चाट व्यवसायी की मौत से भड़के समाज व व्यापारियों ने घटनास्थल पर शव रखकर किया प्रदर्शन, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- आरोपियों को फांसी दो, घर भी तोड़ो
रतलाम में 10 दिन पूर्व हुए गुंडों के हमले में घायल चाट व्यवसायी की मौत के बाद उनके परिजन, समाजजन और व्यवसायियों ने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। उन्होंने मामले के षड्यंत्रकारियों के नाम एफआईआर में जोड़ने और सभी आरोपियों के मकान तोड़ने के आश्वासन के बाद मृतक चाट व्यवसायी का अंतिम संस्कार किया।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । गुंडों के हमले में घायल चाट व्यवसायी ईश्वरलाल कसेरा की मौत के बाद समाज और व्यापारी भड़क गए। उन्होंने गुरुवार को चांदनी चौक में उसी जगह कसेरा की अर्थी रख कर प्रदर्शन किया जहां 10 दिन पूर्व उन पर हमला हुआ था। करीब दो घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगों ने हमला करवाने वाले गुंडों के नाम एफआईआर में नहीं जोड़ने का पुलिस पर आरोप लगाया। उन्होंने सभी आरोपियों को फांसी देने और उनके घर तोड़ने की मांग की। एडिशनल एसपी राकेश खाखा के आश्वासन पर लोगों ने धरना-प्रदर्शन समाप्त किया।
10 दिन पूर्व दीनदयालनगर निवासी 55 वर्षीय चाट व्यवसायी ईश्वरलाल मोठसरा (कसेरा) और उनके बेटे यश पर शहर के चांदनी चौक में 7-8 गुंडों ने जानलेवा हमला कर घायल कर दिया था। हमले में गंभीर घायल ईश्वरलाल का बुधवार शाम निधन हो गया। ईश्वरलाल की मौत की खबर दावानल की तरह शहर में फैल गई। इससे समाज और व्यवसायियों में आक्रोश व्याप्त हो गया। मृतक ईश्वरलाल के बड़े बेटे नीलेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें न्याय दिलाने में समाज और व्यवसायियों का सहयोग मांगा। नीलेश ने उनके पिता के अंतिम संस्कार होने से पहले षड्यंत्रकारी आरोपियों के नाम एफआईआर में जोड़ने के साथ ही सभी आरोपियों के मकान तोड़ने की मांग भी की।
ईश्वरलाल की मौत और नीलेश की अपील का असर यह हुआ कि गुरुवार सुबह उनके निवास पर अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए समाजजन और व्यवसायी उमड़ पड़े। दोपहर करीब 12.30 बजे अंतिम यात्रा उनके दीनदयालनगर स्थित निवास से रवाना होकर चांदनी चौक में उसी स्थल पर पहुंची जहां 19 जून की रात को ईश्वरलाल और यश पर गुंडों ने जानलेवा हमला हुआ था। आक्रोशित परिजन, समाजजन और व्यवसायियों ने सड़क पर अर्थी रखकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। खास बात यह रह कि प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं।
पुलिस की मुर्दाबाद के लगे नारे
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी गुंडों को बचाने का आरोप लगाते हुए पुलिस की मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शहर में गुंडागर्दी लगातार बढ़ती जा रही है। बावजूद पुलिस द्वारा वास्तविक आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाती है। इस मामले में भी पुलिस फ्री की चाट और हफ्ता वसूली का मामूली मामला बता कर गंभीर मामले से ध्यान भटका रही है। मृतक कसेरा के परिजन का आरोप है कि पूरे मामले में षड़यंत्रकर्ता विराज सोनी और लक्की शर्मा हैं जिन्होंने कुछ दिन पूर्व ही चाट व्यवसायी को डराया-धमकाया था। बावजूद अब तक एफआईआर में पुलिस ने दोनों के नाम नहीं जोड़े हैं।
पत्नी का रो-रो कर हुआ बुरा हाल
दिवंगत ईश्वरलाल की पत्नी ज्योति कसेरा का रो-रो कर बुरा हाल था। उन्होंने कहा कि आरोपियों के कारण मेरा परिवार टूट गया है। मेरा जीवन साथी छोड़ गया है। मेरा भरण-पोषण कैसे होगा। सभी आरोपियों और हत्यारों को फांसी दी जानी चाहिए और उनके मकानों को भी तोड़ा जाए। प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेता एवं सराफा व्यापारी झमक भरगट ने भी संबोधित किया। उनका कहना था कि ईश्वर दादा मेरी दुकान के सामने ही चाट का ठेला लगाते थे। मैं उनसे कहता था कि आप जल्दी आ जाओ हमको कोई दिक्कत नहीं दुकान लगाने से। उनके लिए मैं अपनी दुकान एक घंटा पहले ही मंगल कर देता था ताकि उनका व्यवसाय अच्छा चलता रहे। ईश्वर दादा सज्जन और नेक दिल इंसान थे उनके हत्यारों को सजा मिलनी ही चाहिए। पूर्व महापौर एवं कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने बताया कि हमने घटना वाले दिन ही पुलिस को वीडियो दिखाया था। इसमें आठ आरोपी थे लेकिन पुलिस ने सिर्फ तीन को ही गिरफ्तार किया। आरोपियों को पुलिस क्यों बचा रही है? आरोपियों के सरगना को भी पुलिस बचा रही है।
एसडीएम और सीएसपी से बात करने से किया इनकार
प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही शहर एसडीएम संजीव केशव पांडेय और सीएसपी हेमंत चौहान सहित माणकचौक थाना प्रभारी अनुराग यादव और स्टेशन रोड थाना प्रभारी किशोर पाटनवाला मौके पर पहुंच गए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने उनसे किसी भी तरह की बात करने से साफ इनकार कर दिया। वे कलेक्टर और एसपी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आरोपियों के मकान तोड़े जाएं। ऐसा नहीं होने तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
षड्यंत्रकारियों के नाम एफआईआर में जोड़ने का दिया निर्देश
अनुविभाग स्तर के अधिकारियों से बात करने से इनकार के बाद एडिशनल एसपी राकेश खाखा पहुंचे और आक्रोशित परिजन और समाजजन से बात की। उन्होंने सीएसपी चौहान और स्टेशन रोड थाना प्रभारी अनुराग यादव को एफआईआर में षड्यंत्रकारियों के नाम भी एफआईआर में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने आरोपियों के मकान तोड़ने की परिजन की मांग को लेकर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। तब जाकर दोपहर करीब 2.45 बजे प्रदर्शनकारी शांत हुए और मौके से हटे और ईश्वरलाल का शव अंतिम संस्कार के लिए त्रिवेणी मुक्तिधाम की ओर रवाना हुए। मुक्तिधाम में दोपहर करीब 3.30 बजे पुत्र नीलेश, यश आदि ने दिवंगत ईश्वरलाल को मुखाग्नि दी।
इसलिए पुलिस पर उठ रहे सवाल
गौरतलब है कि चाट व्यवसायियों पर 19 जून, 2023 की रात बीच बाजार में हमला हुआ था। यह वही चौराहा है जहां पुलिस की एफआरसी डायल 100 प्रायः हर समय मौजूद रहती है। दिनभर चीता फोर्स के जवान भी पूरे शहरभर में घूमते रहते हैं। बावजूद गुंडे वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार भी हो गए थे। घटना के तीसरे दिन समाजजन और परिजन ने एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा को तीन पेज का ज्ञापन सौंपा था। इसमें पूरा घटनाक्रम बताने के साथ ही हमला करवाने वाले षड्यंत्रकारियों के नाम भी बताए गए थे। ज्ञापन देने के बाद माणकचौक थाने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले की धारा तो बढ़ा दी थी लेकिन जिन दो षड्यंत्रकारी गुंडों का नाम लिया गया था उनके नाम एफआईआर में शामिल नहीं किए गए। बुधवार को व्यवसायी ईश्वरलाल के निधन के बाद पुलिस में हड़कंप मचा और रात को ही उनके घर पहुंच कर बयान दर्ज कराने की बात कही।
व्यवसायियों ने कारोबार बंद रख किया समर्थन
घटना को लेकर गुरुवार को चांदनीचौक क्षेत्र में चाट सहित अन्य खाद्य सामग्री के ठेले लगाने वाले व्यवसायियों ने कारोबाद बंद रखकर ईश्वरलाल कसेरा को न्याय दिलाने की परिजन व समाज की मांग का समर्थन किया। बता दें रतलाम का सराफा बाजार सोने की गुणवत्ता को लेकर देश-विदेश में भी जाना जाता है। यहां मावे का बड़ा व्यवसाय होता है। चाट, आइस्क्रीम, खाने की अन्य वस्तुओं के ठेले भी लगते हैं। चाट व्यवसायी पर हुए हमले के बाद से क्षेत्र के अन्य व्यवसायियों में भी दहशत व्याप्त है। उन्हें अंदेशा है कि शहर में जिस तरह गुंडों और दहशतगर्दों के हौसले बढ़ रहे हैं, उससे कभी भी उनकी बारी भी आ सकती है।
षड्यंत्रकारियों पर दर्ज हो हत्या का केस, घर भी टूटें
हमले के 8-10 दिन पहले विराज सोनी और लक्की शर्मा दो गुंडे आए। उन्होंने फ्री चाट खाने के बहाने धमकी दी। मारने-पीटने और दुकान बंद करने की बात की। हम विवाद नहीं चाहते थे। छोटे आदमी हैं, ठेलागाड़ी लगाते हैं इसलिए बात जाने दी। कुछ दिन बाद इनके नाम से 7-8 जन आए जिन्होंने फ्री में चाट खाने की बात कह और इनका इनका नाम लेकर पैसे मांगे। हमने पैसे नहीं दिए तो गाड़ी उल्टी कर पापा और मेरे साथ मारपीट की। पैसे लूटना का प्रयास किया और जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। हमें जान से मारने की कोशिश की, हमारे पिता को जान से मार दिया। जिन लोगों ने हमलावरों को भेजा और उनका नाम एफआईआर में नहीं है। उनके नाम भी जोड़े जाएं और उन पर धारा 302 के तहत कार्रवाई की जाए तथा उनके घर भी तोड़े जाएं।
यश कसेरा (हमले का प्रत्यक्षदर्शी और मृतक ईश्वरलाल का पुत्र)
(सभी फोटो और वीडियो फोटो जर्नलिस्ट राकेश पोरवाल)