मेडिकल कॉलेज डीन पर गंभीर आरोप : डॉक्टर बोले- दिनभर रहते हैं शराब के नशे में, ऐसा डीन नहीं चाहिए, 24 घंटे में नहीं हटे तो बंद कर देंगे इमरजेंसी सेवा

रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन और डॉक्टर के विवाद के बाद मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे उपजी समस्याओं का जायजा लेने कलेक्टर कॉलेज पहुंचे और व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए।

मेडिकल कॉलेज डीन पर गंभीर आरोप : डॉक्टर बोले- दिनभर रहते हैं शराब के नशे में, ऐसा डीन नहीं चाहिए, 24 घंटे में नहीं हटे तो बंद कर देंगे इमरजेंसी सेवा
शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम में प्रदर्शन करते मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के आह्वान पर हड़ताल कर रहे डॉक्टर एवं इनसेट में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता।

एसोसिएट डॉक्टर की पत्नी के की प्रसूति के बाद हुए विवाद ने पकड़ा तूल, विरोध में डॉक्टरों ने बंद किया रुटीन कार्य

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । स्व. डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय शासकीय मेडिकल कॉलेज के मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) के आह्वान पर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। वे डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता को हटाने की मांग पर अड़े हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि डीन 24 घंटे शराब के नशे में रहते हैं और डॉक्टरों व स्टाफ को प्रताड़ित करते हैं। हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं ठप होने से कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने मेडिकल कॉलेज पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और जल्द समस्याओं के निराकरण के लिए आश्वस्त किया।

मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट्स प्रोफेसर डॉ. राहुल मैड़ा की पत्नी के प्रसव के बाद हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। मामला थाने तक पहुंचा और डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता की शिकायत पर औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने एमटीए अध्यक्ष डॉ. प्रवीण सिंह बघेल सहित अन्य डॉक्टरों के विरुद्ध मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर दिया। दूसरे पक्ष के डॉक्टरों ने भी थाने पर आवेदन देकर डीन के खिलाफ शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने प्रकरण दर्ज नहीं किया। इससे नाराज डॉक्टर बुधवार से हड़ताल पर उतर गए हैं। एमटीए के आह्वान पर हड़ताल पर उतरे डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर डीन डॉ. गुप्ता के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि जब तक नशेड़ी डीन को नहीं हटाया जाता है तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

डीन की अनुपस्थिति पर कलेक्टर ने जताई नाराजी

हड़ताल की जानकारी मिलने पर कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने एसडीएम संजीव केशव पांडेय के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंच कर डॉक्टरों से बात की। उन्होंने क्लास और कॉलेज की अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। विद्यार्थियों से भी बात की। मरीजों ने जांचें नहीं होने की जानकारी भी दी। इस दौरान मौके पर डीन डॉ. गुप्ता को नहीं पाकर उन्होंने नाराजी जताई। कलेक्टर के साथ आए एसडीएम पांडेय को डॉक्टरों ने एक ज्ञापन बी सौंपा। इसमें डीन द्वारा स्टाफ को प्रताड़ित किए जाने, समय पर नहीं मिलने, पूरे समय शराब के नशे में रहने सहित अन्य समस्याओं का जिक्र किया।

इलाज नहीं मिलना प्रशासनिक अकर्मण्यता और निष्क्रियता की बानगी

एमटीए अध्यक्ष डॉ. बघेल के अनुसार डीन डॉ. गुप्ता की प्रताड़ना से सभी त्रस्त है। मेडिकल कॉलेज में पदस्थ एसोसिएट्स प्रोफसर (डॉक्टर) मैड़ा को ऑपरेशन के बाद अपनी नवप्रसूता पत्नी और पांच दिन के बच्चे को उपचार के लिए प्राइवेट अस्पताल में ले जाना पड़ा। यह प्रदेश का इतना पड़ा अस्पताल है जो आसपास के 4-5 जिलों को कवर करता है, वहां हमारी एक फैकल्टी की पत्नी तक को इलाज नहीं मिल पा रहा है। उसको इतना प्रताड़ित कर दिया गया तो उसे मजबूर होकर बाहर जाना पड़ रहा है। यह ऐसी स्थिति है जो प्रशासनिक अकर्मण्यता को बताती है, इनकी (डीन) निष्क्रियता को बताती है। इससे स्पष्ट होता है कि ये अपना प्रशासनिक दायित्व का पूरी तरह निर्वाह नहीं कर पा रहे हैं।

पद का दुरुपयोग कर दर्ज कराई एफआईआर

डॉ. बघेल का कहना है कि स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा विमल जोकि डीन की पत्नी हैं, उन्होंने अपने ही विभाग की फैकल्टी को प्रताड़ित किया सिर्फ हमारी एक फैकल्टी की पत्नी का ऑपरेशन करने के लिए। कल मैं (डॉ. बघेल), डॉ. शैलेंद्र चौहान और डॉ. संगीता अस्के इसी मामले को लेकर डीन से बात करने उनके घर गए थे। डीन द्वारा हमारे साथ गाली-गलौच की गई और झूमा-झटकी भी की गई। इतना ही नहीं उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर के हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। हमारे द्वारा भी थाने पर शिकायत की गई है लेकिन अभई तक उस पर एफआईआर नहीं की गई है।

प्रदेश स्तर पर जाएगा मामला

डॉ. बघेल का कहना है कि अभी हमने रुटीन कार्य बंद किया है, गुरुवार से इमरजेंसी कार्य भी बंद करेंगे। यह मामला प्रदेश स्तर पर जाएगा। डीन 24 घंटे शराब के नशे में रहते हैं, कॉलेज भी आते हैं तो नशे में रहते हैं। हमें इस प्रकार का डीन कॉलेज के लिए नहीं चाहिए। यह शिक्षा का मंदिर है, यहां पर स्टूडेंट्स पढ़ाई करने आते हैं। इंस्टिट्यूट के हेड द्वारा इस तरह का व्यवहार करता है तो उसका गलत संदेश जाता है। जब हमारी फैकल्टी के साथ कोई चीज गलत होती है तो एमटीए उनके सपोर्ट में आता है। इसलिए हमें मजबूर हो कर यह आंदोलन करना पड़ रहा है। इसलिए हमारी मांग है कि इस डीन को हटाया जाए और हमारे आवेदन पर एफआईआर दर्ज की जाए।

मरीजों को कोई समस्या न हो इसके निर्देश दिए हैं- कलेक्टर

कलेक्टर लाक्षाकार ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मेडिकल कॉलेज को लेकर कुछ शिकायतें मिल रही थीं। इसलिए निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी और सुविधाओं की जानकारी ली है। मरीजों के उपचार में कोई समस्या न हो इसके लिए निर्देश दिए हैं। डीन और डॉक्टर विवाद को लेकर कलेक्टर ने कहा है कि मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। मेरे पास औपचारिक रूप से कोई शिकायत नहीं आई है। मेडिकल कॉलेज ऐसी जगह है जहां जिले के बहुत से लोग आते हैं। उनके उपचार में कोई समस्या नहीं हो, डीन को हटाने की डॉक्टरों की मांग के संदर्भ में कलेक्टर ने कहा कि औपचारिक रूप से कोई बात आएगी ती देखेंगे।