विश्व पुस्तक दिवस आज : ‘सहेजें पुस्तकों को नित खंगालें...’ और ‘पुस्तक के बन जाइए अब तो सच्चे मित्र...’
आज विश्व पुस्तक दिवस है। पुस्तक जिसे हम किताब और BOOK भी कहते हैं वे सिर्फ ज्ञान अर्जन का भंडार ही नहीं बल्कि हमारी सच्ची दोस्त भी हैं। इसका महत्व बताती दो ख्यात साहित्यकार और रचनाकार अज़हर हाशमी और आशीष दशोत्तर की दो रचनाएं प्रस्तुत हैं। किताबों के बारे में देश और दुनिया के महान लोगों के क्या विचार हैं, वे भी जानें।

सहेजें पुस्तकों को, नित खंगालें !
समय पढ़ने का थोड़ा-सा निकालें !
सहेजें पुस्तकों को नित खंगालें !
छिपा जीवन का दर्शन पुस्तकों में
भ्रमर-गीतों का गुंजन पुस्तकों में
निहित शब्दों का अर्चन पुस्तकों में
महकता मोक्ष-चिंतन पुस्तकों में
सभी सद्ग्रंथों को मन में बसालें!
सहेजें पुस्तकों को नित खंगालें !
है पुस्तक मार्गदर्शक, मीत भी है
अशुभ पर, इसमें शुभ की जीत भी है
नवीन अवधारणा है, रीत भी है
यूं पुस्तक ताल-लय-संगीत भी है
सुनें पुस्तक की लय, मन में रमालें!
सहेजें पुस्तकों को नित खंगालें !
कला-संस्कार का भंडार पुस्तक
यानी विज्ञान का व्यवहार पुस्तक
धरम-अध्यात्म का संसार पुस्तक
सदा सद्ज्ञान का त्योहार पुस्तक
पढ़ें हम पुस्तकों को शिक्षा पालें!
सहेजें पुस्तकों को नित खंगालें !
अज़हर हाशमी
(कवि, साहित्यकार, समालोचक)
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पुस्तक के बन जाइए, अब तो सच्चे मित्र
पुस्तक इक विश्वास है, पुस्तक है इक आस,
जा कर थोड़ा देखिए, अब पुस्तक के पास।
पुस्तक शीतल छंद है, पुस्तक मंद समीर,
पुस्तक ही है ज्ञान की, इक ऊंची प्राचीर।
मोबाइल के ज्ञान से मत पुस्तक को आंक,
पुस्तक कोई खोल के तू उसमें भी झांक।
जिसके हाथों को रहा, पुस्तक का अभ्यास,
उसके हाथों में रहा, एक नया विश्वास।
ऑनलाइन पढ़ते रहो, चाहे तुम दिन-रात,
इक पुस्तक के आएंगे, उसमें क्या जज़्बात?
पुस्तक घर में है जहां, वह घर लगे पवित्र,
पुस्तक के बन जाइए, अब तो सच्चे मित्र।
पुस्तक दे शुभकामना, पुस्तक दे आशीष,
पुस्तक को ही मानिए, अब तुम अपना ईश।
आशीष दशोत्तर
(युवा साहित्यकार, कवि, शिक्षक)
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पुस्तक (किताब) की महिमा इनकी नज़र में
महात्मा गांधी
नौ रत्नों से बढ़कर, किताब अनमोल रत्न है, जिसकी कोई कीमत नहीं है।
लोकमान्य बालगंगाधर तिलक
किताबों में वह शक्ति होती है, जो किसी नरक को स्वर्ग बना देती है।
अब्राहम लिंकन
मैं यही कहूंगा कि, वही मेरा सबसे अच्छा दोस्त है, जो मुझे ऐसी किताब दे जो आ तक मैंने न पढ़ी हो।
बर्नाड शॉ
विचारों के युद्ध में किताबें ही अस्त्र होती हैं।
टालस्टाय
एक बुरी किताब पढ़ना, जहर पीने के समान होता है।
विलियम फेदर
किताबें आपके दिमाग को खोलती हैं, आपकी सोच को बड़ा करती हैं और आपको मजबूत बनाती हैं। ऐसा और कोई नहीं कर सकता।
जे. के. रोलिंग
मुझे इस बात पर पूरा विश्वास है कि जब भी आप कोई अच्ची किताब पढ़ते हैं, तो कोई न कोई मैजिक होता है।
चार्लिन हैरिस
किताबें, सबसे सस्ती छुट्टियां हैं, जिसे आप खरीद सकते हैं।
जेरेमी कोलियर
किताबें एकांत में हमारा साथ देती हैं और हमें खुद पर बोझ बनने से बचाती हैं।
हॉर्पर ली
किताबें वे नहीं होती, जो आप सोचते हैं बल्कि किताबें आपको सोचने पर मजबूर करती हैं।
अन्ना क्विन्डलेन
किताबें विमान हैं, ट्रेन हैं और सड़कें हैं। ये मंजिल है, और यात्रा भी। ये घर हैं।
जेन ऑस्ट्रेन
वह किताब छोटी लगने लगती है, जो अच्छी लिखी गई है।
हरुकी मुराकामी
अगर आप सिर्फ वही किताबें पढ़ते हैं जो बाकी सभी पढ़ रहे हैं, तो आप वही सोच पाएंगे जो बाकी सभी सोच रहे हैं।