आप भी 'वायुदूत' बन कर 'प्राणवायु' बढ़ाएं, सीएम शिवराज के हस्ताक्षर वाला सर्टिफिकेट पाएं, आपकी कोशिश चयनित हुई तो पुरस्कार भी मिलेगा

प्राणवायु बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई अंकुर योजना से लोगों को जोड़ने के लिए रतलाम जिल प्रशासन प्रयासरत है। यहां 10 दिन में 10 हजार पौधे रोपने का प्रारंभिक लक्ष्य पूरा करने के लिए के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

आप भी 'वायुदूत' बन कर 'प्राणवायु' बढ़ाएं, सीएम शिवराज के हस्ताक्षर वाला सर्टिफिकेट पाएं, आपकी कोशिश चयनित हुई तो पुरस्कार भी मिलेगा

गत वर्ष पर्यावरण दिवस (5 जून) को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी अंकुर महाअभियान की शुरुआत, अब तक जुड़ चुके हैं लाखों वायुदूत, अब आपकी बारी है

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आप अपने खूबसूरत या किसी भी पल की याद को चिरस्थायी बनाना चाहते हैं तो आज ही जुड़ जाइए 'सांस नयी - आस नयी' ध्येय वाक्य के साथ शुरू हुए 'अंकुर' महाअभियान से। किसी भी अवसर पर एक पौधा लगाएं और इसे सहेजने का संकल्प लें। यह आपको प्राणवायु तो देगा ही, मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाला सर्टिफिकेट भी दिलवाएगा। प्राणवायु बढ़ाने में आपकी यह कोशिश चयनित हुई तो आपको पुरस्कार भी मिलेगा। आइये, हम सब वायुदूत बनकर प्राणवायु बढ़ाएं, प्रकृति से जो ले रहे हैं उसे लौटाकर आत्मसम्मान और आत्मसंतुष्टि पाएं।

बीते कोरोना काल ने हमारे निकट-संबंधियों और अज़ीजों को जिस तरह हमसे छीना है उसका असर हमारे दिलो-दिमाग पर हमेशा बना रहेगा। इस दौरान हमने सबसे ज्यादा जिस चीज की कमी महसूस की वह है प्राणवायु (ऑक्सीजन)। प्रकृति से हमे जो प्राणवायु हमें बिना मोल मिलती थी, उसकी कीमत हमें हजारों और लाखों में नहीं बल्कि अपनों की जान देकर अदा करनी पड़ी। ऐसी भयावहता फिर सामने न आए इसी उद्देश्य को लेकर प्रदेश में 'अंकुर' महाअभियान चलाया जा रहा है जो जनसहभागिता से ही मूर्त रूप ले सकता है।

रतलाम जिले को प्रदेश में अव्वल लाने का लक्ष्य

जिला पंचायत की एसीईओ विनीता लोढ़ा के अनुसार अंकुर महाअभियान की शुरुआत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले पर्यावरण दिवस (5 जून 2020) को की थी।

रतलाम जिले में इसे आगे बढ़ाने के लिए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और जिला पंचायत की सीईओ जमुना भिड़े कृतसंकल्पित हैं।  इस अभियान अब तक प्रदेश के लाखों लोग वायुदूत बनकर जुड़ चुके हैं। इनमें से तकरीबन 7 हजार वायुदूत रतलाम जिले के हैं। अब इससे जुड़ने की बारी आपकी है। प्रारंभिक तौर पर जिले में 10 हजार वायुदूत बनाने का लक्ष्य है। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 10 दिन का समय तय किया है जो जल्दी ही प्राप्त कर लिया जाएगा। 

10 दिन में 10 हजार का प्रारंभिक लक्ष्य तय करने का गणित

एसीओ लोढ़ा ने बताया  इसके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बने सभी आवासों पर वहीं के लोगों से भी पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। एसीओ के मुताबिक आवास योजना के तहत रतलाम जिले में 52,480 आवास स्वीकृत हैं जिनमें से बीते तीन वर्ष में 47,348 बन चुके हैं। चूंकि अभी तक जिले में 6702 हजार वायुदूत बन चुके हैं। जिनमें से करीब 4000 पीएम ग्रामीण आवासों में रोपे गए हैं। यानी 10 हजार के लक्ष्य को प्राप्त करने में हमें तकरीबन 3000 पौधे और लगाने हैं।

अनुमान के मुताबिक पीएम आवास के हितग्राहियों में से 25 फीसदी के पास (लगभग 12 हजार) स्मार्ट फोन हैं जो अंकुर अभियान के तहत पौधा रोपने व उसके साथ सेल्फी अपलोड करने के लिए जरूरी हैं। यदि इनमें से सिर्फ 8000 हितग्राही ही पौधे रोप दें तो भी लक्ष्य से आगे निकल सकते हैं। इनके अलावा सामाजिक संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न माध्यमों से अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं।

पौधा रोपें, सेल्फी लें और अपलोड कर दें वायुदूत एप पर

अभियान से जुड़े जिला पंचायत के महेंद्र सिंह ने बताया अंकुर अभियान को सार्थक बनाने के लिए वायुदूत एप भी लांच किया गया है। इसे आप अपने स्मार्ट फोन पर डाउनलोड कर अपना रजिस्ट्रेशन करें। पौधा लगाने के बाद उसके साथ एक सेल्फी लें और उसे अपने मोबाइल फोन की मदद से वायुदूत एप पर अपलोड कर दें। पौधे की देख-रेख करें और एक महीने बाद रोपे गए उसी पौधे का उसी लोकेशन पर फिर से सेल्फ लें और उसे भी अपलोड कर दें। फोटो अपलोड करते ही आपको मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाला प्रमाण-पत्र जारी होगा। 6 माह तक पौधा सुरक्षित रहने पर फिर ऐसी ही प्रक्रिया दोहराएं। यदि आपका पौधा सुरक्षित रहता है तो आप पुरस्कार के लिए होने वाले प्रतियोगिता के पात्र होंगे जिसमें चयनित होने पर आपको शासन पुरस्कृत करेगा। पौधा अपनी जमीन अथवा दूसरे की जमीन पर भी रोपा जा सकता है। दूसरे की जमीन पर पौधा रोपने के लिए संबंधित से लिखित अनुमति प्राप्त करना होगी। बता दें कि रोपा गया पौधा सुरक्षित है या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन राज्य स्तर पर ही रेंडम आधार पर होता है। इसके लिए मप्र जन अभियान परिषद के अलावा दो शासकीय व्यक्ति भी अधिक्रत हैं जो राज्य से सूची प्राप्त होने पर मौके पर जाकर सत्यापन करते हैं।

अंकुर अभियान में ये पौधे रोप कर सकते हैं आप

आचार, अमलतास, अशोक, आवला, आकाशनीम, आम, कचनार, इमली, करंज, करधई, कुसुम, केम, गुलमोहर, चंपा, गूलर, जंगल जलेबी, तून, तेंदू, त्रिलमा, धामन, धावड़ा, नीम, नीला गुलमोहर, पलाश, पाकर, पारस पीपल, पीपल, पापलर, बकायन, बरगद, बीजा, बेर, मधुकामिनी, महानीम, महुआ, मौलश्री, लसोड़ा, शहतूत, शिकाकाई, शीशम, सहजन, सागौन, साज, साल, सुबबूल, सेलिक्स, हल्दु इत्यादि को भी ऐसा पैधा जो गमले में रोपने वाली प्रजाति न हो।

वायुदूत एप का उपयोग कर अंकुर अभियान से जुड़ने के लिए यह प्रक्रिया अपनाएं

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