कांग्रेस प्रत्याशी सकलेचा के विरुद्ध एडवोकेट राकेश शर्मा ने दायर की याचिका, राष्ट्रपति के आदेश की अवमानना का लगाया आरोप

रतलाम के एक एडवोकेट ने कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा दादा द्वारा नामांकन पत्र में राष्ट्रपति द्वारा उन्हें 1 वर्ष के लिए अयोग्य ठहराए जाने के आदेश की जानकारी छिपाए जाने का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की है।

कांग्रेस प्रत्याशी सकलेचा के विरुद्ध एडवोकेट राकेश शर्मा ने दायर की याचिका, राष्ट्रपति के आदेश की अवमानना का लगाया आरोप
पारस सकलेचा, कांग्रेस प्रत्याशी- रतलाम शहर विधानसभा क्षेत्र।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एडवोकेट राकेश शर्मा ने रतलाम शहर से कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा दादा के विरुद्ध राष्ट्रपति के समक्ष एक याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने सकलेचा पर नाम निर्देशन पत्र में जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है। राष्ट्रपति कार्यालय में याचिका पंजीकृत कर उसे मप्र शासन को अग्रेषित किया गया है।

एडवोकेट शर्मा द्वारा प्रस्तुत याचिका में बताया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के अभिमत के आधार पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा गत 29 मई, 2015 को सकलेचा (पारसमल सकलेचा) को एक साल के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। आदेश की प्रति 19 फरवरी, 2016 को भारत सरकार को भी भेज दी गई थी। शर्मा के अनुसार इसके बाद भी सकलेचा ने रतलाम शहर विधानसभा चुनाव के लिए दाखिल नामांकन पत्र में इसका ब्यौरा नहीं दिया। नामांकन पत्र के भाग 3 (क) के पैरा 5 में ऐसी जानकारी देने का प्रावधान है।

एडवोकेट शर्मा ने याचिका में बताया है कि सकलेचा द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर को जो जवाब दिया गया उसमें लिखा गया है कि राष्ट्रपति द्वारा उन्हें कभी निर्हरित घोषित नहीं किया गया। यह राष्टरपति के आदेश की अवहेलना है। शर्मा के अनुसार राष्ट्रपति कार्यालय से उनकी याचिका जांच हेतु मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित कर दी गई है। अब शासन को मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजना होगी जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

यह था मामला

बता दें, कि- सकलेचा पूर्व में रतलाम शहर से विधायक का निर्दलीय चुनाव जीते थे। तब उनके प्रतिद्वंद्वी रहे पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी की पराजय हुई थी। उन्होंने इस चुनाव को निर्वाचन आयोग और मप्र हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सकलेचा ने उन पर गृहमंत्री रहते हुए पुलिस विभाग में हुई खरीदी में भ्रष्टाचार करने के झूठे आरोप लगा कर चुनाव चुनाव जीता है। कोठारी की ओर से सकलेचा की चुनावी सभाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग की सीडियां भी न्यायालय में प्रस्तुत की गईं थी। हाईकोर्ट ने सकलेचा का चुनाव शून्य घोषित किया गया था जिसे सकलेचा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि तब तक उनकी विधायकी के पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया था। सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन रहते हुए ही मामला राष्ट्रपति के पास पहुंचा था। तब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सकलेचा को भ्रष्ट आचरण का दोषी ठहराए जाने के तथ्यों के आधार पर एक साल के लिए निर्हरित (अयोग्य) घोषित किया था। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनते ही यह मामला एक बार फिर जिन्न की तरह बोतल से बाहर आ गया है। यह जिन्न सकलेचा की मुसीबतें बढ़ाता है या फिर उन्हें कोई लाभ पहुंचाता है, यह कह पाना मुश्किल है।