दीक्षारंभ संस्कार : कला एवं विज्ञान महाविद्यालय बना PM कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पाठ्यक्रम भी पढ़ेंगे विद्यार्थी- विनोद करमचंदानी
रतलाम के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस (कला एवं विज्ञान महाविद्यालय) में नव प्रवेशित विद्यार्थियों को तिलक लगाकर दीक्षारंभ किया गया। इस मौके पर सीनियर विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए।
कलेक्टर राजेश बाथम ने विद्यार्थियों को दी शुभकामनाएं, दीक्षारंभ में सीनियर्स ने बांटे अनुभव
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय अब प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस बन चुका है। यहां के विद्यार्थी आईआईटी दिल्ली का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पाठ्यक्रम भी पढ़ सकेंगे। रतलाम और आस-पास के विद्यार्थियों को अब इस पाठ्यक्रम के लिए दिल्ली या अन्य महानगरों में जाने की जरूरत नहीं है।
यह बात महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष विनोद करमचंदानी ने कही। वे कॉलेज में नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षारंभ प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस बनने के बाद एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप के विजन के अनुरूप कॉलेज में कई नए रोजगार परक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। यदि विद्यार्थियों से कुछ और नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के सुझाव प्राप्त होते हैं तो उन्हें भी शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।
अच्छी शिक्षा करती है मजबूत समाज का निर्माम
करमचंदानी ने कहा कि विद्यार्थियों को महाविद्यालय में उच्च शैक्षणिक वातावरण के लिए सभी संभव सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नए पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों के रुझान को देखते हुए कई अन्य नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की योजना भी बनाई जा रही है। बीपीईएस और डाटा साइंस जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रम पहले ही प्रारंभ किए जा चुके है। करमचंदानी ने नव प्रवेशित विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा ही मजबूत समाज का निर्माण करती है। उन्होंने विद्यार्थियों से अधिक से अधिक परिश्रम करने का आह्वान किया।
अपनी अलग पहचान बनाएगा महाविद्यालय- कलेक्टर राजेश बाथम
कलेक्टर राजेश बाथम (IAS) ने प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस बनने पर शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए अपेक्षा की है कि महाविद्यालय शैक्षणिक गतिविधियों एवं अन्य पाठ्येतर गतिविधियों के माघ्यम से अपनी अलग पहचान बनाएगा। इस अवसर पर उन्होंने महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की है।
महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करने वाले विद्यार्थी भाग्यशाली- डॉ. मिश्र
अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. वाय. के. मिश्र ने नव प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आप उन भाग्यशाली विद्यार्थियों में हैं जिन्हें प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में प्रवेश मिला है। यहां विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ ही संस्कार भी दिए जाते हैं। इसलिए विद्यार्थी भारतीय संस्कृति से जुड़कर अपना जीवन संवारें। साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा से विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान प्रकोष्ठ की भी स्थापना की गई है।
डॉ. मिश्र ने कहा कि विद्यार्थियों को हिंदी ग्रंथ अकादमी से प्रकाशित पाठ्य पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हो सकें, इसके लिए महाविद्यालय में विद्यार्थी पुस्तक सहायता केंद्र भी स्थापित किया गया है। महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद कॉरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित कई नई पुस्तकें मंगाई गई हैं। डॉ. मिश्र ने विद्यार्थियों को नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावहारिक शिक्षा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दे रही है।
विद्यार्थी सीधे कर सकते हैं संपर्क- डॉ. रियाज मंसूरी
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में डॉ. रियाज मंसूरी ने महाविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों का परिचय करवाते हुए विद्यार्थियों से कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए आप सीधे फैकल्टी, विभागाध्यक्ष और प्राचार्य से संपर्क कर सकते हैं। राजनीति विज्ञान विभाग की प्रो. पूनम चौधरी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि विद्यार्थी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत अपनी पसंद के पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर ऑनलाइन क्रेडिट भी अर्जित कर सकते हैं। पाठ्यक्रमों के विकल्प चयन की प्रक्रिया को समझाते हुए चौधरी ने परीक्षा प्रणाली और सतत समग्र मूल्यांकन के बारे में भी विद्यार्थियों को विस्तार से बताया।
महाविद्यालय का किया भ्रमण
इस अवसर पर महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के सीनियर विद्यार्थी अक्षय शर्मा व उर्वशी वर्मा, रसायन शास्त्र विभाग के अदिति जोशी, रोहन निगम, रिशिता एवं मनन ने विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। अंत में नए विद्यार्थियों को डॉ. नीरज आर्य, डॉ. रियाज मंसूरी, डॉ. एल. एस. चौंगड़ के नेतृत्व में कक्षाओं, खेल परिसर, भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ, विद्यार्थी पुस्तक सहायता केंद्र, कार्यालय भवन एवं विभिन्न विभागों का भ्रमण कराया गया।
योगाभ्यास भी काराया
नव प्रवेशित विद्यार्थियों के गूगल फॉर्म के माध्यम से पंजीयन करने के बाद महाविद्यालय के प्रोफेसरों द्वारा नए विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों का तिलक लगाकर एवं फूल देकर स्वागत किया गया। उसके बाद नीतेश शुक्ला द्वारा 10 मिनट का योगाभ्यास भी नए विद्यार्थियों को कराया गया। इससे पूर्व शुभारंभ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। अतिथियों का स्वागत डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. अर्चना भट्ट, डॉ. कविता ठाकुर, डॉ. ललिता मरमट ने किया। सरस्वती वंदना संस्कृत विभाग अध्यक्ष डॉ. ललिता मरमट ने की। संचालन डॉ. सी. एल. शर्मा ने किया। आभार डॉ. स्वाति पाठक ने माना। मुख्य लिपिक डॉ. शिरीष मेहरा, लेखापाल राजेन्द्र रावल, प्रोफेसर, विद्यार्थी एवं अभिभावक उपस्थित रहे।