अपडेट खबर : मानो या ना मानो... गोठड़ा माता जी की भविष्यवाणी 'राजनीति में होगी उलट-पलट, आंधी-तूफान खूब आएंगे, ऐसी बीमारी होगी जिसे डॉक्टर समझ नहीं पाएंगे, देखें वीडियो...

रतलाम जिले की ख्यात गोठड़ा माताजी की भविष्यवाणी गुरुवार को हो गई। भविष्यवाणी मां महिषासुरमर्दिनी के साधक पंडा नागूलाल ने की।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम। रतलाम जिले की गोठड़ा माता जी की बहुप्रतीक्षित भविष्यवाणी रामनवमी को हुई। भविष्यवाणी माता के पंडा (साधक) नागूलाल जी ने की। उन्होंने कहा है कि इस बार रानजीति में काफी उलट-पलट होगी। प्राकृतिक आपदा को लेकर भी उन्होंने अनुमान जताया है जिसके अनुसार आंधी-तूफान की अधिकता रहेगी और जनहानि हो सकती है। आषाढ़ से सावन के दौरान ऐसी बीमारी हो सकती है जो डॉक्टरों की समझ से बाहर होगी।

भविष्यवाणी में इस बार अच्छी बारिश का अनुमान जताया गया है। छह से सात मावठे होने की बात भी कही है। वर्षा ऋतु के दौरान आंधी-तूफान भी खूब आएंगे और जनहानि भी होगी। आने वाले साल में गर्मी बहुत पड़ेगी यह सामान्य से कहीं ज्यादा होगी और लोगों के लिए परेशानी का सबब बनेगी। पंडा नागूलाल के शब्दों में धरती आग उगलेगी। मानसून के दौरान सावन में अच्छी बारिश का अनुमान है। मावठे की बारिश भी 6-7 बार होगी। बीमारियां फैलेंगी और आषाढ़ से बैसाख तक ऐसी बीमारी होगी कि डॉक्टर समझ नही पाएंगे। भविष्यवाणी में ऐसी बीमारी से बचने के लिए हवन करने की सलाह दी गई है। किसानों के लिए राहत की बात है क्योंकि सभी प्रकार की फसलें अच्छी होने की भविष्यवाणी है, खासकर चना, सोयाबीन, गेंहू की पैदावार। हालांकि किसानों को धैर्य रखने के लिए भी कहा गया है।

मां महिषासुर मर्दिनी के साधक हैं पंडा नागूलाल

बता दें कि नागूलाल जी मां महिषासुरमर्दिनी के अनन्य साधक हैं जो भविष्यवाणी करते हैं। यह नदी के पास स्थित ऊंचे टीले से ही होती है। इस भविष्यवाणी का क्षेत्र के ही नहीं बल्कि प्रदेश और देशभर के तमाम लोगों को पूरे सालभर इंतजार रहता है। इसलिए जिस दिन भविष्यवाणी होती है उस दिन आम ही नहीं खास लोग भी जुटते हैं। इस बार भी नागदा विधायक दिलीप गुर्जर सहित कई खास लोग भविष्यवाणी सुनने पहुंचे। किसान इसी घोषणा को ध्यान में रखते हुए अपनी गतिविधियों का संचालन करते हैं। फसलों की बोवनी से लेकर उपज के भंडारण आदि का आधार भी यह भविष्यवाणी होती है। बुजुर्गों की मानें तो ऐसी भविष्यवाणी 150 साल से भी अधिक समय से हो रही है।
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डिस्क्लेमर
भले ही इस भविष्यवाणी का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं हो किंतु इस पर आस्था और विश्वास करने वालों की संख्या हजारों में नहीं, लाखों में है। आस्था और विश्वास के ऐसे किसी भी मामले को एसीएन टाइम्स किसी भी प्रकार की चुनौती नहीं देता।