रतलाम में ओमीक्रोन का खतरा ! कर्मचारी से लेकर अफसर तक सब अलर्ट, ...ताकि तीसरी लहर में न हो दूसरी जैसी अफरा-तफरी व बदइंतजामी

रतलाम का प्रशासन और स्वास्थ्य अमला ओमीक्रोन के खतरे को लेकर अलर्ट है। दूसरी लहर की तरह अफरा-तफरी और बदइंतजामी के कारण किसी की जान न जाए इसके लिए पूरी एहतियात बरती जा रही है। कलेक्टर खुद पूरे सिस्टम की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

रतलाम में ओमीक्रोन का खतरा ! कर्मचारी से लेकर अफसर तक सब अलर्ट, ...ताकि तीसरी लहर में न हो दूसरी जैसी अफरा-तफरी व बदइंतजामी

कलेक्टर ने आयोजित की बड़ी बैठक, तीसरी लहर से निबटने के लिए तैयारियों का लिया जायजा, दूसरी लहर की तुलना में इस बार है पुख्ता तैयारी

एसीएन टाइम्स @ रतलाम जिले में कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के खतरे के दृष्टिगत प्रशासन अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम खुद पूरे सिस्टम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि दूसरी लहर जैसी अफरा-तफरी और बदइंतजामी तीसली लहर में देखने न हो और लोगों की जान बच सकें। इसके चलते ही कलेक्टर बुधवार को शासकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने तीसरी लहर से निबटने के लिए बड़ी बैठक ली और मेडिकल कॉलेज की तैयारियों का जायजा लिया। वे तैयारियों से संतुष्ट नजर आए।

मेडिकल कॉलेज में डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे ने अपनी-अपनी तैयारियों का प्रजेंटेशन दिया। दोनों ने दावा किया कि दूसरी लहर की तुलना में इस बार जिले में कोरोना की तीसरी लहर से निबटने की पुख्ता तैयारी है। जो भी कमियां थी उनकी पूर्ति लगभग कर ली गई है। इनकी लगातार समीक्षा की जाएगी। जिले में अब 4 ऑक्सीजन प्लांट हैं। इनमें दो जावरा, एक मेडिकल कॉलेज एवं एक जिला चिकित्सालय में है। सभी ऑक्सीजन प्लांट बढ़िया कंडीशन में हैं। मॉक ड्रिल भी हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन क्षमता वृद्धि के लिए दो टैंक उपलब्ध हैं। मेडिकल  उपकरण, मेडिसिन स्टाफ आदि सभी तैयारियां भी कर ली गई हैं।

पिछले दो बार अनुभव को सामने रखते हुए हों तैयारी, कोई कमी न रहे- पुरुषोत्तम

कलेक्टर ने कहा कि पिछले दो बार के अनुभव को सामने रखते हुए तैयारी हो। इसमें कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए। इसलिए सभी स्टेकहोल्डर्स को बैठक में बुलाया गया है। हमें अपने सिस्टम को अलर्ट मोड पर रखना है। उन्होंने ऑक्सीजन व अन्य उपकरणों और तैयारियों की लगातार मॉक ड्रिल करते रहने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मरीजों, उनके परिजन और मेडिकल स्टाफ के लिए कैंटीन की व्यवस्था मेडिकल कॉलेज में ही से करने के निर्देश दिए। कहा- लॉन्ड्री की व्यवस्था भी होनी चाहिए। जावरा के निर्माणाधीन मातृ-शिशु अस्पताल में भी तीसरी लहर से निबटने की तैयारी रखें। वहां आलोट तक के मरीज कवर किए जा सकते हैं। उन्होंने जिला अस्पताल के सभी वेंटिलेटर चालू रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जिला चिकित्सालय में 1 वार्ड बनाया जाए। इसी तरह मेडिकल कॉलेज में एक  वार्ड संदेहास्पद मरीजों के लिए तैयार करें।

पब्लिक प्लेस में हो रहे कार्यक्रमों में कांटेक्ट ट्रेसिंग हो, सैंपल भी लेते रहें  

कलेक्टर ने  कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया। सीएमएचओ को निर्देश दिए कि जितने भी कार्यक्रम पब्लिक प्लेस पर कार्यक्रम हो रहे हैं वहां लगातार कांटेक्ट ट्रेसिंग  की जाए। त्रिवेणी का मेला लगने वाला है वहां पर सघन कांटेक्ट ट्रेसिंग हो, सिनेमा हॉल अथवा खासतौर पर पूरे जिले के लोग जहां पर एकत्रित होते हैं वहां कांटेक्ट ट्रेसिंग की व्यवस्था की जाए, सैंपल लेते रहे। जिले के मेडिकल स्टाफ के लिए ट्रेनिंग माड्यूल तैयार करें और सतत ट्रेनिंग देते रहे मास्क पर सख्ती जारी रहेगी। एसडीएम अभिषेक गहलोत को निर्देशित किया कि रैपिड रिस्पांस  टीम की बैठक लेकर उन्हें अपडेट करें।

प्राइवेट अस्पतालों में भी कर ली गई हैं सभी तैयारियां- डॉ. सूभेदार

डॉ. जयंत सूभेदार ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना से निबटने की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राइवेट में भी  काफी हद तक तैयारियां कर ली गई हैं। एसपी गौरव तिवारी ने भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी, अपर कलेक्टर एम. एल. आर्य, सीईओ जिला पंचायत जमुना भिड़े, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. इंद्रजीत बाकलवार, सुनील पाटीदार, एसडीएम अभिषेक गहलोत, प्राइवेट नर्सिंग होम्स के डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य उपस्थित थे।

डॉ. जितेंद्र गुप्ता (डीन- शासकीय मेडिकल कॉलेज) के दावे

  • मेडिकल कॉलेज पूरी तरह से तैयार है। सेकंड वेव में 550 बेड थे, अब 654 बेड हैं। कॉलेज में 172 एचडीयू बेड है, अब 180 बेड है। आईसीयू की क्षमता 72 बेड है। पीडियाट्रिक आईसीयू बेड क्षमता 28 बेड की है। कुल 654 बेड है, इनमें 450 ऑक्सीजन बेड है।
  • मेडिकल कॉलेज के पास 179 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के कारण शत-प्रतिशत बेड ऑक्सीजनयुक्त रहेंगे। ऑक्सीजन का 48 घंटे का बेकअप रहेगा। छोटे सिलेंडर की अतिरिक्त आवश्यकता है। अभी 30 सिलेंडर उपलब्ध हैं। 
  • प्रथम लहर में 96 प्रतिशत मरीज रिकवर किए गए थे। दूसरी में 91 प्रतिशत मरीज रिकवर हुए।
  • मेडिकल कॉलेज में स्टाफ पर्याप्त है। यहां 307 नया नर्सिंग स्टाफ आया है। कुल 327 का नर्सिंग स्टाफ है। आवश्यकता होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से अतिरिक्त स्टाफ मिलेगा।
  • मेडिकल कॉलेज में 76 वेंटीलेटर, 19 बायपेप मशीन, 176 बेड साइड मॉनिटर है। पीडियाट्रिक्स के लिए और वेंटिलेटर चाहिए।
  • कॉलेज को दो डायलिसिस यूनिट और चाहिए।
  • एंबुलेंस एक है परंतु लहर की स्थिति में चार या पांच एंबुलेंस की आवश्यकता होगी।

डॉ. प्रभाकर ननावरे (सीएमएचओ) के दावे

  • जावरा के दोनों ऑक्सीजन प्लांट फंक्शनल हैं।
  • जिला चिकित्सालय का ऑक्सीजन प्लांट और मेडिकल कॉलेज का ऑक्सीजन प्लांट बढ़िया स्थिति में है। जिले में विभिन्न चिकित्सा संस्थाओं में 943 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं।
  • जिला चिकित्सालय में 7 वेंटिलेटर हैं जिनमें से छह चालू हैं।
  • दो बाई पेप मशीन हैं।
  • 25 दिसंबर के आसपास मेडिकल कॉलेज तथा जिला चिकित्सालय के लिए सीटी स्कैन मशीनें उपलब्ध हो जाएगी।
  • कोविड- केयर सेंटर अभी एक तैयार है। यह रतलाम में नवीन कन्या परिसर में बनाया गया है।