साहित्य सृजन : 'सुनें सुनाएं' का नौवां सोपान 4 जून को, अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाओं का पाठ करेंगे रचनाधर्मी

सुनें सुनाएं आठ सोपान चढ़ कर नौवें में पहुंच चुका है। समय पालन और अपने प्रिय रचनाकार की रचना सुनाने के संकल्प के साथ साहित्य विमर्श का यह आयोजन अपनी अलग पहचान बना चुका है। इसमें आपका भी स्वागत है, सुनिए और सुनाए।

साहित्य सृजन : 'सुनें सुनाएं' का नौवां सोपान 4 जून को, अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाओं का पाठ करेंगे रचनाधर्मी
'सुनें सुनाएं' का नौवां सोपान 4 जून को>

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रचनाशील और सृजनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए "सुनें-सुनाएं" कार्यक्रम का नौवां सोपान 4 जून रविवार को जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल (एनैक्सी प्रथम तल), रतलाम पर सुबह 11 बजे होगा। इस आयोजन में उपस्थित साथी अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाओं का पाठ करेंगे।

रचना पाठ के तहत मनकामेश्वर जोशी पीरुलाल बादल की रचना 'अगम रा झूला पिछ्म जाय' का पाठ, यशपाल सिंह तंवर स्वयंप्रकाश उपाध्याय की रचना 'दृष्टि से सृष्टि की ओर' का पाठ, आशा श्रीवास्तव प्रो. अज़हर हाशमी की रचना 'मध्य प्रदेश बहुत ही सुंदर' का पाठ करेंगे। इसी प्रकार संजय बाफना द्वारा नायाब मिड्ढा की रचना 'मुस्कुराओ' का पाठ, अनुभि राठी द्वारा द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की कविता 'वीर तुम बढ़े चलो', डॉ. श्वेता विंचुरकर द्वारा कवि प्रदीप की रचना 'कभी खुद से बात करो, कभी खुद से बोलो' का पाठ किया जाएगा। इसके अलावा पूर्व में रचना पाठ कर चुके कुछ साथी भी अपनी प्रिय रचना सुनाएंगे। 

उल्लेखनीय है कि निर्धारित समय पर प्रारंभ होने वाले इस कार्यक्रम की अवधि एक घंटा तय है। इसमें 45 मिनट रचनाओं का पाठ होगा और 15 मिनट रचनाओं पर सार्थक विमर्श होता है। इस आयोजन में कोई भी अपनी रचना नहीं पढ़ता है, बल्कि अपने प्रिय रचनाकार की रचना का पाठ करता है। 'सुने सुनाएं' ने शहर के रचनाशील साथियों से उपस्थिति का आग्रह किया है।