DP ज्वैलर्स की इतनी हिम्मत ? रामचरितमानस की पवित्र चौपाई को सोने के लालच में तोड़ा-मरोड़ा, सनातनियों में रोष !

रतलाम के DP ज्वैलर्स ने दशहरा विज्ञापन में रामचरितमानस की चौपाई को तोड़ा-मरोड़ा, 'प्राण' की जगह 'स्वर्ण' जोड़कर आस्था को ठेस पहुंचाई। सनातनियों में आक्रोश। पूरी घटना पढ़ें।

DP ज्वैलर्स की इतनी हिम्मत ? रामचरितमानस की पवित्र चौपाई को सोने के लालच में तोड़ा-मरोड़ा, सनातनियों में रोष !
रतलाम के डीपी ज्वैलर्स का नया कारनामा।

रतलाम के ज्वैलर्स ने दशहरे पर व्यापार चमकाने के चक्कर में तुलसीदास जी की चौपाई में 'प्राण' की जगह 'स्वर्ण' ठूंस दिया, आस्था पर प्रहार से लोगों में आक्रोश

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नियमों-कानूनों को ठेंगे पर रखने वाले शहर की डीपी ज्वैलर्स का एक नया कारनामा सामने आया है। अपने व्यापारिक फायदे के लिए संस्थान के जिम्मेदारों ने श्री राम चरित मानस की चौपाई की लाइन ही बदल दी। तोड़-मरोड़ कर छापी गई चौपाई वाला विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पर सनातन धर्मावलंबियों में तीखी प्रतिक्रिया भी है।

गुरुवार को डीपी आभूषण लिमिटेड के वेंचर डीपी ज्वैलर्स द्वारा डिजाइन करवाया गया एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जो लोगों की नारजगी का कारण बन रहा है। दरअसल, विज्ञापन में गोस्वामी तुलसीदास कृत् श्री रामचरित मानस के अयोध्याकांड की एक चौपाई का उपयोग किया गया है। इसमें चौपाई के तीसरे पद को यथावत लिया गया है जबकि चौथे पद को पूरी तरह बदल दिया गया है।

मूल चौपाई का तीसरा और चौथा पद है...

‘रघुकुल रीति सदा चलि आई।

प्रान जाहुं बरु बचन न जाई।।’

संस्थान ने बदल कर ऐसा कर दिया...

‘रघुकुल रीत सदा चली आई। स्वर्ण से हमेशा सुख-समृद्धि घर आई।।’

(ये पद बदल दिए, चौपाई में छेड़छाड़ वाला विज्ञापन खबर के अंत में देखें)

लोगों में इसलिए है नाराजगी

भगवन श्री राम से जुड़े धार्मिक ग्रंथ में लिखी गई चौपाई को दशहरे के पर्व अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए इस तरह बदल दिए जाने की जानकारी मिलने पर सनातन धर्म से जुड़े लोगों ने नाराजगी जताई। उनका कहना है कि किसी भी शहर का विकास व्यापारा-व्यवसाय बढ़ने पर ही होता है लेकिन इसके लिए किसी धर्म के अनुयायियों की आस्था का प्रतीक धार्मिक प्रतीक चिह्न, धार्मग्रंथों में लिखे, सूक्त, मंत्र, दोहे, चौपाई आदि के साथ छेड़-छाड़ करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। यह सीधे तौर पर धार्मिक आस्था को आघात पहुंचाने वाला है।

संस्थान के जिम्मेदारों को नहीं गलती का अहसास

जानकारी के अनुसार उक्त मामले में गुरुवार देर शाम शहर के प्रमुख संगठनों से जुड़े लोगों ने संस्थान के जिम्मेदारों को कॉल कर आपत्ति दर्ज कराई परंतु उनका रवैया गलती स्वीकार करने के बजाय टालने वाला ही रहा। इस बारे में एसीएन टाइम्स ने भी डीपी ज्वैलर्स के संचालक विकास कटारिया से पक्ष जानना चाहा लेकिन उन्होंने शहर से बाहर होने की बात कहकर टाल दिया। बिजनेस हेड तरुण बोहरा ने तो न ही वाट्सएप मैसेज पर प्रतिक्रिया दी और न ही काल ही रिसीव किया।

पहले भी हो चुकी है ऐसी ही गुस्ताखी

बता दें कि, काफी वर्ष पूर्व शिवरात्रि पर्व के मौके पर शहर के एक दोपहिया वाहन डीलर ने भी इसी प्रकार धार्मिक प्रतीक चिह्न से छेड़छाड़ का प्रयास किया था। तब डीलर द्वारा अखबार में प्रकाशित करवाए गए विज्ञान में शिवलिंग पर त्रिपुंड की जगह उसी के आकार में वाहन पर मिल रहे ऑफर को छपवा दिया था। इसे लेकर शहर में तीखी प्रतिक्रिया हुई ती जिसे लेकर संबंधित डीलर को माफी तक मांगनी पड़ी थी।