जिले को बड़ी सौगात ! अब रॉयल महाविद्यालय में एम. फार्मा और बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई भी होगी, इसी सत्र से शुरू हो रहे पाठ्यक्रम

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से अनुमति मिलने के बाद रॉयल कॉलेज में शुरू हुआ एम. फार्मा कोर्स, नर्सिंग काउंसिल से बी.एससी. नर्सिंग को भी मिली मंजूरी — अब छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

जिले को बड़ी सौगात ! अब रॉयल महाविद्यालय में एम. फार्मा और बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई भी होगी, इसी सत्र से शुरू हो रहे पाठ्यक्रम
रॉयल कॉलेज में इसी सत्र से शुरू होंगे दो नए पाठ्यक्रम।
  • एम. फार्मा पाठ्यक्रम शुरू करने वाला रतलाम जिले का पहला संस्थान बना रॉयल कॉलेज

  • इस पाठ्यक्रम के लिए विद्यार्थियों को रतलाम से बाहर नहीं जाना पड़ेगा 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रॉयल गुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स रतलाम जिले का पहला ऐसा संस्थान बन चुका है जिसे एम. फार्मा पाठ्यक्रम शुरू करने की भी अनुमति मिल गई है। अनुमति फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली से मिली है। पाठ्यक्रम इसी सत्र से शुरू किया जा रहा है। बी.एस.सी. नर्सिंग पाठ्यक्रम भी शुरू हो जाएगा।

यह जानकारी रॉयल गुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन प्रमोद गुगालिया ने सालाखेड़ी रतलाम स्थिति कैंपस में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। इस दौरान डायरेक्टर डॉ. उबेद अफजल भी मौजूद रहे। चेयरमैन गुगालिया ने बताया कि, फार्मेसी महाविद्यालय में एम. फार्मा पाठ्यक्रम राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल से सम्बद्धता भी प्रदान की जा चुकी है। पूरे रतलाम जिले में रॉयल महाविद्यालय पहला व एकमात्र महाविद्यालय है, जिसमें अब एम. फार्मा का पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जा रहा है। गुगालिया ने बताया कि, इसी सत्र् 2025-26 से ही उनके नर्सिंग महाविद्यालय में चार वर्षीय बी. एससी. नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जा रहा है। इसके संचालन के लिए म. प्र. नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा नर्सिंग महाविद्यालय को अनुमति प्राप्त हो गई है।

65 बीघा, 29 वर्ष, 16 पाठ्यक्रम, 2500 विद्यार्थी

गुगालिया के अनुसार 65 बीघा क्षेत्रफल में पिछले 29 वर्षों से उनकी संस्था के अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों में अब इस सत्र से 16 पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। इसमें एम. फार्मा, बी. फार्मा, डी. फार्मा, एम.बी.ए., बी.बी.ए., बी.सी.ए., बी.एड., डी.एड., बी.एससी. बायोटेक, बी.एससी. माइक्रोबायोलॉजी, बी.एससी. कम्प्यूटर साइंस, बी.कॉम. कम्प्यूटर एप्लिकेशन, बी.कॉम. प्लेन, बी.एससी. नर्सिंग, जी.एन.एम. व एन.टी.टी. आदि प्रमुख हैं। वर्तमान में इन पाठ्यक्रमों में लगभग 2500 विद्यार्थीगण अध्ययनरत हैं।

अब रतलाम से बाहर नहीं जाना पड़ेगा पढ़ने 

मंचासीन डायरेक्टर डॉ. उबेद अफज़ल ने बताया कि, विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए रतलाम से बाहर के शहरों में पलायन को रोकने के लिए, संस्था हमेशा प्रयासरत रहा है। संस्था के अंतर्गत संचालित फार्मेसी महाविद्यालय में बी.फार्मा पाठ्यक्रम का विगत 15 वर्षों से संचालन हो रहा है। एम.फार्मा का पाठ्यक्रम रतलाम जिले में नहीं होने से बी.फार्मा की डिग्री लेने के बाद विद्यार्थियों को इसके अध्यापन के लिए इन्दौर, कोटा, भोपाल, वडोदरा आदि शहर जाना पड़ता था। रॉयल महाविद्यालय में इसी शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम प्रारम्भ होने से उन्हें रतलाम से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

फीस का भी हो गया निर्धारण

डॉ. अफज़ल ने यह भी बताया कि, संस्था द्वारा एम.फार्मा पाठ्यक्रम के अध्ययन की फीस का निर्धारण भी प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति (फीस रेग्युलेटरी बॉडी) से करवा लिया गया है। पत्रकार वार्ता में फार्मेसी संकाय के प्राचार्य डॉ. मनीष सोनी, प्रबंधन संकाय के प्राचार्य डॉ. प्रवीण मंत्री, शिक्षा संकाय की प्राचार्य डॉ. आर. के. अरोरा, वाणिज्य संकाय के प्राचार्य डॉ. अमित शर्मा, नर्सिंग संकाय के प्राचार्य जगदीश डुके, प्रशासक प्रफुल्ल उपाध्याय, लाइफ साइंस के विभागाध्यक्ष प्रो. कपिल केरोल एवं कम्प्यूटर साइंस की विभागाध्यक्ष प्रो. दीपिका कुमावत आदि भी उपस्थित रहे।