T & CP विभाग में भ्रष्टाचार ! अवैध निर्माण के बाद भी नगर एवं ग्राम निवेश संचालक ने स्वीकृत कर दिया ले-आउट प्लान, आयुक्त तक पहुंची अनियमितता की शिकायत

रतलाम के ग्राम एवं नगर निवेश उप संचालक के विरुद्ध आयुक्त सह संचालक के विरुद्ध शिकायत की गई है। इसमें उप संचालक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

T & CP विभाग में भ्रष्टाचार ! अवैध निर्माण के बाद भी नगर एवं ग्राम निवेश संचालक ने स्वीकृत कर दिया ले-आउट प्लान, आयुक्त तक पहुंची अनियमितता की शिकायत
भ्रष्टाचार।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के स्थानीय कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत विभाग के आयुक्त सह संचालक से की गई है। शिकायत रतलाम शहर कांग्रेस प्रवक्त एवं रतलाम प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष सुजीत उपाध्याय ने की है। उपाध्याय ने शिकायत में बताया है कि कुछ माह पूर्व ही खरगोन से रतलाम स्थानांतरित होकर आए नगर तथा ग्राम निवेश रतलाम के उप संचालक एम. एल. वर्मा द्वारा लगातार अनियमितताएं की जा रही हैं। उपाध्याय ने शिकायत में अनियमितता के तीन उदाहरण भी बताए हैं।

शिकायतकर्ता उपाध्याय के अनुसार तीन प्रकरण ऐसे सामने आए हैं जिनमें नियमों के विरुद्ध अभिन्यास (ले-आउट) स्वीकृत किए गए हैं। दो प्रकरण प्रकरण रतलाम तहसील के हैं जिसमें एक ग्राम खेतलपुर का तथा दूसरा ग्राम बड़बड़ का है। इसकी स्थल निरीक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि मौके पर निर्माण किया गया है। उक्त निर्माण नियम विरुद्ध है। इसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर अभिन्यास स्वीकृत कर दिया गया। ऐसा ही एक प्रकरण जिले के आलोट का है।

इंजीनियर का दावा- उप संचालक से कोई भी काम करवा सकता है 

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि तीनों प्रकरण रतलाम के एक ही इंजीनियर द्वारा विभाग में प्रस्तुत किए गए थे। उक्त इंजीनियर और नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के उप संचालक वर्मा के पुराने और घनिष्ठ संबंध हैं। बताया जाता है कि इंजीनियर का दावा है कि उप संचालक से हर वह काम करवा सकता है जो नियम के दायरे में नहीं आता हो। इस दावे से उप संचालक और इंजीनियर की सांठ-गांठ साफ जाहिर होती है।

आरटीआई में मिली जानकारी से पता चली गड़बड़ी

शिकायतकर्ता उपाध्याय के अनुसार जिन तीन प्रकरणों की शिकायत आयुक्त सह संचालक को की गई है उसमें हुई अनियमितता का आरटीआई के माध्यम से निकलवाई गई जानकारी में पता चला। उपाध्याय ने बताया आयुक्त को की गई शिकायत में आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज भी लगाए गए हैं। शिकायकर्ता ने आयुक्त से मामले में विस्तृत और निष्पक्ष जाँच के साथ ही उप संचालक वर्मा को तत्काल हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उक्त पद पर किसी ईमानदार अधिकारी की नियुक्ति की जाए।

पहले भी हो चुकी है शिकायत

जानकारी के अनुसार वर्मा जब खरगोन में थे तब वहां भी अनियमितता के आरोप लगे थे। 2017, 2018, 1019 एवं 2021 में भी नियम विरुद्ध ले-आउट स्वीकृत किए थे। इसका शिकायत खरगोन के एक पत्रकार द्वारा की गई थी। 

उप संचालक बोले- सबकुछ नियम के तहत हुआ

ग्राम एवं नगर निवेश विभाग के उप संचालक वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोप निराधार बताए हैं। वर्मा का कहना है कि उनके द्वारा कोई भी ले-आउट नियम के विपरीत स्वीकृत नहीं किया गया है। उप संचालक के अनुसार भारत में सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, शिकायकर्ता तो कुछ भी आरोप लगा सकता है। शिकायकतर्ता की अवैध कॉलोनी में  निर्माण करने से अभिन्यास निरस्त कर दिया गया है। इस कारण वे शिकायत कर रहे हैं।