रिसर्च इलाज व बीमारी की रोकथाम के लिए वरदान, शोध करने के मामले में रतलाम का सरकारी मेडिकल कॉलेज प्रदेश में सर्वोच्च स्थान पर- डॉ. गुप्ता

रतलाम मेडिकल कॉलेज में बीमारियों के इलाज और ज्यादा जानकारी जुटाने के लिहाज से शोध कार्य शुरू हो गए हैं। इसके प्रस्तावों को लेकर मेडिकल कॉलेज में इंस्टिट्यूशन एथिक्स कमेटी की बैठक में विचार-विमर्श किया गया।

रिसर्च इलाज व बीमारी की रोकथाम के लिए वरदान, शोध करने के मामले में रतलाम का सरकारी मेडिकल कॉलेज प्रदेश में सर्वोच्च स्थान पर- डॉ. गुप्ता

शासकीय रतलाम मेडिकल कॉलेज में इंस्टिट्यूशन एथिक्स कमेटी की बैठक में डॉक्टरों के शोध प्रपोजल पर हुआ मंथन 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रिसर्च कार्य बीमारियों के इलाज की अधिक जानकारी और रोकथाम करने में वरदान साबित होंगे। इनके निष्कर्ष मरीजों के लिए निश्चित कारगर सिद्ध होते हैं। रिसर्च किसी भी मेडिकल कॉलेज के उत्थान के लिए अतिआवाश्यक हैं, हम इसके लिए कटिबद्ध हैं। रतलाम मेडिकल कॉलेज प्रदेश में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेजों में से रिसर्च वर्क के मामले में प्रदेश में सर्वोच्च स्थान पर है।

यह बात शासकीय रतलाम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने कही। वे कॉलेज की इंस्टिट्यूशन एथिक्स कमेटी की मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। कमेटी के चेयरपर्सन आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बंशीधर गुप्ता, वाइस चेयरपर्सन डॉ. उमा गुप्ता (साइंटिस्ट), कमेटी सदस्य समाजसेवी गोविंद काकानी, मुकेश जैन, एडवोकेट वीरेंद्र पाटीदार, संजय गुणावत, मेंबर सेक्रेट्री डॉ. नीरज कुमार अग्रवाल (सहप्रध्यापक- फार्माकोलॉजी विभाग, मेडिकल कॉलेज, रतलाम) एवम अन्य सदस्य फैकल्टी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

7 रिसर्च प्रपोजल का हुआ आकलन, 3 आईसीएमआर नई दिल्ली के

डॉ. नीरज कुमार अग्रवाल ने बताया बैठक में 7 रिसर्च प्रपोजल का आकलन किया गया। इनमें तीन रिसर्च फंडिंग एजेंसी आईसीएमआर नई दिल्ली के थे। इससे पहले एक प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी नई दिल्ली का संज्ञान में आया था। इसका कार्य जिला अस्पताल रतलाम में प्रारंभ हो गया है। रतलाम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता  के मार्गदर्शन में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा प्राध्यापक मरीजों की चिकित्सा के अलावा निरंतर रिसर्च में योगदान दे रहे हैं।

डॉक्टरों ने रखे महत्वपूर्ण प्रपोजल को मिली स्वीकृति

सदस्य एवं समाजसेवी गोविंद काकानी ने बताया अनेक बैठकों में कोरोना, रक्त संबंधित अनेक बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, आंखों के रोग और तपेदिक आदि के अलावा मेडिकल एजुकेशन से संबंधित रिसर्च कार्य के प्रपोजल भी डॉक्टरों द्वारा रखे जा चुके हैं। इनमें सभी सदस्यों ने गंभीर विचार-विमर्श व संशोधन के बाद उन्हें रिसर्च हेतु स्वीकृति प्रदान की।

आयोजित बैठक में वरिष्ठ अनुभवी चेयरपर्सन डॉ. बंशीधर गुप्ता ने सभी रिसर्च करने वाले डॉक्टरों से अपने अनुभव के अनुसार मार्गदर्शन देते हुए रिसर्च वर्क को और अच्छी तरह से करने के उपाय बताते हुए मार्गदर्शन दिया। सेक्रेटरी डॉ. अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन किया।

3 वर्षों में 50 से ज्यादा रिसर्च प्रपोजल का हुआ आकलन

बता दें कि- डीसीजीआई न्यू दिल्ली मैं पंजीकृत है। रिसर्च की गुणवत्ता एवम भाग लेने वाले मरीजों के हित की रक्षा करती है। बीते 3 वर्षों में कमेटी 50 से ज्यादा रिसर्च प्रपोजल का आकलन कर चुकी है।