न्यायालय का फैसला : दैनिक भास्कर द्वारा पत्रकार के खिलाफ दायर वाद खारिज, संदेहास्पद दस्तावेजों और बार-बार बयान बदलने के कारण हुई हार !

दैनिक भास्कर द्वारा दायर किए गए वाद में न्यायालय से एक पत्रकार को बड़ी राहत मिली है। वाद के समर्थन में प्रमाण नहीं दे पाने और बार-बार बयान बदलने के कारण न्यायालय ने अखबार प्रबंधन का दावा खारिज कर दिया।

न्यायालय का फैसला : दैनिक भास्कर द्वारा पत्रकार के खिलाफ दायर वाद खारिज, संदेहास्पद दस्तावेजों और बार-बार बयान बदलने के कारण हुई हार !
पत्रकार के खिलाफ दैनिक भास्कर द्वारा दायर वाद न्यायालय ने किया खारिज।

एसीएन टाइम्स @ खंडवा । जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दैनिक भास्कर द्वारा जिले के एक पत्रकार के विरुद्ध दायर किया गया वाद खारिज कर दिया। संदेहास्पद दस्तावेज प्रस्तुत करने, बार-बार बयानों से मुकरने और तथ्यात्मक दस्तावेज पेश नहीं करने के कारण न्यायालय ने दावा खारिज किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक केलदे ने बताया खंडवा के वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र जायसवाल द्वारा वर्ष 2016 में दैनिक भास्कर की मार्केटिंग (विज्ञापन) एजेंसी ली गई थी। इसमें उन्होंने अपने अनुबंध अनुसार जितने भी विज्ञापनों का प्रकाशन करवाया, उसका पूर्ण भुगतान कर दिया था। इसके बावजूद अनुबंध के दौरान सुरक्षा के बतौर रखे गए चेक का दुरुपयोग कर अधिक राशि वसूलने की गरज से असत्य आधारों पर दैनिक भास्कर की तरफ से प्रीतम राठौर ने जायसवाल के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया।

अधिवक्ता केलके के अनुसार परिवादी ने दावा सिद्ध करने के दौरान बार-बार बयानों से मुकरने एवं संदेहास्पद दस्तावेज पेश करने तथा तथ्यात्मक दस्तावेज नहीं लगाने पर उक्त मुकदमा प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहन डावर ने खारिज कर दिया। न्यायालय ने यह भी माना कि देवेंद्र जायसवाल की एजेंसी द्वारा दैनिक भास्कर को 40 लाख से अधिक रुपए का भुगतान किया गया। इसके बावजूद जो चेक सुरक्षा की दृष्टि से दिया गया था उसे न्यायालय में लगाकर मनमाफिक राशि वसूलने का प्रयास किया गया, जिसमें प्रबंधन सफल नहीं हुआ। 

फोटो प्रकाशित कर दबाव बनाने का किया प्रयास

पत्रकार देवेंद्र जायसवाल के अनुसार दैनिक भास्कर द्वार एक फोटो प्रकाशित कर मुकदमे के दौरान पेशी के दौरान जाहिर सूचना लगाकर दबाव एवं डर बताने का प्रयास किया गया। ऐसा कर के एक प्रकार से मीडिया ट्रायल की कोशिश की गई लेकिन भास्कर प्रबंधन सफल नहीं हो सका। जायसवाल ने इसे सत्य की विजय बताया।

50 से अधिक मुकदमें हैं विचाराधीन

अधिवक्ता केलदे के अनुसार इस मुकदमे के साथ ही 50 से अधिक वे मुकदमे भी प्रकाश में आ गए जो खंडवा के विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन हैं। ये दैनिक भास्कर की तरफ से प्रीतम राठौर द्वारा अलग-अलग एजेंटों के खिलाफ दायर किए गए हैं। न्यायालय का फैसला आने के बाद ऐसे एजेंटों में उम्मीद की किरण भी जागी है कि उनके खिलाफ दायर मुकदमों में न्याय मिलेगा। सफल पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक केलदे की सराहना हो रही है और बधाइयां मिल रही हैं।