शिक्षा और कौशल विकास में हिन्दी की भूमिका महत्वपूर्ण, विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड के पोस्टर के लोकार्पण अवसर पर संतोष चौबे ने कहा
वनमाली सृजन केन्द्र रतलाम के आयोजन में 'विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड – 2025 के पोस्टर का लोकार्पण ख्यात कवि, कथाकार व शिक्षाविद् संतोष चौबे ने किया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नई पीढ़ी को हिन्दी से जोड़ने के लिए वनमाली सृजन केन्द्र रतलाम के आयोजन में 'विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड – 2025 के पोस्टर का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण राष्ट्रीय आजीविका संसाधन संस्थान के सभागार में वरिष्ठ कवि, कथाकार, विश्व रंग के निदेशक, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल एवं डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय खंडवा के कुलाधिपति संतोष चौबे ने किया। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एव अनुवादक प्रो. रतन चौहान ने की।
लोकार्पण के दौरान संतोष चौबे ने कहा कि शिक्षा और कौशल विकास में हिन्दी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की कार्यकारी संपादक डॉ. विनीता चौबे, डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय खंडवा के कुलगुरु डॉ. अरुण जोशी, एन.एल.आर.आई. के निदेशक डॉ. अनिल सैनी अतिथि के रूप में मौजूद रहे। संचालन युवा रचनाकार एवं वनमाली सृजन केंद्र रतलाम के अध्यक्ष आशीष दशोत्तर ने किया।
बता दें कि, डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय खंडवा एवं राष्ट्रीय आजीविका संसाधन संस्थान भदवासा के मध्य अनुबंध हुआ है। इसके अंतर्गत मध्य भारत के युवाओं को उच्च शिक्षा और कौशल विकास आधारित शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान किए जाएँगे। भारतीय संस्कृति को सहेजने की दिशा में भी यह केंद्र सार्थक सहयोग प्रदान करेगा।
इन्होंने की भागीदारी
इस अवसर पर वरिष्ठ रचनाकार डॉ. मुरलीधर चाँदनीवाला, सुप्रसिद्ध चित्रकार महावीर वर्मा, शिवमंगल सिंह सुमन शोध संस्थान की निदेशक डॉ. शोभना तिवारी, शायर सिद्दीक़ रतलामी, वरिष्ठ कवि एवं सह संपादक मोहन सगोरिया (इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए), विश्व रंग सचिवालय के सचिव संजय सिंह राठौर, टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सह निर्देशक विक्रांत भट्ट, डॉ. कारूलाल जमड़ा, कीर्ति शर्मा, मदनलाल यादव, गोपाल उपाध्याय, सुनील व्यास, प्रकाश हेमावत, सुभाष यादव, विनोद झालानी, दुष्यंत व्यास, जुझार सिंह भाटी, कैलाश वशिष्ठ, अलका जोशी, गौरीशंकर खींची, श्याम सुंदर भाटी सहित बड़ी संख्या में मालवा के दूरदराज अंचलों से आईसेक्ट केंद्रों के संयोजकों, वनमाली सृजन केंद्रों के संयोजकों, रचनाकारों ने रचनात्मक भागीदारी की।