पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष राधाकिशन सतवानी एवं पुत्र के विरुद्ध FIR दर्ज, कलेक्टर ने दिखाई सख्ती तो 2 माह बाद दर्ज हुआ केस
रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र थाने में पूज्य सिंधी समाज के अध्यक्ष राधाकिशन सतवानी एवं उनके पुत्र के विरुद्ध सूदखोरी को लेकर एक बुजुर्ग को प्रताड़ित करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।

रेलवे के सेवानिवृत्त लोको पायलट ने लगाया 19 लाख रुपए के कर्ज के विरुद्ध 56 लाख रुपए से अधिक खाते वसूलने का आरोप
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त रेलकर्मी राधाकिशन सतवानी और उनके पुत्र गौरव के विरुद्ध औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने केस दर्ज किया है। एक सेवानिवृत्त रेलवे लोको पायलट की शिकायत पर मध्यप्रदेश ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 की धारा 3 एवं 4 में केस दर्ज किया गया है। सतवानी बंधु पर आरोप है कि उन्होंने फरियादी से 19 लाख रुपए के कर्ज के बदले 56 लाख रुपए से अधिक वसूलने के बाद भी राशि बकाया बताई जा रही है।
शिकायतकर्ता रिटायर्ड कॉलोनी रतलाम निवासी सुरेंद्र देशबंधु हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे रेलवे के सेवानिवृत्त लोको पायलेट हैं। उनके बेटे रोहित देशबन्धु की शादी वर्ष 2019 में हुई थी। तब रुपयों की आवश्यकता होने पर रेलवे में कार्यरत अपने सहकर्मी राधाकिशन सतवानी निवासी देवरा देवनारायण नगर रतलाम से 19 लाख रुपए चैक के माध्यम से उधार लिए थे। इसके संबंध में सतवानी ने उनसे 08 ब्लैंक चेक और एक एटीएम कार्ड गिरवी रखवा लिए थे। चेक और एटीएम कार्ड उसी बैंक के थे जिसमें उनकी तनख्वाह आती थी।
5 चेक के माध्यम से निकाले 31 लाख 11 हजार रुपए
देशबंधु का आरोप है कि सतवानी ने उनके द्वारा दिए गए चेक में से चेक क्रमांक 181167 से दिनांक 08.04.2021 को 10 लाख रुपए, चेक क्रमांक 181166 से दिनांक 08.04.2021 को 10 लाख रुपए, चेक क्रमांक 181152 से दिनांक 08.04.2021 को 11 हजार रुपए, चेक क्रमांक 753165 से दिनांक 08.04.2021 को दो लाख रुपए, चेक क्रमांक 753167 से दिनांक 08.04.2021 को 09 लाख रुपए सहित कुल 31 लाख 11 हजार रुपए निकाल लिए। रुपए देशबंधु के एसबीआई की डीआरएम ऑफिस शाखा स्थित खाता क्रमांक 10495****** से राधाकिशन सतवानी के बेटे गौरव के एसबीआई की कस्तूरबानगर ब्रांच में जमा करवाए गए।
एटीएम कार्ड से 25 लाख 37 हजार अधिक निकाले
देशबंधु के मुताबिक उनसे गिरवी रखवाए गए एटीएम कार्ड के माध्यम से उनके खाते से राधाकिशन व गौरव ने थोड़े-थोड़े करके कुल 25 लाख 37 हजार 450 रुपये निकाल लिए। इस तरह सतवानी बंधु ने उनसे कुल 56 लाख 47 हजार 450 रुपए वसूल लिए। देशबंधु की मानें तो सतवानी द्वारा उनसे एग्रीमेंट में डेढ़ प्रतिशत ब्याज के मान से कर्ज लिया था। जबकि अब उनसे 3 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज वसूला जा रहा है। 56 लाख रुपए से अधिक वसूलने के बाद भी उनसे 8 लाख 85 हजार रुपए और मांगे जा रहे हैं।
शेष चेक लगा दिए बाउंस करवाने के लिए
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया है कि सतवानी ने करीब तीन माह पूर्व उनके बेटे प्रवीण को अपने घर बुलाकर एटीएम कार्ड तो लौटा दिया किंतु शेष तीन चेक और अनुबंध वापस नहीं किया। इसके उलट सतवानी ने उक्त चेक बाउंस करवाकर कोर्ट में केस लगा दिया गया है। इसकी जानकारी देशबंधु को वकील के माध्यम से प्राप्त नोटिस से मिली।
2 माह पूर्व जनसुनवाई में की थी शिकायत, अब दर्ज हुआ केस
शिकायकर्ता देशबंधु ने बताया कि उन्होंने गत 1 अगस्त 2023 को जिला प्रशासन की जनसुनवाई के दौरान लिखित शिकायत की थी। तब कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने खुद एडिशनल एसपी राकेश खाखा से बात कर देशबंधु को उनके पास भेजा था। यहां से आवेदन औद्योगिक क्षेत्र थाने भेज दिया गया था। जब दो महीने तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो देशबंधु ने 3 अक्टूबर 2023 को जनसुनवाई में कलेक्टर सूर्यवंशी से पुनः गुहार लगाई। इस पर कलेक्टर ने एडिशनल एसपी से बात कर नाराजगी जताई। तब जाकर अगले दिन बुधवार को औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने सतवानी पिता-पुत्र के विरुद्ध केस दर्ज किया।
जानिए, क्या है ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937
ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 की धारा 3 उत्पीड़न को परिभाषित करती है। इसके मुताबिक इसकी उपधारा ‘ख’ में उल्लेख है कि ऐसा व्यक्ति जिसने कर्ज लिया है, उसका पीछा करना, उसके स्वामित्व की संपत्ति में हस्तक्षेप करना या उसे उससे वंचित करना या बाधित करना अपराध की श्रेणी में आता है। उपधारा ‘ग’ में यह भी लिखा है कि घर या अन्य स्थान पर उसका पीछा करना कर्ज लेने वाले व्यक्ति को उत्पीड़ित करने वाला माना जाएगा।
कारावास व जुर्माने का है प्रावधान
ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 की धारा 4 में कर्ज की वसूली के लिए प्रताड़ित करने वालों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। कर्ज वापसी के लिए प्रताड़ित करने वालों के लिए इस एक्ट में तीन माह या पांच सौ रुपए जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।
आरोप निराधार, देशबंधु खुद चेक बाउंस मामले में आरोपी
इस मामले को लेकर एसीएन टाइम्स ने राधाकिशन एवं गौरव सतवानी से बात की तो उनका कहना था कि जो भी लेन-देन हुए उसका एग्रीमेंट और ट्रांजेक्शन का सारा रिकॉर्ड उनके पास है। सभी में देशबंधु, उनके बेटे प्रवीण तथा उनकी पत्नी के हस्ताक्षर हैं। गौरव के अनुसार उनके द्वारा लाइसेंस लेकर ही साहूकारी का व्यवसाय किया जा रहा है। उनके द्वारा किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। बैंक के स्टेटमेंट की जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सारे आरोप निराधार हैं। देशबंधु खुद चेक बाउंस के मामले में धारा 138 के आरोपी हैं। मामले में न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है।
अफसर बोले- जांच के लिए दिए हैं निर्देश
कलेक्टर सूर्यवंशी और एडिशएनल एसपी खाखा ने बताया शिकायत आई थी, संबंधित को जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं। इस बारे में औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी राजेश वर्मा से भी मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हो सका।