डॉ. प्रदीपसिंह राव ने बहुआयामी विषयों को बनाया जीवन के पृष्ठ, ‘कुछ तो लोग कहेंगे ही’ पुस्तक का हर शब्द बोलता सा लगता है- काश्यप

प्रध्यापक डॉ. प्रदीपसिंह राव की सेवानिवृत्ति के मौके पर उनकी 16वीं पुस्तक कुछ तो लोग कहेंगे ही का विमोचन विधायक चेतन्य काश्यप ने किया।

डॉ. प्रदीपसिंह राव ने बहुआयामी विषयों को बनाया जीवन के पृष्ठ, ‘कुछ तो लोग कहेंगे ही’ पुस्तक का हर शब्द बोलता सा लगता है- काश्यप
प्राध्यापक डॉ. प्रदीपसिंह राव की पुस्तक 'कुछ तो लोग कहेंगी ही' का विमोचन करते विधायक चेतन्य काश्यप एवं अन्य।

प्राध्यापक डॉ. प्रदीपसिंह राव की 16वीं पुस्तक का विमोचन करते हुए विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । प्राध्यापक डॉ. प्रदीपसिंह राव अपनी चार दशक की उच्च शिक्षा विभाग की सेवा से निवृत हो गए। इस अवसर पर परिवार द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के दौरान उनकी 16वीं पुस्तक "कुछ तो लोग कहेंगे ही" का नगर विधायक चेतन्य काश्यप ने विमोचन किया।

विमोचन करते हुए विधायक काश्यप ने कहा कि डॉ. राव ने आजीवन चिंतन और साधना का मार्ग अपनाया। उन्होंने हर विषय पर लिखा। हिंदुस्तान से अफ़ग़ानिस्तान तक शोधपरख लेख लिखे, डॉ. वेदप्रताप वैदिक के सान्निध्य मे सृजन किया। इस पुस्तक की सहज शैली के हर शब्द बोलते से लगते हैं। डॉ. राव ने इस पड़ाव से जो नवजीवन शुरू किया है उससे नगर और समाज को लाभ होगा। काश्यप ने कहा कि डॉ. वैदिक अपने जीवन में जिन 8-10 प्रमुख लोगों का जिक्र करते थे, उनमें डॉ. राव का नाम भी शामिल है।

विधायक काश्यप ने राव को अपना मित्र बताते हुए चेतना समाचार-पत्र के संपादकीय की व्यवस्था सहित अन्य पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। विधायक काश्यप ने बताया कि डॉ. राव ने कभी अपने लिए कुछ नहीं चाहा। जब भी उन्हें बैतूल, सैलाना, खाचरौद जैसी जगह के महाविद्यालयों में भेजा गया तो उन्होंने सहज भाव से जिम्मेदारी को स्वीकार किया। उन्होंने कभी यह इच्छा जाहिर नहीं की कि उन्हें शहर में रहना है, बल्कि मैं जरूर इस बात को लेकर चिंतित रहता था। 

अच्छे लक्ष्य पर चलें और किसी के कुछ कहने से विचलित न हों- डॉ. राव

अपने सम्मान समारोह और पुस्तक विमोचन समारोह को डॉ. राव ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पुस्तक के शीर्षक ‘कुछ तो लोग कहेंगे ही’ का आशय यह है कि आप अच्छे लक्ष्य पर चलें और किसी के कुछ कहने से विचलित न हों। हर तरह के सुख-दुख को समेटने वाली यह पुस्तक स्वर्गीय वैदिक जी को समर्पित है। जीवन प्रबंधन और हर पहलू पर आधारित इस पुस्तक को कैंसर पीड़ितों के सहायतार्थ अर्पित किया है। इसकी आय को कैंसर पीड़ितों को भेंट किया जाएगा।

पुस्तक की आय में उतनी ही राशि मिलाकर करेंगे कैंसर पीड़ितों की सेवा- अग्रवाल

इस अवसर पर कैंसर केयर ट्रस्ट के अशोक अग्रवाल ने घोषणा की कि इस पुस्तक की विक्री से जो भी आय होगी उसमे उतनी ही राशि वे मिलाकर कैंसर पीड़ितों को अर्पित करेंगे। पुस्तक विमोचन से पूर्व मुख्य अतिथि काश्यप, पूर्व प्राचार्य डॉ. ललिता निगम, शासकीय महाविद्यालय खाचरौद के जनभागीदारी समिति अध्यक्ष अमित सेठी का स्वागत साऊदी अरब में ग्लोबल इंटरनेशनल एजुकेशन स्कूल्स के स्टेट एसोसिएट डायरेक्टर पार्श्वदीप सिंह ने किया।

पिता ने पुत्र के अभिनंदन में लिखा पत्र, भाई की छलक पड़ी आंखें

खास बात यह रही कि डॉ. प्रदीपसिंह राव की सेवानिवृत्ति के खास मौके पर उनके पिता 94 वर्षीय बलभद्र सिंह राव (सेवानिवृत्त SPO) ने स्वयं अभिनंदन पत्र लिखा। इसमें डॉ. राव के कार्यक्षेत्र को शब्दों की मालिका में गूथते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों को सराहा। अभिनंदन पत्र का वाचन डॉ. राव के भाई पंकज सिंह ने किया। इस दौरान वे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर सके और आंखें द्रवित हो गईं।

सुकमा में पहले छात्र रहे चारण ने सपत्नीक किया अपने गुरु का अभिनंदन

प्राध्यापक के रूप में डॉ. राव की पहली कर्मस्थली सुकमा में पहले छात्र रहे मूलदान चारण (शिक्षक) ने सपत्नीक रतलाम पहुंच कर डॉ. राव का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षक और मार्दर्शक ही एक छात्र का भविष्य रचते हैं। आज वे डॉ. राव की दी गई शिक्षा और आशीर्वाद की बदौलत ही शिक्षक हैं।

नए जीवन के लिए दी शुभकामनाएं

शिक्षाविद्, इतिहासकार, संपादक, पत्रकार, लेखक डॉ. राव का परिवारजन, प्राध्यापकों, उद्योगपतियों, ईष्ट-मित्रों आदि ने अभिनंदन कर उनके नए जीवन के लिए शुभकामनाएं अर्पित कीं। संचालन डॉ. रविंद्र उपाध्याय ने किया। आभार पार्श्वदीप सिंह राव ने माना। इस अवसर पर बड़ी संख्या में परिजन, शिक्षाविद्, प्राध्यापक, जनप्रतिनिधि सहित अन्य सुधिजन उपस्थित रहे।