बच्चों के स्वास्थ, शिक्षा व पोषण के अधिकारों के हनन पर लिखें पत्रकार क्योंकि कलम की ताकत बदल सकती है- सोनाली नरगुंदे
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के जनसंपर्क एवं जनसंचार अध्ययनशाला तथा रतलाम प्रेस क्लब के तत्वावधान में बाल अधिकार और संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की अध्य्यनशाला और रतलाम प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में हुई कार्यशाला
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । छोटे बच्चों को स्वास्थ, शिक्षा और पोषण का जन्मसिद्ध अधिकार है। अगर हमारे आसपास कहीं कोई बच्चा इनसे वंचित होता दिखे तो हम अपनी कलम की ताकत से उसे उजागर कर समाज में छोटा सा सही, लेकिन बदलाव ला सकते हैं। आजादी के पहले से कलम की ताकत देश की तस्वीर बदलती आई है।
यह बात देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्य्यनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे ने कही। वे अध्य्यनशाला और रतलाम प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में रविवार दोपहर स्थानीय होटल श्रीजी पैलेस में पत्रकारों के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। विषय ‘बाल अधिकार और संरक्षण’ था। इसमें इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मीकांत पंडित व मुकेश तिवारी ने भी शिरकत की। डॉ. नरगुंदे ने कहा कि आज के जमाने में सोशल मीडिया बड़ा इंफ्लुएंजर हैं। अखबार लोग खबर जानने और टीवी मनोरंजन के लिए देख रहे हैं। ऐसे में पत्रकार सोशल मीडिया पर जो लिखते हैं, वह भी महत्वपूर्ण हो गया है।
पत्रकार की लिखी 4 लाइनों से भी बदलता है समाज- पंडित
प्रमुख वक्ता पंडित ने कहा कि कोई भी पत्रकार चाहे अखबार, समाचार चैनल या पोर्टल या सोशल मीडिया पर बच्चों के खराब मध्याह्न भोजन, उनके स्वास्थ या शिक्षा नहीं मिलने के कारणों या किसी भी प्रकार से उनकी मदद हो सके, ऐसी खबरें अवश्य लिखें तो उसका असर जरूर होता है। पत्रकार की लिखी 4 लाइनों में भी किसी भी मुद्दे को उठाने का सबसे बड़ा माद्दा होता है।
जिस बारे में लिख रहे हैं उसकी जानकारी हो- तिवारी
दूसरे प्रमुख वक्ता तिवारी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों के लिए काम करना बेहद जरूरी है। आज भी बड़ा तबका वंचित है। इनके पिछड़ने से पूरा देश पिछड़ता है। पत्रकार के लिए जरूरी है कि उन्हें जिस बात को वे लिख रहे हैं, उसके कानून, संविधान के बिंदु, योजनाओं की जानकारी हो, ताकि उनकी लेखनी ठोस परिणाम ला सके।
रतलाम की पत्रकारिता हमेशा रही समर्पित
स्वागत उद्बोधन रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेशपुरी गोस्वामी ने दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला से समय-समय पर पत्रकारों को निश्चित ही नए कानून, लेखन की शैली और कई नई बातें सीखने को मिलती हैं। यह पत्रकारिता के साथ व्यक्तिगत जीवन में भी बेहतरी लाती हैं। उन्होंने कहा कि रतलाम देश की पहली महिला पत्रकार हेमंत कुमारी चौधरी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे गोपाल सिंह नेपाली जैसे लोगों की कार्यस्थली रहा है। यहां की पत्रकारिता सामाजिक मुद्दों के लिए समर्पित रही है।
कार्यशाला में रहे उपस्थित
कार्यशाला में पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश जैन, आंचलिक पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश टांक, वरिष्ठ पत्रकार तुषार कोठारी, नीरज शुक्ला, नरेंद्र जोशी, अरुण त्रिपाठी, नीरज बरमेचा, असीमराज पाण्डेय, केके शर्मा, विमल कटारिया, निलेश बाफना, राजेश पोरवाल, महेश पुरोहित, शुभ दशोत्तर, सिकंदर पटेल, अशोक शर्मा, जितेंद्र सिंह सोलंकी, सुधीर जैन, किशोर जोशी, प्रदीप नागौरा, अनवर कादरी, अदिति मिश्रा, रिया पोरवाल, डॉ. मोहन परमार, नामली के हरीश चौहान, रमेश गोयल, नंदकिशोर दड़िंग आदि मौजूद थे।