MP में सांप घोटाला ! सर्पदंश के मुआवजे के नाम पर डकार गए 11 करोड़ 26 लाख रुपए, एक व्यक्ति को तो 30 बार सांप ने डसा, हर बार 4 लाख रुपए हुए जारी
मप्र के सिवनी में सांप घोटाला सामने आया है। यहां 46 लोगों द्वारा सर्पदंश के नाम पर 11.26 करोड़ रुपए का मुआवजा हड़पने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।

एसीएन टाइम्स @ भोपाल । मध्यप्रदेश में जो न हो वही कम है। घोटालों के मामले में तो यहां के अपसर और लोग रिकॉर्ड बनाने को आतुर हैं। प्रदेश के सिवनी में तो चौंकाने वाला सांप घोटाला सामने आया है। यहां सहायक सचिव सहित 46 लोगों ने सर्पदंश के मुआवजे के नाम पर 11 करोड़ 26 लाख रुपए हड़प लिए। एक व्यक्ति के नाम पर तो 38 बार सर्पदंश का मुआवजा जारी हो गया। मामले में सभी 46 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।
देश-दुनिया में तरह-तरह के घोटाले होते हैं लेकिन मप्र के सिवनी में तो सांप घोटाला ही हो गया जो काफी चर्चा में है। यहां लोगों को सांप एक-दो बार नहीं बल्कि 20-30 बार डस रहा है और लोगों को मरा बता कर हर बार मुआवजे के 4-4 लाख रुपए भी निकाले जा रहे हैं। मामला जिले के केवलारी तहसील का है। जहां फर्जी सर्पदंश में मरने वालों के नाम पर 11.26 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। मामला प्रकाश में आने पर हुई जांच में पता चला कि यहां रमेश नामक व्यक्ति को 30 बार और रामकुमार नाम के व्यक्ति को 19 बार सर्पदंश होना बता कर राशि जारी कर दी गई। अकेले रमेश के नाम पर ही 1 करोड़ 20 लाख रुपए जारी हो गए। यहां सर्पदंश के उपचार की दवा की खरीदी में भी घोटाला हुआ है। यह खेल 2019 से 2022 के दौरान हुआ।
निजी खातों में भेजी गई राशि
सांप घोटाले का अंदेशा होने पर जबलपुर संभाग के वित्त विभाग की विशेष टीम द्वारा जांच की गई। इसमें पता चला कि मुख्य आरोपी ने अपने परिवार, दोस्तों और जान-पहचान वालों के खातों में राशि ट्रांसफर कर ली। जांच में आए तथ्य के अनुसार आरोपी द्वारा शासन की राशि सीधे लाभार्थी खातों में जमा नहीं कराते हुए निजी खातों में ट्रांसफर की गई। Integrated Financial Management System (IFMS) के माध्यम से किया गया। बताया जा रहा है कि राशि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाम पत्र के ही जारी कर दी गई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने सरकार को घेरा
सांप घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने X हैंडल पर वीडियो पोस्ट किया है। उन्होंने राज्य सरकार पर सांप काटने के नाम पर कागजी मुआवजा बांटकर घोटाला करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि, ‘आदरणीय मध्यप्रदेशवासियों, कई प्रकार के घोटाले, कई प्रकार के करप्शन, कई प्रकार की चोरियां हमने देखी हैं, दुनिया में कहीं नहीं होगा, मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्र आदरणीय मोहन यादव जी ने एक वक्तव्य देकर वन विभाग के कर्मचारियों से कहा कि सांपों की गिनती करो। यह कहीं नहीं होगा तो भी हमें करना है..., और मैं कई बार कहता हूं, मेरी बात नहीं सुनी जा रही, ये मर्म है उस वीडियो का। मोहन यादव जी के राज में एक व्यक्ति को सांप ने 38 बार काटा… सिवनी का साथी है हमारा…, उसको 38 बार काटा और 38 बार के 4-4 लाख रुपए उसके नाम पर निकाल लिए…, एक जिले में 11 करोड़ रुपए ऐसे सांप के काटने के सरकार ने डिस्पोजल किए। ये पैसा वही है जो कर्ज लेकर आप लोगों पर बोझ डाला जा रहा है, प्रदेश की जनता पर बोझ डाला जा रहा है।'
प्रदेशवासियों,
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) May 21, 2025
मप्र के केवल एक जिले में सर्पदंश पीड़ितों को 11 करोड़ रुपयों का कागजी मुआवजा दिया गया! सोचिए, बाकी 54 जिलों में सरकारी भ्रष्टाचार की क्या स्थिति होगी?
????Bhopal | Press Conference pic.twitter.com/zmBtOHWvKn
1 जिले में 11 करोड़ तो 55 जिले में...?
जीतू पटवारी ने आगे कहा कि, 'मध्यप्रदेश के वासियों, कभी नहीं सुना कि सांप काटने का कोई घोटाला होता है, वो केवल मध्यप्रदेश में… एक जिले का 11 करोड़... तो 55 जिलों के कितने ? मतलब, आप देखो किस तरीके से आपके खून-पसीने के आर्थिक संसाधनों को लूटा जा रहा है…। ये आस्तीन के सांप आपने जो वोट देकर पाले हैं, ये सांप घोटाला कर रहे हैं...। जरा देखो... समझो... सुनो… और आवाज लगाओ !’
कलेक्टर को भेजी गई है रिपोर्ट, एफआईआर भी दर्ज
सुनियोजित और संगठित तरीके से हुए इस घोटाले की रिपोर्ट सिवनी कलेक्टर को भी भेज दी गई है। मामले की पुष्टि कलेक्टर ने X हैंडल पर की है। कलेक्टर के अनुसार प्रकरण के नवम्बर 2022 में प्रकाश में आने के उपरांत तत्काल मुख्य आरोपी सचिन देहायत एवं 35 से अधिक सह-आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। प्रकरण में संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा विस्तृत जांच उपरांत आगामी कार्यवाही भी प्रचलन में है। बताया जा रहा है कि सहायक सचिव की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।