ऐसा है इन भानुमति के कुनबा...! इस ‘कुनबे’ ने सेवा कार्य की ऐसी मिसाल पेश की कि हर कोई कर रहा तारीफ,

रतलाम की धर्मिनिष्ट समाजसेवी भानुमति राव का निधन होने पर उनके परिवार ने उनके नेत्रदान करवा कर देहदान की प्रक्रिया भी संपन्न करवाई।

ऐसा है इन भानुमति के कुनबा...! इस ‘कुनबे’ ने सेवा कार्य की ऐसी मिसाल पेश की कि हर कोई कर रहा तारीफ,
भानुमति के कुनबे (परिवार) को माता की पार्थिव देह दान करने पर प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अनीता मुथा, काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडशन के सचिव गोविंद काकानी व अन्य।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । ‘भानुमति का कुनबा’ कहावत का उपयोग अलग अर्थों में होता है। इसका आशय है बेमेल चीज़ों को जोड़कर कोई सार्थक वस्तु बनाना। कहावत का इस्तेमाल तब होता जब कोई व्यक्ति इधर-उधर से अपनी ज़रूरत की चीज़ें लेकर कुछ बना लेता है जैसे कि अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियों का गठबंधन। हम यहां जिन ‘भानुमति के कुनबे (परिवार)’ का बात कर रहे हैं वह बेमेल लोगों का समूह नहीं बल्कि एक सेवाभावी परिवार है जिसकी सोच है कि जीते जी तो तो सद्कार्य करें ही, मरने के बाद भी लोगों के लिए काम आ सकें।

जी ! हां, हम रतलाम की 72 बसंत देखने के बाद दुनिया से विदा हुईं भानुमति पति स्व. सुरेश राव  कि बात कर रहे हैं। उनकी पार्थिव देह चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के काम आ सके इसके लिए राव परिवार ने उनके नेत्रदान भी कराए और पार्थिव देह डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम को सौंप दी। दरअसल, भानुमति राव का पैरालिसिस की बीमारी के चलते जिला अस्पताल के आईसीयू में उपचार चल रहा था। परिवार की बहू नमिता राव ने सिस्टर से तबीयत अधिक खराब होने की दशा में सासू मां की इच्छा अनुसार देहदान के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला रोगी कल्याण समिति के सदस्य एवं काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी को आईसीयू में बुलवाया। काकानी ने जानकारी देने के साथ पूरी प्रक्रिया बताई और देहदान का फॉर्म भरवा दिया।

पैरालिसिस का चल रहा था उपचार

शुक्रवार सुबह वयोवृद्ध भानुमति का निधन हो गया। सूचना मिलते ही नेत्रदान के लिए डॉ लक्ष्मी नारायण पांडे मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. अनीता मुथा, नेत्र विभाग प्रभारी डॉ. रशेद्र सिसौदिया एवं उनकी टीम के माध्यम से तत्काल नेत्रदान संपन्न करवाए गए। उत्सर्जित कर इंदौर भिजवाए गए। इसके बाद दोपहर 1:00 बजे अंतिम यात्रा निवास स्थान समता परिसर से डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज पहुंची। यहां भानुमति के सुपुत्र संजय, शैलेंद्र, महेश, बहू नमिता एवं परिजन की उपस्थिति में देहदान की प्रक्रिया संपन्न कराई गई।

समाज के लिए उत्कृष्ट उदाहरण- डॉ. मुथा

मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. मुथा ने राव ने कहा कि परिवार द्वारा विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए दी गई देह प्रैक्टिकल ज्ञान की आवश्यकता को पूरी करेगा। डॉ. मुथा ने इसे समाज के लिए उत्कृष्ट उदाहरण बताया। काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने। स्व. भानुमति राव की इच्छा अनुसार परिवार के द्वारा नेत्रदान एवं देहदान के पुनीत कार्य अनुकरणीय कार्य बताया।

मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

नेत्रंम संस्था के हेमंत मूणत, नवनीत मेहता, ओमप्रकाश अग्रवाल, राजेंद्र शर्मा, वाहन व्यवस्था मीनू माथुर, डॉ. लक्ष्मी नारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज डॉ. विजय चौहान, डॉ. प्रवीण भारती, डॉ. अनिल पटेल, डॉ. पुनीत शर्मा, स्टाफ छोगालाल प्रजापत, सुनील महावर, सुरेंद्र मईडा, काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने परिजन की उपस्थिति में दो मिनट का मौन रखकर पुष्पांजलि आर्पित कर श्रद्धांजलि दी।