पति की प्रताड़ना से तंग आकर युवती ने लगाई थी फांसी, न्यायालय ने पति को सुनाई 7 और 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा, अर्थदंड भी किया

रतलाम के पंचम अपर सत्र न्यायालय ने नवविवाहिता को प्रताड़ित करने वाले पति को अलग-अलग धाराओं में 7 एवं 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विवाहिता ने प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगा ली थी।

पति की प्रताड़ना से तंग आकर युवती ने लगाई थी फांसी, न्यायालय ने पति को सुनाई 7 और 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा, अर्थदंड भी किया
रतलाम न्यायालय ने सुनाई पत्नी को प्रताड़ित करने वाले पति को सजा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम जिले के पंचम अपर सत्र न्यायाधीश शैलेष भदकारिया ने एक युवक को दो अलग-अलग धाराओं में 7 वर्ष एवं 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पत्नी को प्रताड़ित करने वाले उक्त युवक पर दोनों धाराओं में 1-1 हजार रुपए का अर्थदंड भी किया गया है। युवती ने पति की प्रताड़ना से तंग आकर दो साल पहले फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

प्रकरण में पैरवीकर्ता अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि सूचनाकर्ता उदाराम पिता तेजिया भाभर निवासी ब्याटोंक थाना सरवन जिला रतलाम ने पुलिस को सूचना दी थी कि 24.08.2021 को रात करीब 02 बजे अपने खेत पर रोजड़े भगाने गया था। तभी उसके काका के लड़के सीताराम के चिल्लाने की आवाज सुनी। आवाज सुनकर वह अपने खेत से सीताराम के पास पहुंचा और पूछा तो सीताराम ने बताया कि उसकी पत्नी भूलीबाई ने फांसी लगा ली है। उदाराम के पहुंचने से पहले ही सीताराम ने भूलीबाई का शव फांसी के फंदे से उतार लिया था और गाय-भैंस बांधने वाले टापरे पर नीचे जमीन पर रख दिया था। इसके बाद उसने आस-पास रहने वालों और भूलीबाई के मायके वालों को बुलाया। उदाराम की सूचना पर पुलिस थाना सरवन पर केस कर जांच शुरू की गई।

साढ़े 6 साल पहले हुई थी शादी

चूंकि भूलीबाई नवविवाहिता थी इसलिए जांच एसडीओपी संदीप निगवाल ने की। जांच के दौरान मृतका के पिता मलिया उर्फ मल्या, माता एतरीबाई तथा भाई प्रेमसिंह निवासी गांव पाड़लिया जोधपुरा के कथन लिए गए। उन्होंने अपने कथन में बताया कि भूलीबाई की शादी सीताराम से करीब 6 साल पहले हुई थी। भूलीबाई को सीताराम से तीन बच्चे हैं।

...इसलिए लगा ली युवती ने फांसी

शादी के बाद सीताराम ने भूलीबाई को कुछ समय ठीक से रखा। उसके बाद उसने भूलीबाई से कहना शुरू कर दिया कि वह उसे पसंद नहीं है, वह दूसरी शादी करेगा। उसका तर्क था कि भूलीबाई कम पढी-लिखी थी और सीताराम से उम्र में बड़ी थी। सीताराम भूलीबाई को घर से निकालने के लिए आए दिन शराब पीकर गाली-गलौच एवं मारपीट कर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। इससे तंग आकर भूलीबाई ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

प्रताड़ना के संबंध में लिखे गए 6 पत्र भी मिले जांच में

जांच के आधार पर सरवन थाने में अभियुक्त सीताराम के विरुद्ध भादंवि की धारा 306, 498ए का प्रकरण कायम किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने भूलीबाई के साथ अभियुक्त सीताराम द्वारा की जा रही प्रताड़ना के संबंध में उसके स्वयं द्वारा लिखे गए 6 पत्र भी जब्त किए ने। आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अभियुक्त को दोषसिद्ध पाते हुए कठोर कारावास और अर्थदंड से दंडित किया। बता दें कि, अभियुक्त सीताराम 08.09.2021 को ही गिरफ्तार कर लिया गया था और वह तभी से जेल में हैं।