अखण्ड ज्ञान आश्रम में हुई महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीश्री 1008 स्वरूपानंदजी महाराज की समाधि, समाधि से पहले शहर में निकली डोल यात्रा

महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीश्री 1008 स्वरूपानंदजी का देवलोकगमन बुधवार को हो गया था। उन्हें गुरुवार को अखंड ज्ञान आश्रम में समाधि दी गई।

अखण्ड ज्ञान आश्रम में हुई महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीश्री 1008 स्वरूपानंदजी महाराज की समाधि, समाधि से पहले शहर में निकली डोल यात्रा
महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीश्री 1008 स्वरूपानंदजी की समाधि से पहले डोल यात्रा निकाली गई।

विधायक चेतन्य काश्यप और महापौर प्रहलाद पटेल सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधि, संतगण व भक्त हुए शामिल

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अखण्ड ज्ञान आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीश्री 1008 स्वरूपानंदजी महाराज को गुरुवार को सैलाना बस स्टैंड आश्रम में समाधि दी गई। इससे पूर्व उनकी नगर में डोल यात्रा निकाली गई। स्वामी जी के देवलोकगमन की सूचना पाते ही भक्तों में शोक लहर दौड़ गई और आश्रम में भक्तों का तांता लगा रहा। अंतिम दर्शन के लिए विधायक चेतन्य काश्यप, महापौर प्रहलाद पटेल सहित कई संतगण एवं भक्त आश्रम पहुंचे और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीश्री 1008 स्वरूपानंदजी महाराज की पार्थिव देह सुबह 8.00 से 10.30 बजे तक भक्तों के दर्शनार्थ रखी गई। उसके बाद डोल यात्रा निकली। इस दौरान भक्तों ने स्वामी जी के जयकारे लगाए। तो जिन मार्गों से यात्रा निकली वहां भक्तों ने पुष्प वर्षा कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। डोल यात्रा सैलाना बस स्टैण्ड, लोकेन्द्र टॉकीज चैराहा, शहर सराय, गायत्री टॉकीज रोड होते हुए वापस आश्रम पहुंची। यहां आश्रम के स्वामी देवस्वरूपानंद जी ने अंतिम क्रियाएं की। 

इन्होंने अर्पित किए श्रद्धा-सुमन

इस अवसर पर श्री 1008 महामण्डलेश्वर चेतन्य प्रभुजी इन्दौर, हरियाणा के श्री वैराग्यानन्दजी महाराज, बदनावर के स्वामी विशुद्धानन्दजी महाराज, जावरा के स्वामी शिवानन्दजी महाराज, दादू धाम से स्वामी सेवानन्दजी महाराज, हरथली से स्वामी हीरालालजी महाराज, रतलाम से स्वामी देवस्वरूपजी महाराज, शिवगढ़ से संतोषपुरी माताजी, केदारेश्वर से स्वामी आनन्द गिरी जी महाराज, अरनोद से स्वामी निर्मल चेतन्यजी महाराज, धमनार से स्वामी पूर्णानन्दजी महाराज, स्वामी ब्रह्मप्रकाशजी महाराज, स्वामी सुजानानन्दजी महाराज के अतिरिक्त विधायक चेतन्य काश्यप, महापौर प्रहलाद पटेल, कन्हैयालाल मौर्य, सतीश पुरोहित, मनोहर पोरवाल, रतनलाल ठेकेदार, मुन्नालाल शर्मा, अनिल झालानी, सूरज जाट, मयंक जाट, वैभव जाट, राजेन्द्र पुरोहित, सतीश तंवर, जनक नागल, मोहन मुरलीवाला, अनोखीलाल दुबे, राजेन्द्र वाघेला, बंशी अग्रवाल, कमल धाबू तथा सनातन धर्म न्यास, सनातन सोशल ग्रुप, अखण्ड ज्ञान आश्रम सत्संग मण्डल, गोपालजी बड़ा मन्दिर न्यास, बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट, वैदिक जाग्रति ज्ञानपीठ सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा शॉल ओढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।

ये भी रहे उपस्थिति

साथ ही रतलाम के बाहर से आए भक्तगणों में मंसौर से नागेश्वर सोनी, उपरवाड़ा से पूनमचंद, जावरा से बहादुरसिंह, कोटा से विमला राजावत, झाँसी से संतोष मिश्रा, दिल्ली से आशीष मिश्रा, कानपुर से राकेश मिश्रा, दतिया से कल्लू दीक्षित, देवास से राजेन्द्र दीक्षित, ग्वालियर से सौरभ दीक्षित सहित बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन व भक्तगण उपस्थित रहे।

1972 से रतलाम में थे स्वरूपानंद जी

अखण्ड ज्ञान आश्रम के स्वामी देवस्वरूपानंदजी महाराज ने बताया कि जीव ब्रह्म की एकता को अपने जीवन काल में सदैव ध्येय मानने वाले महामण्डलेश्वर स्वामीजी कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। उन्होंने बुधवार शाम अंतिम सांस ली। स्वामीजी वर्ष 1972 से सैलाना बस स्टैण्ड स्थित अखण्ड ज्ञान आश्रम में प्रवासरत थे। उन्हें वर्ष 2001 में प्रयागराज के कुम्भ में महामण्डलेश्वर बनाया गया था।