रतलाम कलेक्टर की सराहनीय पहल : आदिवासी क्षेत्रों में गर्भवतियों के लिए शिविरों में ही हो रही सारी जांच, अब तक 1000 महिलाओं ने उठाया लाभ

रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश पर जिला के आदिवासी बहुल इलाकों की गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण और जांचों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसे काफी सराहा जा रहा है।

रतलाम कलेक्टर की सराहनीय पहल : आदिवासी क्षेत्रों में गर्भवतियों के लिए शिविरों में ही हो रही सारी जांच, अब तक 1000 महिलाओं ने उठाया लाभ
फाइल फोटो

आयुष्मति प्रोजेक्ट के तहत सुरक्षित मातृत्व अभियान को बनाया ज्यादा उपयोगी और कारगर, 4 डॉक्टर दे रहे सेवा

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र सैलाना और बाजना के लिए सराहनीय पहल की है। आयुष्मति प्रोजेक्ट के तहत इन इलाकों की गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में स्थानीय स्तर पर ही शिविर लगाए जा रहे हैं जहां गर्भवतियों की हर प्रकार की जांच की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसका लाभ अब तक 1 हजार से ज्यादा महिलाएं ले चुकी हैं।

शिविरों में महिलाओं के जांच और उपचार के लिए वे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं जो प्रायः शहरों में ही संभव है। गर्भवती महिलाओं की जांच के इस कंपलीट पैकेज में ब्लड, शुगर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन सहित अन्य जांचें शामिल हैं। इतना ही नहीं गर्भवतों को उनके गांव से शिविर तक लाने और फिर वापस ले जाने के लिए वाहन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। ऐसे 5-5 वाहन प्रत्येक शिविर में दौड़ रहे हैं। जिनमें से तीन वाहन 'परिवार' नामक एनजीओ के हैं।

रावटी व बाजना में 148 एनीमिक महिलाओं को चढ़ाया सुक्रोज

हीमोग्लोबिन की कमी गर्भवती महिलाओं की एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या होती है। इससे न केवल महिला को परेशानी होती है बल्कि बच्चा भी कुपोषित होता है। इसके लिए भी कलेक्टर ने विशेष व्यवस्था के निर्देश दिए। इसके चलते शिविर में ही महिलाओं को आयरन सुक्रोज चढ़ाया जा रहा है। अब तक रावटी तथा बाजना के शिविरों में 148 एनीमिक महिलाओं को आयरन सुक्रोज चढ़ाया जा चुका है। इन शिविरों में आयुष विभाग की ओर से आयुर्वेद चिकित्सा भी उपलब्ध कराई जा रही है। आयुष के 4 डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं।

हर पंजीकृत महिला की बन रही पर्सनल प्रोफाइल ताकि फॉलोअप हो आसान

किसी भी अभियान की सफलता नियमित फॉलोअप पर ही संभव है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रत्येक शिविर में पंजीकृत महिला की पर्सनल प्रोफाइल भी तैयार की जा रही है। यह भविष्य में उनके फॉलोअप उपचार में मददगार रहेगी। सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ शिशु के उद्देश्य से आयोजित अभियान में महिला बाल विकास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग की आशा तथा एनएम कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान परिलक्षित हो रहा है। कार्यकर्ताओं द्वारा बड़ी मेहनत के साथ प्रत्येक महिला से संपर्क किया जाकर उसको परीक्षण के लिए शिविरों में लाया जा रहा है। शासन के आयुष्मान कार्ड की सुविधा पात्र परिवारों को उपलब्ध कराने के लिए खासतौर पर शिविरों में आयुष्मान कार्ड बनाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए स्टॉल लगाया जाता है जहां पात्र व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड बनाकर प्रदान किया जा रहा है।

दवाइयां भी निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं

शिविरों में आने वाली गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ  उनको आयरन जिंक, मल्टी विटामिन सहित सभी आवश्यक टेबलेट और दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। बाजना तथा सैलाना क्षेत्रों की आदिवासी महिलाओं के लिए की गई सुरक्षित मातृत्व की अभिनव पहल निश्चित रूप से महिलाओं और उनके बच्चों के जीवन को प्रसन्नता से भर देगी।