बिट क्वाइन व निजी क्रिप्टोकरेंसी होगी बैन, आरबीआई लाएगी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा, शीतकालीन सत्र में आएगा बिल

भरत सरकार किसी भी प्रकार की निजी क्रिप्टोकरेंसी के प्रचलन को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर रही है। इसके आगामी शीतकालीन सत्र में बिल पेश किया जाएगा।

बिट क्वाइन व निजी क्रिप्टोकरेंसी होगी बैन, आरबीआई लाएगी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा,  शीतकालीन सत्र में आएगा बिल

एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली : देश में बिट क्वाइन और अन्य निजी क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है। इसके लिए आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक (2021) संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा। इस बिल को लाने का उद्देश्य भारत में सभी प्रकार की निजी क्रिप्टोकरेंसी गैरकानूनी घोषित करना है।

लोकसभा द्वारा एक विज्ञप्ति जारी की गई है। यह विदायी कार्यक्रम को लेकर है। इसके अनुसार 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इसमें सरकार द्वारा करीब 26 नए बिल पेश किए जाने हैं। इनमें आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन भी शामिल है। सरकार इसे पारित करवा कर किसी भी प्रकार की निजी क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाना चाहती है। इसके स्थान पर आधिकारिक डिजिटल करेंसी निर्धारित करना मुख्य उद्देश्य है। बिल के माध्यम से सरकार इसके अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए विशिष्ट अपवाद प्रदान किए जा सकते हैं।

सरकार चाहती है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक वातावरण प्रदान किया जाए। इसके लिए ही उक्त कानून संसद में पारित करवाने की तैयारी की जा रही है। 

आगामी वित्तीय वर्ष के वार्षिक बजट में हो सकता है समायोजन

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने समाचार एजेंसी पीटीआई को एक इंटरव्यू दिया गया है। इसमें बताया गया है कि सरकार टैक्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी को शामिल करने के लिए आयकर नियमों में बदलाव की जांच करेगी। इन समायोजनों को आगामी वित्तीय वर्ष के वार्षिक बजट में शामिल किया जा सकता है।

अन्य सेवाओं की ही तरह लागू होगा जीएसटी

बजाज के अनुसार कुछ लोग पहले से अपनी क्रिप्टोकरेंसी मुनाफे पर पूंजीगत लाभ का भुगतान कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जीएसटी कानून काफी स्पष्ट है। अब अन्य सेवाओं के समान ही टैक्स लगाया जाएगा। सरकार मौजूदा नियमों का उपयोग फैसिलिटेटर्स, ब्रोकरेज और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को वर्गीकृत करने के लिए करेगी। समान सेवाएं प्रदान करने वाले अन्य प्लेटफॉर्म द्वारा उपयोग की जाने वाली कर विधियों का भी उपयोग होगा। उन पर जो भी क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर लागू जीएसटी की दर ही प्रभावी होगी।

आतंकियों को मदद के लिए हो रहा है दुरुपयोग

बता दें कि पूर्व में ऐसी रिपोर्ट मिली हैं को निजी क्रिप्टो करेंसी का दुरुपयोग हो रहा है। इनका उपयोग झूठे दावों के लिए लिया जा रहा है। इसके अलवा निवेशकों को धाखा देने और आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक मदद केने के लिए किया जा रहा है। सरकार ने इसी पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है।

अभी देश में कोई विनियमन नहीं

देश में अभी में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई कानून नहीं है। बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम किसी भी बैंकिंग नियामक द्वारा विनियमित नहीं की जा सकती है। यही कारण है कि लोग इसमें ज्यादा रुचि ले रहे हैं। सरकार द्वारा इस पर बैन का बिल भी इसी के मद्देनजर लाया जा जा रहा है।