यह किस संत ने पीएम मोदी को बताया पुण्य का प्रत्यक्ष उदाहरण, जिनकी यात्रा में चूक पर मुस्लिम देशों को दी थी अंजाम भुगतने की धमकी

नौलाईपुरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक में धर्मसभा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रवर्तकश्री प्रकाश मुनि ने बुधवार को कहा कि साधु के लिए भी गौरव के भाव से रहित रहना जरूरी है।

यह किस संत ने पीएम मोदी को बताया पुण्य का प्रत्यक्ष उदाहरण, जिनकी यात्रा में चूक पर मुस्लिम देशों को दी थी अंजाम भुगतने की धमकी
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री- भारत

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आध्यात्म स्वकेन्द्रित होता है। व्यक्ति को अपने आप में लीन करें, वही आध्यात्म है। इसका बाहर से कोई संबंध नहीं होता, केवल अंदर का होता है। पद, पैसा और प्रतिष्ठा, पुण्य से मिलते हैं। पुण्य कभी स्थायी नहीं होता, इसलिए उससे मिलने वाली रिद्धि का कभी गौरव नहीं करना चाहिए। साधु जीवन में भी गौरव के क्षण आते हैं, लेकिन संयम पथ पर चलने वाले के लिए भी गौरव रहित होना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।

यह बात मालव केसरी पूज्य गुरुदेव सौभाग्यमल जी मसा के सुशिष्य श्रमण संघीय प्रवर्तक पंडित रत्न पूज्य श्री प्रकाश मुनिजी मसा निर्भय ने कही। नौलाईपुरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक में व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि पुण्य बढ़ता है, तो सबकुछ बढ़ता है। इसका जीवंत उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इजराइल ने उनकी यात्रा के समय मुस्लिम देशों को सुरक्षा में चूक होने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी, तो दुश्मन देशों को भी मोदीजी की सुरक्षा में लगना पड़ा था।

इसी प्रकार पुण्य खत्म होता है, तो सबकुछ खत्म हो जाता है। इसका उदाहरण शाहजंहा है, जिन्होंने औरंगजेब ने कारागार में डाल दिया था और उन्हें रोटी देने वाले को भी दंडित करने की घोषणा कर दी थी। प्रवर्तकश्री ने कहा कि संयम पथ पर चलने वाले को सोचना चाहिए कि उसे जो रिद्धि मिल रही है, वह पुण्योदय के कारण मिली है। इस पर गौरव का भाव कभी नहीं रहना चाहिए।

ये रहे धर्मसभा में मौजूद

धर्मसभा में सेवाभावी पूज्य श्री दर्शन मुनिजी मसा, पूज्या महासती श्री रमणीककुंवरजी रंजन, श्री चंदनबालाजी मसा श्री नूतनप्रभाजी, श्री वंदना जी, श्री कल्पना जी, श्री चंदना जी, श्री चेतना जी, श्री महिमाजी,श्री लाभोदया जी आदि उपस्थित रहे। संचालन सौरभ मूणत ने किया। प्रभावना सम्पतबाई-रतीचंद पुंगलिया परिवार ने वितरित की। अतिथियों के आतिथ्य सत्कार का लाभ श्री सौभाग्य अणु प्रकाश दीक्षा महोत्सव समिति द्वारा लिया गया।

दो दिनों में 111 किमी का उग्रविहार कर किया मंगल प्रवेश

आगामी 6 अप्रैल को रतलाम में होने वाले मुमुक्षु शांतिलाल गांधी व ज्योति चैहान के दीक्षा महोत्सव के लिए अभिग्रह धारी श्री राजेश मुनिजी मसा दो दिनों में 111 किलोमीटर का उग्र विहार कर रतलाम पहुंचे। बुधवार को नजरबाग बैंक कालोनी स्थित अमृतलाल मूणत के निवास से उनका एवं सेवाभावी श्री राजेंद्र मुनिजी मसा का नगर में मंगल प्रवेश हुआ, जो नोलाईपुरा स्थानक पहुंचकर सभा में परिवर्तित हो गया। धर्मसभा में मुनिश्री ने अपने अभिग्रह पर प्रकाश डाला। श्री सौभाग्य अणु प्रकाश दीक्षा महोत्सव समिति के संयोजक संदीप चैरड़िया एवं रखब चत्तर नेे बताया कि दीक्षा महोत्सव में शामिल होने के लिए महासती धर्मलताजी मसा भी उग्र विहार कर सरवन पधार गई है। मंगलवार को महासती रमणीक कुंवरजी दमू मसा आदि ठाणा रतलाम पधार चुके हैं।

दीक्षार्थी परिवार को बहुमान किया

श्रमण संघीय प्रवर्तक श्री प्रकाश मुनिजी मसा निर्भय की निश्रा में बुधवार को दीक्षार्थी परिवार वल्लभ सकलेचा, वर्षा सकलेचा एवं केंजल सकलेचा का बहुमान किया गया। श्री सौभाग्य प्रकाश जैन नवयुवक मंडल ने अध्यक्ष निलेश मेहता एंव मंत्री राजेश बोरदिया के नेतृत्व में शाल ओढ़ाकर एवं अभिनंदन-पत्र भेंटकर दीक्षार्थी भाई का अभिनंदन किया। महिला मंडल एवं बहु मंडल द्वारा दीक्षार्थी बहनों का सम्मान किया गया। दीक्षार्थी वल्लभ सकलेचा ने आत्म कल्याण के लिए संयम मार्ग पर चलने का आव्हान किया। उन्होंने बताया कि उनकी दीक्षा 7 मई को रतलाम में ही संपन्न होगी।