बिहार में ये क्या हो गया : रामनवमी, शिवरात्रि, जन्माष्टमी और रक्षाबंधन की छुट्टियां खत्म कर ईद-बकरीद पर दे दी 3-3 दिन छुट्टी, मच गया बवाल

वर्ष 2024 के शैक्षणिक कैलेंडर में हिंदू त्योहारों की छुट्टियों में कटौती और मुस्लिम त्योहारों की छुट्टी में बढ़ोतरी से बिहार की नीतीश सरकार विवादों में घिर गई है।

बिहार में ये क्या हो गया : रामनवमी, शिवरात्रि, जन्माष्टमी और रक्षाबंधन की छुट्टियां खत्म कर ईद-बकरीद पर दे दी 3-3 दिन छुट्टी, मच गया बवाल
नए शैक्षणिक कलेंडर के कारण चौतरफा घिरी नितीश कुमार सरकार।

एसीएन टाइम्स @ पटना । बिहार में अब हिन्दू त्योहारों पर रामनवमी, शिवरात्रि, जन्माष्टमी और रक्षाबंधन पर छुट्टी नहीं मिलेगी। मकर संक्रांति और तीज सहित अन्य छुट्टियों में भी कटौती कर दी गई है। इसके उलट, मुस्लिम पर्वों ईद और बकरीद पर तीन-तीन दिन का अवकाश मिलेगा। गर्मी की छुट्टियां भी सिर्फ विद्यार्थियों को मिलेंगी, स्कूल स्टाफ को ड्यूटी पर जाना होगा। शैक्षणिक कलेक्टर में किए गए इन प्रावधानों ने भूचाल ला दिया है, नीतीश सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं।

बिहार सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने वर्ष 2024 के लिए शैक्षणिक कलेक्टर जारी किया है। इसमें छुट्टियों का खुलासा किया गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक के आदेश पर जारी नए शैक्षणिक कैलेंडर में साल 2024 में हिन्दू त्योहारों पर मिलने वाले त्योहारों की छुट्टियों में कटौती कर दी गई है। नए कैलेंडर पर गौर करें तो अब बिहार में रक्षाबंधन, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी, मकर संक्रांति, तीज, विश्वकर्मा पूजा और जिउतिया पर छुट्टी नहीं मिलेगी। जबकि ईद, मुहर्रम और बकरीद पर छुट्टी के दिनों की संख्या बढ़ा दी गई है। अब इन पर्वों पर ती-तीन दिन की छुट्टी मिलेगी।

गर्मी की छुट्टी को लेकर भी नई व्यवस्था

शिक्षा विभाग द्वारा जारी नए शैक्षणिक कैलेंडर के मुताबिक गर्मी की छुट्टियां अब केवल विद्यार्थियों को ही मिलेगी। जबकि शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों सहित अन्य स्टाफ को स्कूल जाना होगा। इन सभी को कार्यालयीन और अन्य जरूरी शैक्षणिक कार्य निपटाने होंगे।

...और मच गया बवाल

नया शैक्षणिक कैलेंडर जारी होते ही बवाल मच गया है। भाजपा और हिंदूवादी संगठनों के प्रमुखों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे बिहार सरकार का इस्लामिक रिवॉल्यूशन तक कह दिया है। राज्यभा सदस्य और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हिन्दुओं के पर्व, त्यौहारों की छुट्टियों को रद्द करने को हिन्दू विरोधी मानसिकता का परिचायक बताया है। उन्होंने अपने X हैंडल पर कहा है कि स्कूलों के अंदर चाहे वो प्राथमिक हों या हाईस्कूल हों, हिंदुओं के  पर्व-त्योहारों की छुट्टियों जैसे जन्माष्टमी, रामनवमी, रक्षाबंधन, शिवरात्रि, जिउतिया हो, सारे त्योहारों पर छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। इतना ही नहीं मुसलमानों के जो त्योहार थे उनकी छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा है कि नीतीश जी इसे हम कदापि स्वीकार नहीं करेंगे। ये तुगलकी फरमान है, इसे अविलंब वापस लिया जाए।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज किशोर ने भी बिहार सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि नीतीश सरकार ने तीसरी बार तुगलकी फरमान जारी किया है।

धर्म के चश्मे से न देखें- नीरज कुमार

जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने सरकार का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि इसे धर्म के चश्मे से नहीं देखाना चाहिए बल्कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के चश्मे से देखा जाए। कुमार के अनुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 200 दिन पढ़ाई का प्रावधान है। 60 दिन अवकाश दिए जाते हैं। बीते 3 साल के दौरान भी इतनी ही छुट्टियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा है कि यदि कोई विसंगति है तो विभाग के स्तर पर उसे दूर कर लिया जाएगा। शिक्षा विभाग के निर्णय को धार्मिक चश्मे से देखने की जरूरत नहीं।