सांसद व विधायक घेराव मामले में जयस के नेताओं सहित 5 लोगों को जेल, गुरुवार को फिर होगी पेशी, जयस ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

मप्र के रतलाम में सांसद और विधायक के घेराव के मामले में जयस के नेताओं सहित 5 लोगों को जेल भेज दिया गया। उन पर शासकीय कार्य में बाधा और एट्रोसिटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है।

सांसद व विधायक घेराव मामले में जयस के नेताओं सहित 5 लोगों को जेल, गुरुवार को फिर होगी पेशी, जयस ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. अनिल राय एवं जयस नेता डॉ. अभिय ओहरी को न्यायालय ले जाते पुलिस।

शासकीय कार्य में बाधा सहित एक दर्जन धाराओं में दर्ज किया था केस

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सांसद और विधायक के गेराव और वाहनों में तोड़फोड़ मामले में गिरफ्तार किए गए जयस के नेताओं सहित 5 लोगों को न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इनकी गुरुवार को फिर न्यायालय में पेशी होगी। जयस नेताओं की पेशी के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे इसके लिए कोर्ट व आसपास के परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। पुलिस ने एहतियात के तौर पर शाम को फ्लैग मार्च भी निकाला। मामले में जयस द्वारा उग्र आंदोलन की चेतावनी पहले ही दी जा चुकी है।

एक दिन पूर्व सांसद गुमान सिंह डामोर और विधायक दिलीप मकवाना की सुरक्षा में चूक के कारण रतलाम पुलिस की हर तरफ किरकिरी हो रही है। अपनी इस नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस बुधवार को ज्यादा ही चौकन्नी नजर आई। पुलिस ने मामले में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के प्रदेश संरक्षक डॉ. अभय ओहरी तथा विशल ब्लोअर व आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. आनंद राय सहित 5 लोगों को गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा के लिहाज से कोर्ट तथा आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया। सुरक्षा व्यवस्था की मॉनीटरिंग खुद एसपी अभिषेक तिवारी कर रहे थे। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोपहर करीब 3.20 बजे गिरफ्तार जयस नेताओं डॉ. अभय ओहरी, डॉ. आनन्द राय, अनिल निनामा, विलेश खराडी और गोपाल वाघेला को एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश डीएस चौहान के समक्ष पेश किया गया। 

इसलिए नहीं हो सकी आरोपियों की जमानत के आवेदन पर सुनवाई

आरोपियों की ओर से उपस्थित अभिभाषकों ने उनकी जमानत के लिए आवेदन भी प्रस्तुत किए। इस पर शासकीय विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना ने आपत्ति प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि एससीएसटी एक्ट के मामलों में जमानत आवेदन पर सुनवाई के पहले फरियादी को सूचना देना जरूरी है। विशेष लोक अभियोजक की इस दलील पर न्यायालय ने फरियादी संदीप चंदेल को सूचना-पत्र देकर सुनवाई के लिए 17 नवंबर (गुरुवार) की तारीख नियत की गई। नतीजतन पांचों आरोपियों को गुरुवार तक के लिए न्यायियक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर मांगा है जिस पर गुरुवार को सुबह 11 बजे शुरू होने वाली सुनवाई के दौरान निर्णय होगा।

सुबह से रात तक ऐसी रही चौकसी

छत्रीपुल स्थित आंबेडकर तिराहे से सेंट जोसफ कॉन्वेन्ट तिराहे तक पूरी सड़क पर बेरिकेडिंग की गई थी। एसपी अभिषेक तिवारी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। एहतियात के तौर पर जिले के अन्य क्षेत्रों में भी चौकसी रही।

देर शाम को पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाल कर कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होने देने को लेकर अपने इरादे साफ कर दिए। इससे पूर्व पुलिस द्वारा सांसद और विधायक के घेराव को लेकर किसी भी प्रकार की पोस्ट सोशल मीडिया पर नहीं करने को लेकर चेतावनी भी जारी की। पुलिस व प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जिले में धारा 144 लागू है। इसका उलंल्घन करने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

19 नामजद और 50 से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज हैं केस

बता दें कि, उक्त मामले में बिलपांक थाने पर जयस के प्रदेश संरक्षक डॉ. अभय ओहरी और डॉ. आनंद राय सहित 19 नामजद तथा 50 अन्य के खिलाफ एक दर्जन से अधिक धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इन पर एससीएसटी एक्ट के साथ ही शासकीय कार्य में बाधा डालने, शासकीय कर्मचारी के साथ मारपीट करने, सार्वजनिक मार्ग बाधित करने, वाहनों में तोड़फोड़ करने और जनप्रतिनिधियों पर पत्थर फेंकने सहित अन्य आरोप हैं। इसके चलते ही पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इसके अलावा पुलिस वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के आधार पर मामले में शामिल अन्य आरोपियों की धरपकड़ कर रही है।

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उग्र आंदोलन की दे चुके हैं चेतावनी

मंगलवार को जैसे ही जयत कार्यकर्ताओं को पता चला कि पुलिस उनके नेताओं की गिरफ्तारी कर रही है तो 50 से अधिक लोगों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय को घेर लिया था। जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशूराम निनामा के नेतृत्व में हुए इस घेराव के दौरान जयस की ओर से अधिकारियों से उन्हीं के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कहा गया जो उक्त घटना के लिए दोषी हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पता चला है कि पुलिस ने विद्यार्थियों सहित अन्य निर्दोष लोगों के विरुद्ध भी केस दर्ज किया है और धरपकड़ कर रही है। इस दौरान जयस पदाधिकारियों ने यह चेतावनी भी दी थी कि यदि निर्दोष तथा विद्यार्थियों पर कार्रवाई हुई तो उग्र आंदोलन होगा और मप्र सहित चार राज्यों के लोग इसमें शामिल होंगे। यही वजह है पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।