कोर्ट का फैसला ! 2 अफीम तस्करों को 7-7 साल के सश्रम कारावास की सजा, 50-50 हजार रुपए जुर्माना भी ठोका

रतलाम के एनडीपीएस मामले के विशेष न्यायालय ने 2 तस्करों को सात-सात के सश्रम कारावास से दंडित किया है। मामले में एक आरोपी के विरुद्ध दोष सिद्ध नहीं होने से उसे बरी कर दिया।

कोर्ट का फैसला ! 2 अफीम तस्करों को 7-7 साल के सश्रम कारावास की सजा, 50-50 हजार रुपए जुर्माना भी ठोका
न्यायालय का आदेश।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एनडीपीएस के विशेष न्यायालय ने दो अफीम तस्करों को सात-सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपए जुर्माना भी किया गया है। इनसे जून 2020 में 2 किलो 400 ग्राम अफीम जब्त की गई थी।

सहायक निदेशक अभियोजन आशा शाक्‍यवार के अनुसार 22 जून 2020 को नारकोटिक्स सेल प्रकोष्ठ नीमच के उप निरीक्षक रऊफ खान को मुखबिर से एक सूचना मिली थी। बताया गया था कि आरोपी चैनसिंह पिता भगवानसिंह निवासी ग्राम किशनगढ़ साथी कंवरलाल पिता शिवलाल व्यास निवासी ग्राम दौलतगंज के साथ अपनी बाइक (MP43 EA 0156) किसी को अफीम देने जा रहा है।

बाइक पर रखे झोले में मिली थी अफीम

इस आधार पर उप निरीक्षक रऊफ खान ने पुलिस के साथ ताल-मंडावल फंटे पर नाकाबंदी कर सर्चिंग की थी। कुछ ही समय बाद वहां बाइक से संदिग्ध आरोपी आते नजर आए। टीम ने उन्हें रोक कर चैकिंग की तो बाइक पर रखे झोले में 2 किलो 400 ग्राम अफीम मिली। टीम ने अफीम जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया और एनडीपीएस की धारा 8 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया।

उज्जैन के व्यक्ति से अफीम लाना बताया था

आरोपियों ने पूछताछ में अफीम गोपालसिंह पिता पुरसिंह निवासी ग्राम बपैया जिला उज्जैन से लाना बताया था। इसके आधार पर गोपालसिंह को भी आरोपी बनाया गया था। विवेचना के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध एनडीपीएस मामले के विशेष न्यायालय में चालान पेश किया गया। यहां द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश आशीष श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई करते हुए अफीम तस्करी के दोषी पाए जाने पर अभियुक्त चैनसिंह पिता भगवान सिंह निवासी ग्राम किशनगढ़ थाना ताल एवं कंवरलाल व्यास पिता शिवलाल व्यास निवासी ग्राम दौलतगंज तहसील आलेाट को एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 सहपठित धारा 18 सी में सात-सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

जुर्माना भी लगाया

दोनों अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया। वहीं गोपालसिंह के विरुद्ध आरोप प्रमाणित नहीं होने पर उसे दोषमुक्त कर दिया। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियेाजक (एडीपीओ) संजय वसुनिया ने की जबकि गोपाल की तरफ से पैरवी अभिभाषक मनमोहन दवेसर ने की।