राष्ट्रीय तुलसी सम्मान और राष्ट्रीय देवी अहिल्या बाई सम्मान की घोषणा, 19 नवंबर को सम्मानित होंगी विभूतियां

मप्र शासन के संस्कृति विभाग ने राष्ट्रीय तुलसी सम्मान और राष्ट्रीय देवी अहिल्या बाई सम्मान की घोषणा की है। सम्मान समारोह 19 नवंबर को निमाड़ उत्सव से पूर्व होगा।

राष्ट्रीय तुलसी सम्मान और राष्ट्रीय देवी अहिल्या बाई सम्मान की घोषणा, 19 नवंबर को सम्मानित होंगी विभूतियां

एसीएन टाइम्स @ भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग ने राष्ट्रीय तुलसी और देवी अहिल्या सम्मानों की घोषणा कर दी है। ये पुरस्कार कला और संस्कृति के क्षेत्र में सक्रिय 6 विभूतियों को प्रदान किया जाएगा। इनमें डॉ. भारती बंधु, शांतिबाई मरावी, कैलाशचंद्र शर्मा, मालिनी अवस्थी, विक्रम यादव, तिलकराम पेंद्राम शामिल हैं।

राष्ट्रीय तुलसी सम्मान से सम्मानित होने वाले कलाकारों में वर्ष 2017 के लिए जयपुर के सुप्रतिष्ठित चित्रकार कैलाशचन्दा शर्मा एवं वर्ष 2018 के लिए राजनांद गाँव के सुप्रतिष्ठित बाँस-बाँसुरी वादक विक्रम यादव शामिल हैं। इसी प्रकार वर्ष 2019 का सम्मान रायपुर के ख्यात कबीर गायक डॉ. भारती बंधु को तथा वर्ष 2020 का यह प्रतिष्ठित जनजातीय कलाकार तिलकराम पेंद्राम को प्रदान किया जा रहा है।

राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान से सम्मानित होने वाले कलाकारों में वर्ष 2019 का यह प्रतिष्ठित सम्मान मण्डला की जनजातीय कलाकार शांति बाई मरावी को तथा वर्ष 2020 का लखनऊ की अवधी, भोजपुरी एवं बुन्देलखण्डी शैली की लोकगायिका मालिनी अवस्थी‍ को प्रदान किया जा रहा है।

19 नवंबर को निमाड़ उत्सव के दौरान दिया जाएगा सम्मान

राष्ट्रीय तुलसी एवं देवी अहिल्या सम्मान से सम्मानित होने वाले कलाकारों का अलंकरण महेश्वर में 19 नवम्बर से आरंभ होने वाले 'निमाड़ उत्सव' के शुभारंभ अवसर किया जाएगा। संस्कृति विभाग की मंत्री उषा बाबू ठाकुर पुरस्कार व सम्मान से नवाजेंगी।

जानें, कब हुई पुरस्कार या सम्मान की स्थापना और क्या मिलता है कलाकारों को

राष्ट्रीय तुलसी सम्मान : संस्कृति विभाग द्वारा प्रतिवर्ष जनजातीय, लोक एवं पारम्पारिक कलाओं में उत्कृष्टता और श्रेष्ठ उपलब्धि को सम्मातनित करने के लिए वार्षिक राष्ट्रीय तुलसी सम्मान की स्थापना 1983 में की गई थी। यह केवल पुरुष कलाकार को ही प्रदान किया जाता है। राष्ट्रीय तुलसी सम्मान तीन वर्ष में दो बार प्रदर्शनकारी कलाओं और एक बार रूपंकर कलाओं के लिए दिया जाता है।

राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान : विभाग द्वारा जनजातीय, लोक एवं पारम्परिक कलाओं के क्षेत्र में महिला कलाकार को सम्मानित किया जाता है। इसके लिए राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान दिया जाता है। इसकी स्थापना संस्कृति विभाग ने 1996 में की थी।

सम्मान निधि के रूप में मिलते हैं दो लाख रुपए 

राष्ट्रीय तुलसी एवं देवी अहिल्या सम्मान के अंतर्गत सम्मानित होने वाले कलाकारों को सम्मान स्वरूप 2 लाख की सम्मान राशि, सम्मान पट्टिका एवं शॉल-श्रीफल प्रदान किया जाता है।