Devastating rain in Uttarakhand : भारी बारिश से 34 की मौत, नैनी झील उफनी, हेलिकॉप्टर से हो रहा रेस्क्यू, सीएम धामी ने किया हवाई सर्वे, पीएम ने ली हालात की जानकारी
Devastating rain in Uttarakhand : उत्तराखंड में तबाही की बारिश ने 34 लोगों की जान ले ली है। सीएम ने हवाई सर्वे किया। पीएम ने मदद का भरोसा दिया।

नदियां उफनने से चारधाम की यात्रा ठप, सीएम ने किया मुआवजा आपदा प्रभावितों के लिए मुआवजे का ऐलान
हल्द्वानी @ एसीएन टाइम्स . उत्तराखंड में भारी बारिश जारी है। इस ततबाही की बारिश (Devastating rain in Uttarakhand) में के कारण नदियों में बाढ़ आ गई है। भू-स्खलन भी हुआ है। अब तक करीब 34 लोगों की मौत हो चुकी है । नैनी झील सहित नदी-नालों में उफान के कारण चारधाम की यात्रा भी ठप हो गई है। राहत कार्य के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया। उन्होंने मुआवजे का ऐलान भी किया है।

उत्तराखंड में तीन दिन से भारी बारिश और बर्फबारी लगातार जारी है। प्राकृतिक आपदा के कारण अराजक स्थिति निर्मित हो गई है। नतीजतन सोमवार को इस पहाड़ी इलाके में कई जगह भूस्खलन हुआ। इसमें पांच लोगों की जान चली गई। रामनगर-रानीखेत रूट पर बाढ़ आने से एक रिजॉर्ट में 100 लोग फंस गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब तक राज्य में 34 लोगों की मौत भारी बारिश (Devastating rain in Uttarakhand) के कारण बने बाढ़ के हालात के कारण हो चुकी है।

चंपावत जिले में एक घर गिरने से दो अन्य लोगों की मौत हो गई। जलस्तर बढ़ने से चलठी नदी पर स्थित एक निर्माणाधीन पुल ही बह गया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया में काफी वायरल हुआ। पीएम मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात करके हालात का जायजा लिया है।
नैनी झील का उफना, सड़कों और घरों तक पानी ही पानी
प्रसिद्ध नैनी झील का पानी सड़कों और घरों तक पहुंच गया। नैनीताल के लोगों का कहना है कि आज से पहले ऐसी तबाही और नजारा पहले कभी नहीं देखा। पानी के कारण सारे रास्ते बंद हो गए। बिजली भी बंद हो गई। प्रशासन ने लोगों से घरों के भीतर ही रहने की अपील की गई है। कमोबेश नैनीताल, रानीखेत और अल्मोड़ा से हल्द्वानी तथा काठगोदाम तक के रास्ते बंद हो चुके हैं।

काठगोदाम जाने वाले रूट पर हल्द्वानी से कुछ आगे गोला नदी में रेलवे का ट्रैक ही समा गया। यहां रेल यातायाता ठप हो गया है। गोला नदी के एक पुल पर से एक एक मोटरसाइकिल सवार एक पुल से गुजर रहा था जिसे लोगों ने शोर मचाकर रोका।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला
लगातार बारिश (Devastating rain in Uttarakhand) के कारण हर जगह पानी ही पानी है। एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस राहत कार्य में जुटी है। दोनों सुरक्षा एजेंसियों ने जानकी चट्टी से कई यात्रियों को देर रात सुरक्षित निकाला और गौरीकुंड पहुंचाया। ये सभी लोग यात्री हैं। ये केदारनाथ के दर्शन के बाद गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी के दूसरी तरफ़ फंस गए थे। यहां मूसलधार बारिश के कारण भू-स्खलन और मलबा गिरने का अंदेशा था।
जोशीमठ में फंसे गुजरात के यात्री, सीएम ने की बात
भूस्खलन के कारण उत्तराखंड के जोशीमठ में गुजरात के कई यात्री फंस गए। गुजरात के सीएम ने मौजूदा स्थिति पर उत्तराखंड के सीएम धामी से बात की। गुजरात के आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी के अनुसार दोनों राज्य लोगों को जल्द से जल्द निकालने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। त्रिवेदी ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए गुजरात से 80-100 लोग उत्तराखंड गए थे। 6 लोग बद्रीनाथ और केदारनाथ में फंस गए। भारी बारिश के कारण हेलीकॉप्टर वहां नहीं पहुंच पाने से दिक्कत का सामना करना पड़ा।
जिम कॉर्बेट पार्क के होटल में फंसे 100 लोग, सभी को बचाया

फोटोग्राफर मुस्तफा कुरैशी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर तबाही की बारिश (Devastating rain in Uttarakhand) की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। एसोसिएट प्रेस के साथ काम कर चुके कुरैशी द्वारा शेयर किए गए फोटो में जिम कॉर्बेट पार्क के पॉश लेमन ट्री होटल पर पर्यटक खड़े नजर आ रहे हैं। नीचे पानी ही पानी है। जिम कॉर्बेट की एक अन्य तस्वीर में रामगंगा नदी का पानी सभी जगह भरा नजर आ रहा है। हालांकि इन सभी को बचा लिया गया है।

यह चमोली जिले में स्थित कर्णप्रयाग में अलकनंदा और पिंडर नदी का संगम है। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण दोनों नदियां उफान पर हैं। खासकर कुमायूं के पिंडारी ग्लेशियर से आने वाली पिंडर नदी में जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है।
सीएम धामी ने की धैर्य बनाए रखने की आपील
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से अपील की। उन्होंने कहा कि सभी लोगों से अनुरोध है कि इस स्थिति में धैर्य बनाकर रखें। हम हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। मौसम विभाग ने बताया है कि आज देर रात तक मौसम ठीक हो जाएगा। इसके बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के अलावा राज्य से लोकसभा सांसद एवं केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से भी फोन पर बात की और राज्य में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी ली।
केरल में 35 की मौत, सफदरजंग में 61 साल की बारिश का रिकॉर्ड टूटा
उधर, केरल में बाढ़ और भारी बारिश (Devastating rain in Uttarakhand) से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। यहां अब तक 35 लोगों की जान चुकी है। लगभग 4,000 लोग अब राज्य के विभिन्न शिविरों में रहने को मजबूर हैं। यहां अभी भी बारिश रोज रिकॉर्ड तोड़ रही है। इसी तरह दिल्ली (सफदरजंग) में भी बारिश ने बीते 61 साल का रेकॉर्ड तोड़ ध्वस्त कर दिया है। पालम में भी 24 घंटे में काफी बारिश हुई। यह पहला मौका है जब इतनी बारिश हुई। सफदरजंग में 24 घंटे के दौरान 87.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मंगलवार को दिल्ली में मौसम साभ रहा।