रंगकर्म की पाठशाला : ‘युगबोध’ के ग्रीष्मकालीन बालनाट्य शिविर में रंगकर्म के गुर सीख रहे 6 से 14 वर्ष के बाल कलाकार

रतलाम में युगबोध संस्था द्वारा बच्चों को रंगकर्म के गुर सिखाए जा रहे हैं। इसमें तैयार होने वाले दो नाटकों का वंचन शिविर के समापन अवसर पर होगा।

रंगकर्म की पाठशाला : ‘युगबोध’ के ग्रीष्मकालीन बालनाट्य शिविर में रंगकर्म के गुर सीख रहे 6 से 14 वर्ष के बाल कलाकार
युगबोध द्वारा रतलाम में 6 से 14 साल तक के बच्चों के लिए रंगकर्म की पाठशाला लगाई जा रही है जिसमें बच्चे रंगकर्म के बारे मेंं सीख रहे हैं।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । बाल कलाकारों में रंगकर्म की चेतना जागृत करने और उनकी रचनात्मकता को बढ़ाने के उद्देश्य से ‘युगबोध’ नाटक संस्था द्वारा ग्रीष्मकालीन बाल नाट्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन सुबह 9.00 से 11:00 बजे तक माणक चौक स्थित शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल पर नन्हें बच्चों को रंगकर्म से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

युगबोध के अध्यक्ष ओमप्रकाश मिश्रा ने बताया कि युगबोध द्वारा वर्ष 2009 से प्रतिवर्ष 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क ग्रीष्मकालीन बालनाट्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना काल को छोड़कर प्रतिवर्ष यह शिविर आयोजित किया जाता रहा है। इस वर्ष शिविर में 20 से अधिक बच्चों को रंगकर्म की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है। अभिनय क्षमता,  कला कौशल, मंच प्रस्तुतिकरण एवं संवाद अदायगी से संबंधित विभिन्न कलाओं को शिविर में बताया जा कर बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

दशोत्तर द्वारा लिखित नाटक हो रहे तैयार

नाट्य शिविर के दौरान आशीष दशोत्तर द्वारा लिखित दो नाटक तैयार किए जा रहे हैं। मोबाइल की बढ़ती आदत को केंद्रित रखकर लिखा गया नाटक 'मुन्ना मोबाइल' तथा समारोह एवं उत्सव में अन्न की बर्बादी तथा आवश्यकता से अधिक सामग्री परोसने पर केंद्रित नाटक 'समझो मेरे यार' प्रशिक्षण के दौरान तैयार कराए जा रहे हैं। प्रशिक्षण शिविर के समापन पर इन नाटकों का मंचन किया जाएगा। मिश्रा ने बताया कि बाल कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए शहर के सुधिजन, साहित्यकारों और रंगकर्मियों का स्नेह भी प्राप्त हो रहा है।