जिस्म एक, जान दो और वोट भी अलग-अलग डाले, खूब वायरल हो रहे पंजाब के ये जुड़वां भाई, क्योंकि इन्होंने हालातों से हार नहीं मानी
पंजाब विधानसभा चुनाव में वोट डालने वाले जुड़वां भाई काफी चर्चा में हैं। दोनों कमर के ऊपर से दो शरीर में बंटे हुए हैं जबकि नीचे एक ही शरीर में जुड़े हैं। निर्वाचन आयोग ने इन्हें अलग-अलग मतदाता माना है।

जन्म से जुड़े मोहन सिंह और सोहन सिंह ने पहली बार किया अपने मताधिकार का प्रयोग, अलग-अलग किया मतदान
हर्ष शुक्ला @ एसीएन टाइम्स । इन दिनों पंजाब के जुड़वां भाई मोहन सिंह और सोहन सिंह खूब वायरल हो रहे हैं। राष्ट्रीय मीडिया हो या सोशल मीडिया, इनके फोटो, वीडियो और इनकी हिम्मत और जज्बे की कहानी लोग एक-दूसरे को मिसाल के तौर पर साझा कर रहे हैं। एक जिस्म और दो जान वाले इस अनूठी जुड़वां भाइयों की जोड़ी ने हाल ही में पंजाब चुनाव में अपने मताधिकार का पहली बार उपयोग किया। दावा किया जा रहा है कि इनका शरीर भले ही एक है लेकिन दोनों के विचारों में भिन्नता है। इसलिए इनके लिए वोट देने की प्रक्रिया भी अलग से अपनाई गई।
इस बार का पंजाब चुनाव कई मायनों में अलग रहा और चर्रा में रहा। किसान आंदोलन, कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस इस्तीफे, चरणजीत सिंह चन्नी के सीएम बनने सहित कई अन्य घटनाक्रम के बाद हुआ यह पहला विधानसभा चुनाव शरीर से जुड़े जुड़वां भाइयों के पहली बार वोट डालने के कारण भी चर्चा में रहा। इस जोड़ी ने एक ही समय में अलग-अलग मतदान किया। देश में यह पहला मौका रहा जब ऐसे दो लोगों ने वोट डाला जिनके कूल्हे के ऊपर से तो दो शरीर हैं (दो सिर, चार हाथ आदि) किंतु कूल्हे के नीचे एक शरीर (दो पैर, एक यकृत आदि) है।
पिछले साल 18 वर्ष उम्र होने पर दिए गए थे वोटर आईडी
मोहन सिंह और सोहन सिंह को सभी प्यार से मोहना और सोहना कहकर पुकारते हैं। दोनों को पिछले साल ही 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. करुणा राजू ने अलग-अलग वोट डालने के योग्य पाया था। इसके आधार पर ही उन्होंने मोहन और सोहन को अलग-अलग मतदाता परिचय पत्र जारी किए थे। इनका उपयोग उन्होंने हाल ही में विधानसभा चुनाव में किया।
यह प्रक्रिया अपनाई मतदान की ताकि बनी रहे गोपनीयता
सोहन सिंह और मोहन सिंह दोनों शरीर के आधे हिस्से से भले ही एक हों लेकिन दोनों अलग-अलग व्यक्ति होकर उनके विचारों में भी भिन्नता है। दोनों एक ही वक्त में अलग-अलग सोच, समझ, देख और कर सकते हैं। वजह यह कि दोनों के ही सिर, दिल, दिमाग, हाथ आदि अलग-अलग हैं। ऐसे में मतदान के दौरान दोनों की गोपनीयता बनी रहना जरूरी हो गया था। अतः निर्वाचन विभाग ने उनके लिए मतदान हेतु अलग प्रक्रिया अपनाई गई। उन्होंने अपने निवास से करीब 10 किमी दूर मन्नावाला नामक जगह पर वोट डाला। दोनों यह जान सकें कि किसने-किसको वोट दिया, इसलिए पहले एक भाई को स्लीपिंग गॉगल (चश्मा) पहनाया गया और दूसरे भाई ने वोट डला। इसके बाद वोट डाल चुके भाई को स्लीपिंग गॉगल पहानाया गया तब पहले वाले ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दोनों को पहली बार वोट डाल रहे मतदाता के रूप में प्रमाण-पत्र भी जारी किया गया।
निर्वाचन आयोग ने दिए थे वीडियोग्राफी कराने के निर्देश
अमृतसर के उपायुक्त गुरप्रीत सिंह खेड़ा खुद उस मतदान केंद्र पर पहुंचे जहां सोहन और मोहन ने वोट डाला था। मतदान केंद्र के बाहर उनके गांव के सरपंच और अन्य गणमान्यजन भी मौजूद थे। उन्होंने मतदान के बाद जुड़वां भाइयों का माला पहनाकर स्वागत किया। खेड़ा के अऩुसार दोनों की गोपनीयता बनी रहे इसलिए उन्हें चश्मे पहनाए गए थे। चूंकि यह बहुत ही अलग मामला है अतः निर्वाचन आयोग ने प्राधिकारियों को उचित वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए थे। सोहन सिंह और मोहन सिंह पहला मतदान कर काफी खुश हैं। उनका कहना है कि वे दिव्यांगों के लिए आइकन हैं।
प्रकृति ने तो मजाज किया ही, अपनों ने भी छोड़ दिया, हौसले से जी रहे जिंदगी
सोहन सिंह और मोहन का जन्म जून 2003 में दिल्ली में हुआ था। विषम परिस्थिति और शरीर के साथ जन्में जुड़वां बच्चों को उनके माता-पिता ने छोड़ दिया। इससे दोनों को शहर के पिंगलवाड़ा में स्थित) एक चैरिटेबल ट्रस्ट ने गोद ले लिया। इसके बाद से वे अमृतसर के एक अनाथालय में ही रह रहे है।
दोनों को अलग करने में था जान का खतरा, इसलिए दोनों आज भी हैं एक
मोहन सिंह और सोहन सिंह के दो दिल, दो जोड़ हाथ, अलग-अलग किडनी और रीढ़ की हड्डी है। इसके विपरीत उनका यकृत और पित्ताशय एक-एक ही हैं। पैर भी एक जोड़ ही हैं। जन्म के बाद दोनों को अलग करने के लिए एम्स ले जाया गया था। वहां विशेषज्ञों ने परीक्षण करने के बाद बताया कि ऑपरेशन काफी जटिल है। इसमें कम से कम एक जान जा सकती है। यही कारण है कि वे आज भी एक जिस्म – दो जान हैं।
हालात से नहीं हारे, अपनी काबलियत पर पाई नौकरी
मोहन सिंह और सोहन सिंह अतनी विषम परीस्थिति के बाद भी हालात से हार नहीं मानी। बल्कि उन्हें उनके हालातों ने हिम्मत दी और हौसला बढ़ाया। उन्होंने अपनी काबलियत के दम पंजाब में ही सरकारी नौकरी भी प्राप्त की। खबर के मुताबिक दोनों ने जुलाई 2021 में इलेक्ट्रिकल डिप्लोमा हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) में नौकरी के लिए अर्जी दाखिल कर दी। पंजाब सरकार ने उन्हें उक्त कंपनी में जूनियर इंजीनियर के तौर पर नौकरी प्रदान कर दी। 19 वर्षीय यह जोड़ी गत 20 दिसंबर से मेंटेनेंस कर्मचारी के तौर पर काम कर रही है। इसके लिए दोनों ने पंजाब सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।