूर, उन क्षेत्रों में जहां राज्य की उपस्थिति नगण्य है, प्रवासियों को आमतौर पर कार्यस्थल सुरक्षा के कोई उपाय नहीं होने से लाभ होता है।”